सहारनपुर: बरसात की शुरुआत के साथ ही हर कोई घेवर और मिठाइयों की बात करने लगता है. कई दुकानें तो इतनी फेमस है कि यहां का घेवर खा आप दीवाने हो जाएंगे. सहारनपुर में मिलने वाला घेवर सावन महीने के दौरान लोगों को खूब भाता है. गंगोह कस्बे की मोधू की दुकान से बना घेवर सालों से लोगों की दीवाना बनाए हुए है. आइए जानते हैं इस स्पेशल घेवर की खासियत.
यूपी का सबसे फेमस घेवर
सहारनपुर की यह दुकान 100 साल से ज्यादा पुरानी है. इस दुकान पर घेवर लेने के लिए लोग दूर-दराज से आते हैं. घेवर का दाम ₹400 किलो है. इस घेवर में चीनी नहीं डाली जाती है. इसको मीठा करने के लिए रबड़ी का इस्तेमाल किया जाता है. जो कि इसके स्वाद को और बढ़ा देती है. रोजाना 100 किलो से अधिक घेवर इस दुकान पर बिक जाता है.
कैसे बनता है घेवर?
इस खास घेवर को बनाने के लिए घर पर बनी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है. घेवर पर लगाई जाने वाली रबड़ी को स्पेशल तरीके से तैयार किया जाता है. साथ ही घेवर तैयार होने के बाद उसको चाशनी में नहीं डुबोया जाता. त्योहारों में घेवर लेने के लिए लोगों की लंबी लाइन लगती है.
विदेशों तक है मशहूर
दुकान के मालिक मनोज कुमार बताते हैं कि आजादी से पहले से उनकी दुकान चली आ रही है. शुरू से ही उनका घेवर बनाने का तरीका सबसे अलग है. इस घेवर की पैदाइश ही उनकी दुकान से हुई है. दुकान पर बैठकर कारीगरों के साथ मिलकर इस घेवर को तैयार करवाते हैं. साथ ही घेवर को चासनी में नहीं डुबाया जाता, बल्कि रबड़ी लगाकर स्वादिष्ट बनाया जाता है. इसे रबड़ी घेवर के नाम से भी जाना जाता है. आसपास रहने वाले लोग जो विदेशों में सेटल हो चुके हैं, वह आज भी यहां से घेवर को मंगा कर खाते हैं. त्योहारों में तो दुकान पर घेवर लेने वालों की लंबी कतार लगती है.
FIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 10:39 IST
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