Sunday, December 8, 2024
23 C
Surat

लिट्टी-चोखा खाए तो खूब होंगे, आज जान लीजिए उसका इतिहास, एक युद्ध से ऐसे हुई खोज


बलिया: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का लिट्टी चोखा जितना मशहूर है उतना ही लंबा चौड़ा इसका इतिहास भी है. इसका इतिहास काफी रोचक है. इस भृगु नगरी में प्राचीन काल से ही शाकाहारी खाना खाने वाले लोग रोटी, दाल, भात, तरकारी, चटनी, अचार, सलाद, पापड़ और हलुआ पसंद करते आ रहे हैं. बलिया जिले को भोजन के मायने में वैश्विक स्तर पर स्थान दिलाने वाले लिट्टी-चोखा की भी अपनी विशेष पहचान है. बलिया में सतुआ चना, जौ, मक्का और बेझड़ अनाज के बने लाजवाब व्यंजन आज भी बड़े आनंद से बनाए और खाए जाते हैं. लिट्टी चोखा का सही नाम भउरी चोखा है.

प्रख्यात इतिहासकार डॉ. शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने कहा कि, “बलिया के लिट्टी-चोखा का डंका आज पूरी दुनिया में बजता है. वैसे तो बाटी-चोखा, दाल और चूरमा के साथ खाने का रिवाज देश के अनेक प्रदेशों में है लेकिन, बलिया के लिट्टी-चोखा में अन्दर से बाहर तक खासियत होती है.

क्या है बलिया के लिट्टी चोखा में खासियत
इस लिट्टी के अंदर डाले जाने वाले चने का सत्तू सबसे शुद्ध होता है इसलिए इसे वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट में भी शामिल किया गया है. सत्तू में अजवायन, मंगरैला, हींग, नींबू, अदरक, सरसों तेल, काला नमक, सेंधा नमक लहसुन आदि अनेक चीजें मिलाकर भभरी यानी भरवां बनाया जाता है. इस भरवां को गूंथे हुए आटे में भरकर गोइंठा (गोबर के कंडे) पर पकाया जाता है. फिर इसे देशी घी, दहीं, आलू, टमाटर और बैगन के चोखे के साथ खाया खिलाया जाता है.

लिट्टी चोखा का बलिया से है गहरा नाता
बात प्राचीन काल की है जब भृगु कच्छ के रण में मुहम्मद गजनी सोमनाथ मंदिर को लूट कर गजनी जा रहा था. उस समय राजपूतों की सेनाओं ने उसका पीछा किया था. एक बार भोजन बनाते समय ही गजनी की सेना ने राजपूतों की सेना पर आक्रमण कर दिया था. सैनिकों ने गूंथे हुए आटे को छोटे-छोटे टुकड़े में तोड़ कर गर्म बालू की रेत में तोप दिया. देर रात जब वह लौट कर आए तो वह आटे की लोइयां सिंक कर पक गयीं थीं और खाने में भी स्वादिष्ट लग रहीं थीं.

बलिया वालों ने किया दूसरा प्रयोग, दिया विस्तार
इस प्रयोग को बलिया वासियों ने पहलें गंगा-सरयू नदी के तीर के सफेद बालू में आजमाया. बाद में इसे तीर पर मिलने वाले गोबर के कंडे पर बनाया. फिर स्वाद के दीवाने इसे घर पर पाथे हुए उपले यानी गोइंठा पर बनाने लगे. वर्तमान समय में कुछ लोग इलेक्ट्रानिक ओवन और कोयले पर भी बनाने लगे हैं लेकिन गोइंठा, भरसांई (अनाज भूनने की बड़ी भट्ठी) और ईंट भट्ठों की आग में पकी लिट्टी का कोई जबाब नहीं है.


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-how-litti-chokha-was-discovered-by-whom-ballia-expanded-its-identity-local18-8815250.html

Hot this week

benefits gucchi mushroom rare expensive vegetable himalayan medicine food sa – Bharat.one हिंदी

03 औषधीय गुणों से भरपूर: डॉ. अनिल कुमार...

Topics

benefits gucchi mushroom rare expensive vegetable himalayan medicine food sa – Bharat.one हिंदी

03 औषधीय गुणों से भरपूर: डॉ. अनिल कुमार...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img