Wednesday, September 24, 2025
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आखिर कहां से हुई थी तिलकुट के बनने की शुरूआत? सोंधी खुशबु मोह लेता है लोगों का मन, ठंड में अधिक डिमांड



गया:- ठंड के दस्तक देते ही गया की गलियों में तिल कि सोंधी खुशबू की महक तेजी से आने लगी है. गया शहर के रमना रोड, स्टेशन रोड और टिकारी रोड में 200 से भी अधिक ऐसे दुकान है, जहां तिल, चीनी और गुड़ से तिलकुट तैयार किया जा रहा है. यह वही तिलकुट है, जिसकी उत्पत्ति गया जिले से ही मानी जाती है और आज पूरे देश भर में प्रसिद्ध है. आज के दिन में तिलकुट के व्यवसाय से गया में लगभग 1000 लोग जुड़े हुए हैं और इससे 5000 लोगों का परिवार चल रहा है. 15 नवंबर से इसका निर्माण शुरू हो जाता है, जो मकर संक्रांति तक चलता है. 2 से 3 महीने का इसका बाजार होता है.

तिलकुट की तासीर ठंडी
ठंड के दिनों में तिल से बने तिलकुट खाने के लिए लोग बेताब रहते हैं. माना जाता है कि इसकी तासीर गर्म होती है, जिस कारण सर्दियों में चिकित्सक तिल के बने सामान खाने की भी सलाह देते हैं. गया के अलग-अलग बाजारों में अलग-अलग वैरायटी के तिलकुट बनाए जाते हैं. गया शहर से 40 किलोमीटर दूर मोहनपुर प्रखंड में डंगरा गांव है, जिसके बारे में कहा जाता है कि तिलकुट की उत्पत्ति इसी गांव से हुई थी और यहां का गुड़ का तिलकुट पूरे राज्य भर में प्रसिद्ध है. जबकि टिकारी में शक्कर का तिलकुट बनता है और इसकी भी एक अलग पहचान है.

टिकारी और डंगरा के अलावा, अब गया शहर में भी बड़े पैमाने पर तिलकुट के व्यवसाय से लोग जुड़े हुए हैं. यहां देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी तिलकुट खूब भाती है. कहा जाता है कि अगर तिलकुट की पैकेजिंग सही से हो, तो यह कभी खराब नहीं होती. हाल के पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार और गया जिला प्रशासन ने भी तिलकुट के व्यवसायियों को काफी सहयोग की है और इसके ब्रांडिंग, मार्केटिंग और पैकेजिंग में मदद की है. कई लोगों को उद्योग विभाग के माध्यम से तिलकुट के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए लोन उपलब्ध कराया गया है.

देशभर में प्रसिद्ध है यहां का तिलकुट
तिलकुट के व्यवसाय के बारे में Bharat.one को जानकारी देते हुए तिलकुट व्यवसायी संघ के अध्यक्ष लालजी प्रसाद बताते हैं कि इनके पूर्वजों के द्वारा गया में तिलकुट बनाने की शुरुआत की गई थी. आज यहां के तिलकुट पूरे राज्य ही नहीं, बल्कि देश भर में प्रसिद्ध हैं. 3 महीने की यह मिठाई होती है और खास करके ठंड के मौसम में इसे तैयार किया जाता है. मकर संक्रांति के दिन भी इसकी खूब डिमांड रहती है. गया में इसके व्यवसाय से 1000 से अधिक लोग जुड़े हुए हैं. तिल का तासीर गर्म होने के कारण यह ठंड के दिनों में काफी लाभदायक माना जाता है.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-tilkut-originated-gaya-sweet-fragrance-start-famous-in-india-never-spoils-know-specialty-local18-8884988.html

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