Saturday, December 13, 2025
22 C
Surat

आदिवासियों का पीठा… सूजी, गुड़, दूध से ऐसे होता तैयार, एक बार चख लिया तो कहेंगे- स्वाद के सामने रसमलाई फेल – Jharkhand News


Last Updated:

सर्दियों में पीठा बनाने और खाने का चलन काफी पुराना है. अलग-अलग इलाकों में इसे बनाने का तरीका भी विभिन्न होता है. वहीं, आदिवासी भी खास तरीके का पीठा बनाते हैं. जो खाने में काफी मजेदार होता है. इसके लिए सूजी, गुड़ और दूध की जरूरत पड़ती है. आप इसे घर पर आसानी से बना सकते हैं. रेसिपी जानने के लिए पढ़ें रिपोर्ट…

पकवान

सर्दियों का मौसम शुरू होते ही झारखंड की रसोईयों में कई तरह के पारंपरिक व्यंजनों की खुशबू फैलने लगती है. इन्हीं में से एक है सूजी से बनने वाला पारंपरिक पीठा. इसे सर्दियों में बड़े चाव से खाया जाता है. मीठे स्वाद और मुलायम बनावट की वजह से यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी का पसंदीदा पकवान है.

पकवान

झारखंड के आदिवासी परिवारों में यह पकवान परंपरा का एक अहम हिस्सा है. उत्सव, पूजा-पाठ और पारिवारिक कार्यक्रमों में सूजी का पीठा विशेष रूप से बनाया जाता है. सर्द मौसम में इसकी गर्मागर्म मिठास हर किसी को अपनी ओर खींच लेती है. यह आसानी से बनने वाला व्यंजन होने के कारण लगभग हर घर में तैयार किया जाता है.

पकवान

रेसिपी साझा करते हुए आदिवासी महिला रवीना कच्छप बताती हैं कि सूजी का पीठा बनाना बेहद आसान है और इसे बनाने के लिए ज्यादा सामग्री की जरूरत नहीं पड़ती. यही वजह है कि सर्दियों के दौरान यह पकवान लगभग हर घर में मौजूद रहता है.

Add Bharat.one as
Preferred Source on Google

पकवान

उन्होंने आगे बताया कि इस व्यंजन को तैयार करने के लिए सबसे पहले कढ़ाई में पानी गर्म किया जाता है. लगभग एक लीटर पानी उबलने के बाद इसमें 500 से 700 ग्राम सूजी डालकर लगातार चलाते हुए पकाया जाता है. यह मिश्रण तब तक पकाया जाता है जब तक सूजी पूरी तरह सूखकर गाढ़ी न हो जाए. इसके बाद इसे कढ़ाई से निकालकर कुछ मिनटों के लिए ठंडा होने दिया जाता है.

पकवान

उन्होंने आगे बताया कि जब सूजी का मिश्रण हल्का ठंडा हो जाता है तब इसे हाथों से अच्छी तरह मसलकर सॉफ्ट किया जाता है. इसके बाद पीठा बनाने का सबसे महत्वपूर्ण चरण शुरू होता है. सूजी को पहले लंबा आकार दिया जाता है और फिर उसके छोटे-छोटे हिस्से काटे जाते हैं. इन्हें चकला की मदद से हल्के गोल और लंबे आकार में दबाकर पीठा का रूप दिया जाता है. कई बार सूजी हाथों में चिपकने लगती है, हल्का सा मैदा हाथों में लगाकर चिपकने से रोक जा सकता है.

पकवान

इसके बाद पीठा को पकाने के लिए एक लीटर फुल क्रीम दूध कढ़ाई में गर्म किया जाता है. उबलते दूध में चीनी, गुड़ या बतासे मिलाए जाते हैं. अगर चीनी का उपयोग किया जा रहा हो तो इसमें थोड़ा फूड कलर या केशर का पानी डालकर रंग और स्वाद बढ़ाया जाता है. इसमें स्वाद बढ़ाने के लिए मिल्क पाउडर भी मिलाया जाता है. दूध हल्का गाढ़ा होने लगे तो तैयार किए गए सूजी के पीठे को दूध में डालकर कुछ मिनटों तक पकाया जाता है.

पकवान

कुछ देर बाद जब पीठा दूध का स्वाद पूरी तरह सोख लेता है, तो यह पकवान पूरी तरह तैयार हो जाता है. इसकी खुशबू दूर तक फैल जाती है और घर के सभी सदस्य इसे खाने के लिए उत्सुक हो जाते हैं. सर्दियों में यह व्यंजन न केवल स्वाद बल्कि गर्माहट और ऊर्जा का भी बढ़िया स्रोत माना जाता है.

पकवान

झारखंड के ग्रामीण इलाकों में आज भी सर्दियों के मौसम में सूजी का पीठा घर-घर बनाया जाता है. परिवार के लोग मिलकर इसे तैयार करते हैं और बातचीत के साथ इस पारंपरिक मिठास का आनंद लेते हैं. यही वजह है कि यह व्यंजन सर्दी का मौसम आते ही झारखंड की रसोई में अपनी खास जगह बना लेता है.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homelifestyle

आदिवासियों का पीठा… सूजी, गुड़, दूध से ऐसे होता तैयार, भूल नहीं पाएंगे स्वाद


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/recipe-sooji-ka-pitha-traditional-sweetness-of-jharkhand-tribal-winter-dish-local18-ws-kl-9957888.html

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img