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एक समय था जब खिचड़ी को बीमारों का खाना कहा जाता था. लेकिन आज यह सुपरफूड बन गई है. इसे ज्यादातर सेलिब्रिटीज खाना पसंद करते हैं. यह खाने में हेल्दी और पचाने में आसान होती है. डायटीशियन भी इसे खाने की सलाह देते है…और पढ़ें
खिचड़ी को मूंगदाल, साबूदाना या बाजरा डालकर बनाया जा सकता है (Image-Canva)
Health benefits of khichdi: पिछले दिनों बॉलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर खान ने एक इंटरव्यू में खिचड़ी को अपना फेवरेट फूड बताया. उन्होंने कहा कि उन्हें खिचड़ी इतनी पसंद है कि वह इसे हफ्ते में कम से कम 5 बार खा सकती हैं. खिचड़ी बेहद पौष्टिक होती है लेकिन लोग इसे तभी खाते हैं, जब वह बीमार पड़ते हैं. 2017 में खिचड़ी को भारत की नेशनल डिश घोषित कर दिया गया था.
हजारों साल पुरानी है खिचड़ी
खिचड़ी कब और किसने बनानी शुरू की, इसका कोई प्रमाण नहीं है लेकिन इतिहासकारों का मानना है कि भारत में पहली बार खिचड़ी 2525 साल पहले वैदिक काल में बननी शुरू हुई. तब इसे क्षुरिका कहा जाता था जो दूध, दाल और चावल से बनती थी. एक जमाने में यह रॉयल फूड थी. मोरक्को के यात्री इब्न बतूता ने भारत के बारे में लिखकर खिचड़ी का जिक्र किया था. उन्होंने इसे चावल, मूंग दाल, मसालों और मक्खन का मिश्रण बताया. वहीं मुगल काल में यह शाही पकवान थी. इसे देसी घी और केसर डालकर बनाया जाता था. लेकिन जब भारत में अंग्रेजों का कब्जा हुआ तो उन्होंने इसे गरीबों का खाना बताया और वेस्टर्न डाइट पर जोर दिया.
पोषक तत्वों से भरपूर
खिचड़ी के बारे में एक कहावत है- खिचड़ी के 4 यार-दही, घी, अचार और पापड़. इसमें दाल और सब्जियां डाली जाती हैं जिसमें कई तरह के विटामिन, मिनिरल्स और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है जिससे मसल्स मजबूत बनते हैं. इसे खाने से इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग बनता है और ब्लड शुगर कंट्रोल रहती है क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. हल्दी, हींग और अदरक डालने से यह शरीर में इंफ्लामेशन को रोकती है.
पेट के लिए अच्छी है
आयुर्वेद में खिचड़ी को खाना फायदेमंद बताया गया है. आयुर्वेद आचार्य डॉ.एस. पी. कटियार कहते हैं कि खिचड़ी हल्का भोजन है. इससे वात, पित्त और कफ दोष संतुलित रहते हैं. यह आसानी से पच जाती है और इससे आंतों की सेहत भी ठीक रहती है. जिन लोगों को अपच, ब्लोटिंग, गैस या एसिडिटी की दिक्कत है, उन्हें खिचड़ी फायदा करती है. इससे बाउल मूवमेंट अच्छी रहती है जिससे कब्ज की समस्या दूर होती है.
बॉडी को करे डिटॉक्स
खिचड़ी में क्लिनजिंग प्रॉपर्टी होती हैं जिससे पेट की गंदगी दूर होती है और शरीर डिटॉक्स हो जाता है. जिन्हें पेट या लिवर डिटॉक्स करना है, उन्हें डाइट में इसे जरूर शामिल करना चाहिए. इससे वजन भी नियंत्रित रहता है. दरअसल इसमें फाइबर की मात्रा अधिक और कम कैलोरी होती हैं जिससे पेट लंबे समय तक भरा हुआ रहता है और क्रेविंग नहीं होती. जिन लोगों को ग्लूटन से एलर्जी है, उनके लिए खिचड़ी खाना बहुत अच्छा है क्योंकि यह ग्लूटन फ्री होती है.
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