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छठ पूजा की थाली में रसिया प्रसाद का विशेष स्थान होता है. यह सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि भक्ति, शुद्धता और परंपरा का प्रतीक माना जाता है. गुड़, चावल और दूध के मेल से बनने वाला यह प्रसाद अपनी सादगी में भी गहरा स्वाद समेटे होता है, जिसे श्रद्धा के साथ सूर्य देव को अर्पित किया जाता है. आइए जानते है इसकी रेसिपी…

रसिया छठ पूजा का प्रमुख और पवित्र प्रसाद होता है. इसे बनाने के लिए सबसे पहले दूध को उबालकर उसमें धुले हुए चावल डाले जाते हैं. जब चावल नरम हो जाएं तो उसमें गुड़ मिलाया जाता है. धीमी आंच पर पकने से इसका स्वाद गाढ़ा और मीठा बन जाता है. इलायची और घी की हल्की खुशबू इस प्रसाद को भक्ति और स्वाद दोनों का एहसास कराती है.

छठ पूजा में रसिया को विशेष भोग के रूप में तैयार किया जाता है. सबसे पहले दूध में चावल डालकर धीरे-धीरे पकाया जाता है ताकि उसमें गाढ़ापन आ सके. फिर उसमें गुड़ मिलाकर हल्का सुनहरा रंग आने तक पकाया जाता है. गुड़ की मिठास और दूध की मलाई इसे खास बनाती है. इसका स्वाद न ज्यादा मीठा होता है, न फीका बस भक्ति से भरा संतुलन लिए होता है.

रसिया बनाने की शुरुआत शुद्धता से होती है. चावल को अच्छी तरह धोकर देसी दूध में पकाया जाता है. जब चावल मुलायम हो जाएं, तब गुड़ डालकर चलाया जाता है ताकि स्वाद हर दाने में घुल जाए. थोड़ी इलायची और घी डालने से इसकी खुशबू मन मोह लेती है. पूजा में इसे सूर्य देव को अर्पित किया जाता है और श्रद्धालु इसे प्रसाद रूप में ग्रहण करते हैं.

रसिया प्रसाद की खासियत इसकी सरलता और देसी स्वाद में है. इसे पकाने के लिए देसी दूध, चावल और गुड़ का मेल किया जाता है. दूध में पकते चावल से धीरे-धीरे हल्की मिठास और खुशबू फैलती है. जब गुड़ मिलाया जाता है, तो इसका रंग भूरा और स्वाद गाढ़ा हो जाता है. इसे ठंडा करके सूर्य देव को अर्पित किया जाता है.

छठ पूजा का रसिया प्रसाद हर घर में श्रद्धा से तैयार किया जाता है. उबले दूध में चावल डालकर पकाया जाता है, फिर गुड़ मिलाने से इसका रंग और मिठास दोनों बढ़ जाते हैं. घी की कुछ बूंदें डालने से इसका स्वाद और भी खास बन जाता है. रसिया खाने में हल्का, पौष्टिक और प्रसाद के रूप में अत्यंत शुभ माना जाता है.
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