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Summer Vegetables: हिमाचल प्रदेश के जंगलों में उगने वाली सब्जियों का सीजन शुरू हो चुका है. ये जंगली सब्जियां सिर्फ गर्मी में मिलती हैं. इन्हें ग्रामीण इकट्ठा कर शहरों में बेचते हैं. आयुर्वेद में इनका खास महत्व …और पढ़ें
फेगड़ी की तस्वीर
हाइलाइट्स
- हिमाचल में गर्मी में उगती हैं पौष्टिक जंगली सब्जियां
- ग्रामीण इकट्ठा कर शहरों में बेचते हैं ये सब्जियां
- आयुर्वेद में इन सब्जियों को ताकत का खजाना माना गया है
Summer Healthy Food: हिमालय के जंगल रहस्यों से भरे पड़े हैं. यहां सिर्फ चमत्कारी औषधियां ही नहीं, पौष्टिक जंगली सब्जियां भी मिलती हैं. खास बात ये कि ये सब्जियां सिर्फ गर्मी में ही उगती हैं, जिन्हें स्थानीय लोग चुनकर शहर के बाजारों तक पहुंचाते हैं. मंडियों में इन सब्जी मांग काफी होती है, क्योंकि ये कुछ ही दिन मौजूद रहने वाली होती हैं.
हिमाचल में मंडी के जंगलों में ये सब्जियां बिना किसी खाद के उगती हैं. केवल कुछ समय के लिए ही लोग इन्हें खा पाते हैं. इन जंगलों में कर्यले, टिंडे, फेगड़ी, लिंगड़ जैसी सब्जियां होती हैं, जो न सिर्फ स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि शरीर के लिए भी फायदेमंद होती हैं. आयुर्वेद में इन्हें ताकत का खजाना कहा गया है. इसके गुणों को जानने के बाद आप भी इन्हें ढूंढेंगे.
ताकत का खजाना
मंडी जिले की इन जंगली सब्जियों को ग्रामीण इकट्ठा करते हैं और कड़ी मेहनत के बाद इन्हें बाजारों तक पहुंचाते हैं. यहां शहर के लोग इन्हें खरीदते हैं. ये जंगली सब्जियां ग्रामीण लोगों के लिए रोजगार का माध्यम भी बनती हैं और उन्हें आत्मनिर्भर बनाती हैं. एक तरफ उनकी कमाई होती है तो दूसरी तरफ लोगों को ताकत का खजाना खाने को मिलता है.
सब्जी के साथ-साथ बनाएं अचार
कर्यले, टिंडे, फेगड़ी का उपयोग केवल सब्जी बनाने के लिए ही नहीं किया जाता, बल्कि इन्हें सरसों तेल और मसालों के साथ मिलाकर अचार भी बनाया जाता है. यह अचार काफी स्वादिष्ट होता है. गर्मियों में इसका सेवन शरीर को ठंडक पहुंचाता है. वहीं, मंडी के स्थानीय निवासी और साहित्यकार आकाश शर्मा के मुताबिक, पुराने समय में लोग खुद जंगलों में इन सब्जियों को इकट्ठा करने जाते थे, लेकिन आज के समय में ग्रामीण लोग इन्हें इकट्ठा करके शहर में बेचने लाते हैं.
नई पीढ़ी को नहीं पता
मंडी के पर्यावरण प्रेमी नरेंद्र सैनी के मुताबिक, आज की पीढ़ी को इन पुरानी सब्जियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. उनके गुणों के बारे में भी यह पीढ़ी नहीं जानती. ऐसे में नरेंद्र सैनी ने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को ये जंगली सब्जियां जरूर खिलाएं, ताकि वे तंदुरुस्त रहें. पुरानी सभ्यता से रूबरू हो सकें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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