Wednesday, October 15, 2025
28 C
Surat

जहानाबाद में यहां का खा लिया गुलाब जामुन, तो हो जाएंगे दीवाने; शुद्ध घी का लिट्टी चोखा भी है मशहूर-Maa Vaishno Litti Bhandaar Kako you eat Gulab Jamun from here will go crazy Litti Chokha made of pure ghee 


जहानाबाद : जहानाबाद जिले में यूं तो आपको खाने पीने की कई अच्छी दुकानें मिल जाएंगी, लेकिन काको का मां वैष्णो लिट्टी भंडार की बात ही अलग है. यहां नमकीन में बिहार का प्रसिद्ध भोजन शुद्ध घी का लिट्टी और चोखा मिल जायेगा. वहीं मिठाई में मलाईदार गुलाब जामुन मिल जायेगा, जिसका स्वाद लाजवाब है. यहां पर 20 किलोमीटर दूर से खाने के लिए लोग पहुंचते हैं.

लिट्टी चोखा और मलाईदार गुलाब जामुन के लिए मशहूर मां वैष्णो लिट्टी भंडार जहानाबाद एकंगर सराय मुख्य मार्ग पर ही अवस्थित है. यह दुकान मुख्य सड़क पर काको प्रखंड कार्यालय से एकदम सटा हुआ है. इस दुकान की खासियत ऐसी है कि यहां तक पहुंचने का रास्ता आपको बच्चा बच्चा तक नाता देगा.

लिट्टी के सत्तू में डालते हैं स्पेशल मसाला
मां वैष्णो लिट्टी भंडार के मालिक अजय कुमार बताते हैं कि यहां पर भीड़ लगने की मुख्य वजह अच्छा स्वाद वाला लिट्टी और चोखा खिलाना और मलाईदार गुलाब जामुन खिलाना. हम लिट्टी बनाने में शुद्ध चने का सत्तू इस्तेमाल करते हैं. साथ ही चना सत्तू में जो स्पेशल मसाला डालते हैं, उसे घर पर ही तैयार करते हैं. मसाला बनाने में हमारी माता जी का साथ मिलता है. घर पर वही तैयार करती हैं. हमारे यहां जो घी भी शुद्ध होता है. शुद्ध घी के साथ ही ग्राहकों को लिट्टी और चोखा परोसा जाता है. एक प्लेट यानी दो लिट्टी चोखा की कीमत 30 रुपए लेते हैं.

मलाईदार गुलाब जामुन का मिलेगा स्वाद
वे कहते हैं कि हमारे यहां लिट्टी चोखा के साथ साथ गुलाब जामुन भी तैयार होता है. यह भी हमारे यहां का स्पेशल डिश है. इसे हम पहले दूध से गुलाब जामुन तैयार करते हैं. इसके बाद इस पर खोवा देते हैं और फिर मलाई मारकर ऊपर से ग्राहकों को परोसते हैं. यह काफी स्वादिष्ट लगता है. दो गुलाब जामुन की कीमत 30 रुपए रखे हुए हैं.

शुरुआत में कठिनाई का करना पड़ा था सामना
अजय ने Bharat.one को बताया कि हमारा दुकान करीब 36 से 37 साल पुराना है. हमारे पिताजी ने एक किलो आटा से इस दुकान की शरुआत की थी. उस वक्त आस पास में सिर्फ जंगल ही जंगल था. ब्लॉक के कर्मचारी आकर खाते थे. हमारे पिताजी बताते थे कि बीच में तो ऐसी स्थिति आ गई थी कि दुकान बंद करने तक का नौबत हो गया था. हालांकि, कुछ लोगों के कहने पर फिर दुकान नहीं बंद किए. आज उनकी अथक मेहनत के बदौलत ही दुकान में पांच कारीगर भी काम कर रहे हैं. आज रोजाना 800 से 900 पीस गुलाब जामुन बिक जाता है. वहीं, 35 से 40 किलो आटा लिट्टी चोखा में खप जाता है.

22 किलोमीटर दूर से पहुंचते हैं ग्राहक
दुकान में लिट्टी चोखा और गुलाब जामुन का आनंद लेने पहुंचे ग्राहक ने बताया कि हम 22 किलोमीटर दूर से पहुंचे हैं. निश्चलगंज से सिर्फ यहां लिट्टी चोखा और गुलाब जामुन का आनंद लेने आए हैं. यहां पर हम 4 साल से आ रहे हैं. सिर्फ अच्छा स्वाद और शुद्धता की वजह से ही यहां भीड़ लगती है. कभी कभी तो हमलोग पार्टी करने के लिए इतनी दूर से यहां पहुंच जाते हैं. वहीं, कुछ ग्राहक ने भी बताया कि यहां का स्वाद काफी अच्छा रहता है. इस वजह से अक्सर खाने के लिए पहुंचते हैं.


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-maa-vaishno-litti-bhandaar-kako-you-eat-gulab-jamun-from-here-will-go-crazy-litti-chokha-made-of-pure-ghee-local18-8693636.html

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img