सहारनपुर. खाने-पीने की चीजों को लेकर सहारनपुर दूर-दूर तक मशहूर है. यहां के फूड आइटम खाने दूर-दराज से लोग आते हैं. इसी क्रम में आता है समोसा जिसे चाय का पक्का साथी माना जाता है. लेकिन इन दिनों सहारनपुर में मीठा समोसा लोगों को खूब भा रहा है. जी हां आप सही सुन रहे हैं यह समोसा आलू से नहीं बल्कि मिठाई की तरह तैयार किया जाता है और इसको रसगुल्ले की तरह चाशनी में डुबाकर बनाया जाता है.
पिछले 70 साल से बना रहे हैं
सहारनपुर के रहने वाले मोहम्मद आसिफ का परिवार पिछले 70 साल से इस मिठाई की तरह स्वाद देने वाले समोसे को तैयार कर रहा है. इस समोसे को बनाने के लिए सबसे पहले मैदे को गूंथकर समोसे का आकार दिया जाता है और फिर भैंस या गाय के दूध का मावा निकाला जाता है. मावे को अच्छे से छोटे-छोटे आकार में कर लिया जाता है और इसमें बूरा यानी पिसी शक्कर मिलायी जाती है. फिर इसको समोसे का आकार देकर बंद कर दिया जाता है फिर इसको तेल में फ्राई किया जाता है.
चाशनी में डूबता है ये समोसा
तेल में फ्राई करने के बाद इसको रसगुल्ले की तरह चाशनी में डुबाया जाता है और फिर ये लोगों के खाने के लिए तैयार हो जाता है. ये देखने में बिल्कुल समोसे की तरह ही लगता है लेकिन इसका स्वाद नमकीन नहीं बिल्कुल मिठाई की तरह होता है. इसे खाने के बाद लोग खूब तारीफ करते हैं. इसका दाम भी मात्र ₹10 है. रोजाना 200 से 250 समोसे मोहम्मद आसिफ के आराम से बिक जाते हैं.
सैकड़ों लोग रोजाना लेते हैं स्वाद
समोसा बनाने वाले मोहम्मद आसिफ ने Bharat.one से बात करते हुए बताया कि इस मीठी समोसे को इसी तरीके से बनाया जाता है जिस तरीके से नमकीन समोसा बनता है. बस आलू की जगह इसमें मावा भरा जाता है और फ्राई करने के बाद इसे चाशनी में डुबा दिया जाता है. इससे ये नमकीन की जगह मीठा बनकर तैयार होता है. फिर इसको निकाल कर सेल किया जाता है.
मोहम्मद आसिफ बताते हैं कि पिछले 70 साल से उनके घर के बड़े लोग इस समोसे को बनाते आ रहे हैं और अब वे भी इस समोसे को बनाकर बेच रहे हैं. इस समोसे के दाम की बात करें तो मात्र ₹10 जिसको हर कोई आसानी से खरीद कर खा सकता है. वहीं खाने वाले लोग बताते हैं कि समोसे का स्वाद मिठाई से काम नहीं है. रोजाना 200 से ढाई सौ समोसा आराम से बिक जाते हैं.
FIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 08:01 IST
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