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नवरात्रि व्रत के लिए ऊगल का आटा: उत्तराखंड का पारंपरिक विकल्प


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Navratri Fasting Food: नवरात्रि में कुट्टू के आटे की कमी होने पर उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मिलने वाला ऊगल का आटा एक बेहतरीन विकल्प है. यह शुद्ध, पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होता है.

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Navratri

Navratri Fasting Food

हाइलाइट्स

  • नवरात्रि में कुट्टू के आटे की कमी पर ऊगल का आटा विकल्प है.
  • ऊगल का आटा उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मिलता है.
  • ऊगल का आटा शुद्ध, पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होता है.

Navratri Fasting Food: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है, और इस दौरान भक्तगण नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा करते हैं. कई श्रद्धालु इस अवसर पर उपवास रखते हैं. कुछ लोग केवल एक समय भोजन करते हैं, जबकि अन्य पूरे दिन फलाहार लेते हैं. फलाहार के लिए कुट्टू और सिंघाड़े का आटा आमतौर पर इस्तेमाल होता है, लेकिन अगर इस बार आपको कुट्टू का आटा नहीं मिल रहा है, तो चिंता की बात नहीं है. उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मिलने वाला ऊगल का आटा एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है.

क्या है ऊगल, आटा कैसे बनाएं 
ऊगल एक जंगली सब्जी है जो उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है. इसे खासतौर पर उत्तराखंड और हिमालयी क्षेत्रों में उगाया जाता है और स्थानीय लोगों के आहार का हिस्सा होती है. इसे हरी सब्जी के रूप में खाया जाता है और इसके बीजों से आटा भी बनाया जाता है, जो नवरात्रि जैसे व्रत-त्योहारों में खाने के लिए उत्तम विकल्प माना जाता है. ऊगल के बीजों को अच्छे से धोकर और सुखाने के बाद पीसकर बारीक आटा तैयार किया जाता है, जिसे पारंपरिक व्यंजनों में उपयोग किया जाता है.

पाचन के लिए भी फायदेमंद होते हैं
ऊगल का आटा पूरी तरह प्राकृतिक और शुद्ध होता है, इसलिए इसे व्रत के दौरान फलाहार के रूप में खाया जा सकता है. इसमें भरपूर पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा देने में मदद करते हैं और पाचन के लिए भी फायदेमंद होते हैं. यह आटा खासकर उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आसानी से मिलता है, जहां इसे व्रत में पारंपरिक रूप से खाया जाता है. इस आटे से व्रत के लिए पूड़ी, पराठा, चीला और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा सकते हैं.

ये आटा पहाड़ी इलाकों में मिलता है
ऊगल का आटा मुख्य रूप से उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मिलता है, खासकर बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चमोली के स्थानीय बाजारों में यह आसानी से उपलब्ध है. इसकी कीमत 300 से 400 रुपये प्रति किलो तक होती है. व्रत के लिए यह कुट्टू और सिंघाड़े के आटे का अच्छा विकल्प हो सकता है. ऊगल के आटे से आप फलाहारी पूड़ी, पराठा, पकौड़े या हलवा बना सकते हैं. इसका स्वाद और पौष्टिकता नवरात्रि व्रत के दौरान आपको भरपूर ऊर्जा देंगे.

ऊगल का आटा व्रत के लिए एक बेहतर
अगर इस नवरात्रि आपको कुट्टू का आटा नहीं मिल रहा है, तो चिंता की कोई बात नहीं है. उत्तराखंड का पारंपरिक और पोषक तत्वों से भरपूर ऊगल का आटा आपके व्रत के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. यह शुद्ध, पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ-साथ आसानी से उपलब्ध भी है. इस बार नवरात्रि में ऊगल के आटे से बने स्वादिष्ट पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लें और अपने व्रत को और भी खास बनाएं.

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Ugal Flour: उत्तराखंड में व्रती कुट्टू के आटे की कमी पर ऊगल का आटा खाती हैं


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-you-can-eat-the-flour-of-ugal-grains-as-a-fruit-diet-local18-ws-d-9151196.html

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