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Moong Dal Mangodi Recipe: ठंड में मूंग दाल की मंगोड़ी खाने का अलग ही मज़ा होता है. अगर आप भी छतरपुर की फेमस मूंग दाल की मंगोड़ी बनाना चाहते हैं तो हम आपको इसे बनाने की आसान रेसिपी बताते हैं. मूंग दाल की मंगोड़ी सिर्फ स्वाद में ही बेहतर नहीं होती है, बल्कि मूंग दाल सेहत के लिए भी काफी लाभदायक होती है.
Moong Dal Mangodi Recipe: मंगोड़ी तो आपने जरूर खाई होगी, लेकिन छतरपुर जिले की मंगोड़ी का स्वाद कुछ अलग होता है. छतरपुर की मंगोड़ी न केवल स्वाद में लाजवाब है, बल्कि सेहत के लिए भी वरदान है. मूंग और मसूर की दाल से बनी यह डिश प्रोटीन, फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर होती है, जो आपके शरीर को ताकत और ऊर्जा देती है. मंगोड़ी छतरपुर के ग्रामीण इलाकों में विशेष रूप से लोकप्रिय है, जिसे मूंग और मसूर की दाल से बनाया जाता है.
मंगोड़ी बनाने के लिए दाल को पीसकर उसमें मसाले मिलाए जाते हैं. इसके बाद कढ़ाई में तेल डाला जाता है. तेल खौलने पर इसमें मंगौड़ी सिराई जाती है. मंगोड़ी लंबे समय तक सुरक्षित रहती है. स्थानीय निवासी रानी सेन बताती हैं कि मंगोड़ी बनाने के लिए सबसे पहले आपको मसूर या मूंग की दाल को पानी से धोना होता है. इसके बाद इसे साफ किया जाता है. साफ करने के बाद इसे सिलबट्टे या मिक्सी में पीस लेना है. हालांकि, ग्रामीण इलाकों में तो सिलबट्टे में ही पीसते हैं. दाल पीसने के बाद इसमें स्वादानुसार मसाले मिला लेने होते हैं.
दाल में मिलाएं ये सामग्री:
हरी धनिया
हरी मिर्च
प्याज
अदरक
नमक
इस चटनी में खाएं गर्म मंगोड़ी
मसूर या मूंग की दाल में मसाला मिलाने के बाद इसे अच्छे से मिक्स करना है. उसके बाद आपको कढ़ाई में तेल डाल देना है. यह तेल जब खौलने लगे तो आप इसमें मंगोड़ी सिराना शुरू कर दें. इस तरह घर पर बनाई मंगोड़ी कई दिनों तक खाई जा सकती है. हालांकि इसे गर्म खाना ज्यादा टेस्टी होता है. इसे कैथा, टमाटर या अमरूद की चटनी में खाया जा सकता है. साथ ही सॉस में भी खाया जा सकता है. रानी बताती हैं कि जब यह मंगोड़ी ठंडी हो जाती है तो और भी स्वादिष्ट लगती है. इसे कई दिनों तक रखकर खाया जा सकता है.
मंगोड़ी होती है फायदेमंद
प्रोटीन, फाइबर और कैल्शियम से भरपूर मंगोड़ी पाचन को दुरुस्त करती है, हड्डियों को मजबूत बनाती है और मांसपेशियों के विकास में मददगार है. दालों में मौजूद पोषक तत्व मंगौड़ी को शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे यह रोजमर्रा के भोजन में बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है.
About the Author

विभांशु द्विवेदी मूल रूप से मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के रहने वाले हैं. पत्रकारिता में 5 साल का अनुभव है. इन्होंने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर से पत्रकारिता एवं जनसंचार की पढ़ाई की है. पॉलिटिक…और पढ़ें
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