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Homemade Kadha Recipe: यह आयुर्वेदिक काढ़ा न सिर्फ गले और खांसी में राहत देता है बल्कि शरीर को अंदर से गर्म रखता है, जिससे मौसम के बदलते असर से बचाव होता है.
Ayurvedic Kadha Recipe For Cough Cold : मौसम बदलते ही सर्दी, खांसी और गले में खराश की दिक्कतें आम हो जाती हैं. ऐसे में लोग तुरंत दवा लेने लगते हैं, लेकिन कई बार घरेलू नुस्खे दवाओं से भी ज्यादा असर दिखाते हैं. देसी काढ़ा (Homemade Kadha) उन्हीं पुराने नुस्खों में से एक है जो न सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ाता है बल्कि गले की खराश और खांसी में तुरंत राहत देता है. दरअसल, काढ़ा भारत की पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे जड़ी-बूटियों और मसालों को पानी में उबालकर बनाया जाता है. इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं. यह न सिर्फ गले और खांसी में राहत देता है बल्कि शरीर को अंदर से गर्म रखता है, जिससे मौसम के बदलते असर से बचाव होता है. आज हम आपको एक ऐसा देसी काढ़ा बनाने का तरीका बता रहे हैं, जो पीने में आसान और असरदार दोनों है.

काढ़ा बनाने के लिए जरूरी सामग्री-
- 2 कप पानी
- 4-5 तुलसी के पत्ते
- 1 छोटा टुकड़ा अदरक (कद्दूकस किया हुआ)
- 3-4 काली मिर्च
- 1 छोटा टुकड़ा दालचीनी
- 3-4 लौंग
- 1 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 चम्मच शहद (स्वादानुसार, ठंडा होने के बाद डालें)
- आधा नींबू का रस (वैकल्पिक)
काढ़ा बनाने की विधि-
- सबसे पहले एक पैन में पानी डालें और उसमें तुलसी, अदरक, काली मिर्च, दालचीनी और लौंग डाल दें.
- अब इस मिश्रण को मध्यम आंच पर तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए.
- गैस बंद करें और इसे छान लें.
- जब काढ़ा थोड़ा ठंडा हो जाए, तो इसमें शहद और नींबू का रस मिलाएं.
- इसे सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले पीएं.
काढ़ा पीने के फायदे-
- इम्यूनिटी बढ़ाता है:
 तुलसी, अदरक और हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, जिससे सर्दी-जुकाम जल्दी नहीं होता.
- गले की खराश में राहत देता है:
 अदरक और शहद का मिश्रण गले को सॉफ्ट बनाता है और दर्द या जलन से आराम देता है.
- संक्रमण से बचाता है:
 दालचीनी और काली मिर्च में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं जो बैक्टीरिया और वायरस से बचाव करते हैं.
- शरीर को गर्म रखता है:
 ठंड या बारिश के मौसम में यह काढ़ा बॉडी टेंपरेचर को बनाए रखता है और ठंड लगने से बचाता है.
- पाचन सुधरता है:
 इसमें मौजूद मसाले पेट को साफ रखते हैं और गैस या अपच की समस्या से बचाते हैं.
ध्यान रखने योग्य बातें-
- काढ़ा दिन में 1 से 2 बार ही पिएं.
- बच्चों के लिए इसे हल्का बनाएं, कम मसाले डालें.
- शहद हमेशा ठंडा होने के बाद ही डालें, वरना उसका असर कम हो जाता है.
- जिन लोगों को एलर्जी, एसिडिटी या शुगर की समस्या है, वे डॉक्टर से सलाह लेकर ही सेवन करें.
मौसम बदलते ही शरीर को थोड़ी एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है. दवाओं के बजाय अगर आप देसी काढ़ा को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें, तो सर्दी-खांसी जैसी छोटी बीमारियां पास नहीं आएंगी.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
मैंने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत दूरदर्शन से की, जिसके बाद दैनिक भास्कर सहित कई प्रमुख अख़बारों में मेनस्ट्रीम रिपोर्टर के तौर पर काम किया. हेल्थ, एजुकेशन, कला, सामाजिक मुद्दों जैसे विविध क्षेत्रों में रिप…और पढ़ें
मैंने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत दूरदर्शन से की, जिसके बाद दैनिक भास्कर सहित कई प्रमुख अख़बारों में मेनस्ट्रीम रिपोर्टर के तौर पर काम किया. हेल्थ, एजुकेशन, कला, सामाजिक मुद्दों जैसे विविध क्षेत्रों में रिप… और पढ़ें
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