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बहनोई ने खुलवाई दुकान, अब्दुल चाचा के समोसे ने तोड़े सारे रिकार्ड, आलू छोड़ कीमा समोसे बनें लोगों की पसंद


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बिलासपुर में रमजान के दौरान अब्दुल नबी के मटन कीमा समोसे की मांग दोगुनी हो जाती है. 25 साल से राजेंद्र नगर चौक पर उनकी दुकान पर भीड़ जुटती है. रमजान में रोजाना 7-10 हजार की बिक्री होती है.

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रमजान

रमजान में अब्दुल नबी के कीमा समोसे की धूम, रोजाना 7 से 10 हजार की बिक्री

हाइलाइट्स

  • अब्दुल नबी के मटन कीमा समोसे की रमजान में दोगुनी मांग होती है.
  • रमजान में अब्दुल नबी की दुकान पर रोजाना 7-10 हजार की बिक्री होती है.
  • 25 साल से अब्दुल नबी के कीमा समोसे बिलासपुर में मशहूर हैं.

सूर्य प्रकाश सूर्यकांत/बिलासपुर. बिलासपुर में रमजान के महीने में इफ्तार के लिए लोग खासतौर पर कीमा समोसा खाना पसंद करते हैं. राजेंद्र नगर चौक पर पिछले 25 साल से अब्दुल नबी अपने खास मटन कीमा समोसे बेच रहे हैं. उनके समोसे का स्वाद इतना लाजवाब है कि दुकान खुलने से पहले ही भीड़ जुट जाती है.

रमजान में बिक्री होती है दोगुनी
अब्दुल नबी बताते हैं कि रमजान के दौरान उनकी दुकान पर भीड़ दोगुनी हो जाती है. इफ्तार के लिए लोग समोसे पैक कराकर ले जाते हैं, जिससे उनकी बिक्री रोजाना 7 से 10 हजार रुपए तक पहुंच जाती है. आम दिनों में वे दोपहर 3 बजे दुकान खोलते हैं, लेकिन रमजान के दौरान सुबह से ही समोसे की मांग शुरू हो जाती है, जिससे उन्हें जल्दी दुकान खोलनी पड़ती है.

25 सालों से बरकरार है स्वाद और प्यार
अब्दुल नबी ने 25 साल पहले अपने बहनोई उस्ताद मिया के सुझाव पर यह काम शुरू किया था. धीरे-धीरे उनका कीमा समोसा इतना मशहूर हो गया कि आज पूरे शहर में उनकी पहचान बन गई है. दुकान का पूरा संचालन वे अपने बेटे के साथ मिलकर करते हैं. खास बात यह है कि समोसा बनाने का सारा काम उनके घर में ही होता है, जिसे बाद में दुकान पर लाकर तला जाता है.

इफ्तार के लिए पहली पसंद बना कीमा समोसा
रमजान के दौरान रोजेदारों की पहली पसंद अब्दुल नबी का कीमा समोसा बन गया है. समोसा खाने पहुंचे राजा खान कहते हैं कि वे पिछले चार साल से यहां समोसे खा रहे हैं और रमजान में तो खासतौर पर इसे खाने और घर ले जाने आते हैं. वे कहते हैं, बिलासपुर में कई जगह कीमा समोसा मिलता है, लेकिन अब्दुल चाचा के हाथ का स्वाद सबसे अलग और लाजवाब है.

खाना खाने तक का नहीं मिलता टाइम
रमजान के दौरान अब्दुल नबी की दुकान पर इतनी भीड़ होती है कि उन्हें खुद खाने का भी वक्त नहीं मिलता. वे बताते हैं कि जैसे ही दुकान खुलती है, ऑर्डर की लाइन लग जाती है. कई लोग पहले से ही फोन कर ऑर्डर बुक करवा लेते हैं. अगर आपने अब तक अब्दुल नबी के हाथ का बना कीमा समोसा नहीं चखा, तो इस रमजान जरूर ट्राई करें और इस खास स्वाद का लुत्फ उठाएं.

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रमजान में अब्दुल नबी के कीमा समोसे की धूम, रोजाना 7 से 10 हजार की बिक्री


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-ramadan-2025-abdul-nabi-keema-famous-samosa-sales-double-earning-good-money-know-more-local18-ws-b-9082412.html

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