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बहराइच की मशहूर मटके वाली चाय: देसी अंदाज में मिट्टी के मटके में.

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बहराइच के रत्नापुर में राजेंद्र मौर्या की दुकान पर मटका चाय सिर्फ ₹15 में मिलती है. मिट्टी के मटके में धीमी आंच पर मसाले डालकर बनाई जाती है. यह चाय 10-20 मिनट में तैयार होती है.

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बहराइच की मटके वाली चाय!

हाइलाइट्स

  • बहराइच की मटके वाली चाय मशहूर है.
  • मिट्टी के मटके में धीमी आंच पर मसाले डालकर बनाई जाती है.
  • यह चाय रतनापुर में ₹15 में मिलती है.

बहराइच: आपने कई तरह की चाय पी होगी, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी चाय के बारे में बताएंगे जो शायद आपने पहले कभी नहीं पी होगी. यह चाय मिट्टी के मटके में बनती है. मिट्टी के मटके में धीमी आंच पर कई मसाले डालकर इसे तैयार किया जाता है. इसका स्वाद लाजवाब होता है और यह दूसरी चाय को मात देती है. यह चाय पीने के लिए आपको बहराइच जिले में बहराइच-भिनगा मार्ग पर रत्नापुर जाना होगा. वहां राजेन्द्र मौर्या की दुकान पर आपको यह मटका चाय सिर्फ़ ₹15 में मिल जाएगी.

10 से 5 मिनट में ही बन जाती है मटका चाय
मटके की चाय बनाने के लिए सबसे पहले मटके को अच्छे से साफ किया जाता है. फिर उसकी बाहरी सतह पर पीली मिट्टी का लेप लगाया जाता है. जब लेप सूख जाता है, तो मटके को गैस पर रखकर चाय बनाई जाती है. इस खास चाय में कई तरह के मसाले डाले जाते हैं. सबसे पहले दूध डाला जाता है, फिर लौंग, इलायची, दालचीनी, अदरक और भी बहुत कुछ मिलाया जाता है. 15 से 20 मिनट में मटके वाली चाय तैयार हो जाती है. एक बार चाय बनाने में 15 से 20 मिनट लगते हैं लेकिन उसके बाद दूसरी बार चाय 10 से 5 मिनट में ही बनकर तैयार हो जाती है.

कहां से आया मटके में चाय बनाने का आईडिया?
मटके में चाय बनाने का विचार राजेंद्र को कैसे आया? राजेंद्र बताते हैं कि यह आइडिया उन्हें खुद आया. उन्होंने सोचा कि जब तरह-तरह की चाय बिकती है तो क्यों ना कुछ अलग तरह की चाय बनाई जाए. फिर उन्होंने मटके में चाय बनाकर देखी और उनका यह प्रयास सफल रहा. बस फिर क्या था, उन्होंने मटके में ही चाय बनानी शुरू कर दी. धीरे-धीरे लोगों को उनकी चाय का स्वाद बहुत पसंद आने लगा और उनका होटल भी चल पड़ा. अब यह जगह मटके वाली चाय के नाम से मशहूर है. जिले के अलावा दूर-दूर से लोग उनकी चाय पीने आते हैं. यह जगह पहले से ही बाटी चोखा के लिए मशहूर है. 1996 से यहां बाटी चोखा बिक रहा है. रत्नापुर चौराहा बाटी चोखा के लिए जाना जाता है, लेकिन अब राजेंद्र मौर्या इसे मटका चाय के लिए एक नई पहचान दे रहे हैं. जो लोग बाटी चोखा खाने जाते हैं, वे उनकी चाय का स्वाद जरूर लेते हैं. अगर आप भी उनकी मटके वाली चाय का स्वाद लेना चाहते हैं तो आपको रत्नापुर के पास हाईवे किनारे राजेंद्र कुमार मौर्या की मटका कुल्हड़ चाय की दुकान पर जाना होगा. वहां यह चाय आपको सिर्फ़ ₹15 में आसानी से मिल जाएगी.

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