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Gooda News: बाबा बासुकीनाथ धाम में दर्शन के बाद श्रद्धालु हल्का, पौष्टिक और सात्विक भोजन करना पसंद करते हैं. इसी वजह से यहां का दही-चूड़ा खास पहचान बना चुका है. इस दुकान पर मात्र 45 रुपये में एक प्लेट दही-चूड़ा मिलता है
अगर आप झारखंड के प्रसिद्ध बाबा बासुकिनाथ धाम में पूजा-अर्चना के लिए आते हैं, तो यहां का पारंपरिक और सात्विक नाश्ता दही-चूड़ा करना बिल्कुल भी न भूलें. पूजा के बाद श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या मंदिर परिसर के मुख्य द्वार के दाहिनी ओर स्थित एक गली में मौजूद दिनेश कुमार की दुकान पर पहुंचती है, जहां वर्षों से शुद्ध और स्वादिष्ट दही-चूड़ा परोसा जा रहा है.
बाबा बासुकीनाथ धाम में दर्शन के बाद श्रद्धालु हल्का, पौष्टिक और सात्विक भोजन करना पसंद करते हैं. इसी वजह से यहां का दही-चूड़ा खास पहचान बना चुका है. इस दुकान पर मात्र 45 रुपये में एक प्लेट दही-चूड़ा मिलता है, जिसमें 250 ग्राम ताजा दही, 100 ग्राम प्रसिद्ध कतरनी चूड़ा, चीनी, अंकुरित चना, हरी मिर्च, नमक और साथ में गरमा-गरम सब्जी परोसी जाती है. यहां बनने वाली सब्जी पूरी तरह सात्विक होती है. जिसमें लहसुन और प्याज का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
दही-चूड़ा का मिलता है नाश्ता
श्रद्धालुओं का कहना है कि एक प्लेट दही-चूड़ा खाने से एक व्यक्ति का पेट भर जाता है. पूजा के बाद शरीर में ताजगी भी महसूस होती है. स्वाद के साथ-साथ शुद्धता इस दुकान की सबसे बड़ी खासियत है, जिस कारण यहां स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु भी नियमित रूप से नाश्ता करने पहुंचते हैं.दुकान संचालक दिनेश कुमार बताते हैं कि उनकी दुकान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहती है. सावन माह, सोमवार और विशेष पर्वों के दौरान यहां श्रद्धालुओं की संख्या और भी बढ़ जाती है. रोजाना औसतन 100 से अधिक श्रद्धालु यहां दही-चूड़ा का नाश्ता करने पहुंचते हैं.बासुकिनाथ धाम की यात्रा में जहां एक ओर श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन से आध्यात्मिक शांति पाते हैं, वहीं यहां का दही-चूड़ा उन्हें पारंपरिक स्वाद और सादगी से जोड़ता है. यही कारण है कि बासुकिनाथ आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा दही-चूड़ा के बिना अधूरी मानी जाती है.
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