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मऊ की इस पकौड़ी को खाने के लिए दूर-दूर से आते हैं लोग, स्वाद ऐसा कि खरीदने के लिए लगती है भारी भीड़


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मऊ की एक पकौड़ी की दुकान काफी फेमस है, जिसका स्वाद लेने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. दुकान के मालिक ने इस पकौड़ी की खास बात यह है कि इसका देसी स्वाद और परंपरागत तरीका बेहद खास बनाता है, जिसे लोग काफी पसंद करते हैं.

मऊ: शहर की गलियों में अगर आप शाम के वक्त घूमने निकलें तो हर नुक्कड़ पर चमकती कड़ाही और महक की पकौड़ी की खुशबु जरूर आपका ध्यान खींच लेगी. मऊ की फेमस प्याज वाली पकौड़ी हरिओम टी स्टॉल अमर कांदा भजिया की दुकान की पकौड़ी न सिर्फ स्थानी लोगों की पसंद है, बल्कि बाहर से आने वाले लोग भी इसका स्वाद चखे बिना नहीं लौटते. खास बात यह है कि यह पकौड़ी अपनी सादगी और देसी स्वाद के लिए जानी जाती है.

Bharat.one से बात करते हुए बबलू कश्यप बताते हैं कि उनके यहां की पकौड़ी काफी फेमस है. यह पकौड़ी खाने के लिए सिर्फ मऊ ही नहीं, अन्य जनपदों से भी लोग आते हैं. बबलू दोपहर 2:00 बजे से पकौड़ी बनाना शुरू करते हैं और देर शाम 8:30 तक उनकी पकौड़ी कड़ाही से बाहर निकलती रहती है. इस पकौड़ी की खास बात यह है कि इसका देसी स्वाद और परंपरागत तरीका बेहद खास बनाता है, जिसे लोग काफी पसंद करते हैं. जैसे ही कड़ाही से यह बाहर आती है, वैसे ही इसे तुरंत खरीदार खरीद लेते हैं. हालांकि इस पकौड़ी को बनाने के लिए उनके परिवार के चार से पांच सदस्य लगे होते हैं, जिसमें अहम भूमिका उनकी पत्नी निभाती है.

कई व्यंजको से तैयार होती है पकौड़ी

इस पकौड़ी को बनाने की विधि के बारे में बताते हैं कि सबसे पहले चने के बेसन को एक बड़े बर्तन में लिया जाता है. फिर इसमें नमक, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी, धनिया पाउडर, पंचफोरन और थोड़ा सा अजवाइन मिलाया जाता है. इसके बाद पानी डालकर गाढ़ा घोल तैयार किया जाता है. फिर बारीक कटी प्याज, हरी मिर्च, थोड़ा अदरक का बारीक टुकड़ा और कटी हरी धनिया इस घोल में डाली जाती है. फिर इसे अच्छे से फटकार फॉर्चून के तेल में कढ़ाई में छान दिया जाता है. इस पकौड़ी को तब तक कड़ाही में छोड़ा जाता है, जब तक पकौड़ी पूरी तरह से लाल ना हो जाए. पूरी तरह से लाल होने के बाद इस पकौड़ी को बाहर निकाला जाता है और यह सर्व किया जाता है.

200 रुपए किलो बिकती है पकौड़ी

इस पकौड़ी का स्वाद तब और बेहतर बढ़ जाता है, जब इसे चटनी के साथ लोगों को दिया जाता है. प्याज महंगी हो या सस्ती, इस पकौड़ी को मात्र 200 रुपए किलो के हिसाब से बेचा जाता है और इस पकौड़ी को बनाने के लिए प्याज और चने के बेसन का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है. प्याज को इतनी बारीकी से काटा जाता है कि वह स्वाद बढ़ा देता है. इस पकौड़ी का स्वाद ऐसा है कि पूरे मऊ जनपद में कहीं नहीं मिलेगा. इसकी वजह से शाम होते ही इस दुकान पर भारी भीड़ होती है और लोगों को लाइन लगाकर लेना पड़ता है, क्योंकि यह पकौड़ी कड़ाई से निकलते ही खत्म हो जाती है, इसलिए लोगों को लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है.

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आर्यन सेठ

आर्यन ने नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई की और एबीपी में काम किया. उसके बाद नेटवर्क 18 के Bharat.one से जुड़ गए.

आर्यन ने नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई की और एबीपी में काम किया. उसके बाद नेटवर्क 18 के Bharat.one से जुड़ गए.

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मऊ की इस पकौड़ी को खाने के लिए दूर-दूर से आते हैं लोग, लगती है भारी भीड़


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-taste-of-this-pakoras-famous-delicious-people-come-from-far-and-wide-to-eat-local18-9845220.html

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