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मक्की के आटे से बने दाल-ढोकले की रेसिपी और फायदे भीलवाड़ा से.


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राजस्थान के घरों में सर्दियों के मौसम में मक्की के आटे से बने ढोकले की खुशबू रसोई में घुलने लगती है. यह पारंपरिक डिश स्वाद में तो लाजवाब है ही, साथ ही सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है. फाइबर, आयरन और विटामिन्स से भरपूर, ये ढोकले पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं और शरीर को गर्म रखते हैं. फूड एक्सपर्ट किरण शर्मा के अनुसार, दाल-ढोकला सर्दियों में घर-घर बनने वाली लोकप्रिय डिश है. इसके साथ दाल का मेल पौष्टिकता को दोगुना कर देता है. इसे गर्मागर्म चटनी के साथ खाया जाता है, जो इसका स्वाद और भी बढ़ा देता है.

भीलवाड़ा. सर्दियों की शुरुआत होते ही राजस्थान के घरों में मक्की के आटे से बने ढोकलों की खुशबू रसोई में महकने लगती है. जिस तरह दाल-बाटी को राजस्थान की शान माना जाता है, उसी तरह ठंड के मौसम में दाल-ढोकले का स्वाद हर घर में खास स्थान रखता है. मक्की के आटे से बने ये ढोकले न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद हैं. इनमें फाइबर, आयरन और विटामिन्स प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर को गर्म रखने के साथ पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाते हैं, दाल के साथ इसका मेल पौष्टिकता को दोगुना कर देता है.

फूड रेसिपी एक्सपर्ट किरण शर्मा ने Bharat.one से खास बातचीत में बताया कि सर्दियों में हमारे घरों में सबसे ज्यादा दाल-ढोकले बनते हैं और ये बहुत पसंद किए जाते हैं. मक्की के आटे से बने ये ढोकले न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि पौष्टिकता से भी भरपूर होते हैं। इनमें फाइबर, आयरन और विटामिन्स अच्छी मात्रा में होते हैं, जो शरीर को गर्म रखते हैं, पाचन तंत्र को दुरुस्त करते हैं और सर्दी-खांसी जैसी मौसमी बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं.

इसे बनाना भी है बेहद आसान

मक्की के आटे से दाल-ढोकले बनाने की विधि बेहद सरल है, सबसे पहले एक कप मूंग या अरहर दाल को 2 घंटे भिगोकर उबाल लें. फिर दो कप मक्की के आटे में हल्दी, नमक, अजवाइन और थोड़ा सा अदरक-लहसुन पेस्ट डालकर गुनगुने पानी से सख्त आटा गूंथ लें. अब इस आटे की छोटी-छोटी गोलियां या रोल बनाकर उबलते पानी में 10-15 मिनट तक पकाएं. फिर उबले हुए ढोकलों को दाल में डालकर धीमी आंच पर कुछ देर पकने दें ताकि दोनों का स्वाद एक-दूसरे में मिल जाए. अंत में घी, जीरा, हींग, लहसुन और हरी मिर्च का तड़का लगाकर ऊपर से डालें और हरे धनिए से सजाएं.

एक बार खा लिया, ढोकला तो मिल जाएगा फायदा

यह पारंपरिक डिश स्वाद में लाजवाब है और शरीर को आवश्यक पोषक तत्व भी देती है. मक्की का आटा फाइबर और आयरन से भरपूर होता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है, जबकि मूंग दाल प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है, जो मांसपेशियों को ऊर्जा देती है. ठंड के मौसम में दाल-ढोकले शरीर को गर्म रखते हैं और लंबे समय तक भूख भी नहीं लगने देते. इसे गर्मागर्म हरी चटनी या लहसुन की चटनी के साथ परोसने पर इसका स्वाद दोगुना हो जाता है.

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Monali Paul

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें

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ऐसे बनाएंगे मक्की के आटे से बने दाल-ढोकले, तो मेहमान भी करेंगे तारिफ


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-winter-food-recipe-of-dal-dhokli-in-rajasthan-local18-ws-kl-9838569.html

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