Young Girl Success Story: छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में आयोजित स्वदेशी खादी महोत्सव में एक युवा लड़की अपने खास अचारों को लेकर आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. राजस्थानी मसालों की खुशबू और होममेड स्वाद ने उनके अचारों को मेले में अलग पहचान दिलाई है. उनके स्टॉल पर होममेड अचार के साथ-साथ राजस्थान से मंगाए गए खास अचार भी उपलब्ध हैं. देसी मसालों से तैयार ये अचार लोगों को घर जैसा स्वाद देते हैं, वहीं राजस्थान की तीखी पहचान भी साफ झलकती है. उनके स्टॉल पर आम का मिक्स अचार, गाजर-मिर्च वाला अचार, लहसुन के अलग-अलग वैरायटी के अचार समेत कई स्वाद मौजूद हैं, जो अचार प्रेमियों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं. युवा लड़की कि अचारों की मेले में जबरदस्त मांग है और सिर्फ आधे दिन में करीब 5 हजार रुपये की कमाई हो जाती है, जिससे उनका जीवन अच्छे से चल रहा है. देसी स्वाद और मेहनत की खुशबू से सजी यह कहानी आज कई युवाओं के लिए प्रेरणा बन रही है. देखिए ये रिपोर्ट…
होममेड और राजस्थानी अचारों की भरपूर वैरायटी
Bharat.one से बातचीत में प्रतिमा ने बताया कि उनके स्टॉल पर मिलने वाले अचारों में कुछ पूरी तरह होममेड हैं, जबकि कुछ खास अचार राजस्थान से मंगवाए गए हैं. आम के मिक्स अचार में गाजर, मिर्च और आम का बेहतरीन संयोजन मिलता है. इसके अलावा बड़े और छोटे कटे आम का अचार भी उपलब्ध है, जिसका स्वाद बिल्कुल घर जैसा लगता है.
लहसुन के अचार की खास पहचान अंबिकापुर में
प्रतिमा ने बताया कि लहसुन का अचार उनके स्टॉल की खास पहचान है, जो दो प्रकार में मिलता है. एक प्रकार पूरी तरह होममेड होता है, जिसमें काली मिर्च, अदरक समेत अन्य मसाले कूटकर डाले जाते हैं. वहीं, दूसरा प्रकार नॉर्मल मसालों से तैयार किया जाता है, जिसमें नींबू का रस मिलाया जाता है, जिससे उसमें हल्का खट्टापन आता है. यही वजह है कि लहसुन का अचार लोगों को सबसे ज्यादा पसंद आ रहा है.
राजस्थान से आए तीखे अचार भी उपलब्ध
स्टॉल पर शिमला मिर्च भरवा अचार के साथ-साथ अथानी लाल मिर्च और अथानी हरी मिर्च का अचार भी मिलता है. ये अचार खास तौर पर राजस्थान से आते हैं और स्थानीय मिर्च की तुलना में कहीं ज्यादा तीखे होते हैं. तीखा खाने के शौकीनों के लिए ये अचार खास पसंद बने हुए हैं.
लेसुआ और कटहल जैसे खास अचारों की डिमांड क्यों बढ़ी
प्रतिमा के स्टॉल पर आंवले का अचार, आंवले का मुरब्बा, नींबू का अचार, लहसुन-अदरक-मिर्च का स्पाइसी अचार भी उपलब्ध है, जिसे पूरी तरह ग्राइंड करके तैयार किया जाता है. इसके अलावा कटहल का अचार और लेसुआ का अचार भी लोगों को खूब पसंद आ रहा है. लेसुआ गुहार भाजी का फल होता है, जिसका अचार अंबिकापुर में आसानी से नहीं मिलता और इसे बाहर से मंगवाया जाता है.
अचार के साथ पापड़ की भी कई किस्में मिलती हैं
अचारों के अलावा प्रतिमा के स्टॉल पर पापड़ की भी कई वैरायटी मौजूद हैं. इनमें साबूदाने के पापड़, रागी पापड़, रेड चिल्ली पापड़, आलू पापड़, कस्तूरी मेथी पापड़, लहसुन फ्लेवर पापड़, टमाटर पापड़ और रागी के तीखे और सादे पापड़ शामिल हैं, जिन्हें लोग अचार के साथ खूब पसंद कर रहे हैं.
लोकल पहचान, घर की महिलाओं की मेहनत से बनता है आचार
प्रतिमा ने बताया कि वह स्थानीय हैं और स्वदेशी खादी महोत्सव, मीना बाजार जैसे आयोजनों में नियमित रूप से अपना स्टॉल लगाती हैं. उनके कुछ अचार घर पर उनकी मां और दीदी बनाती हैं, जबकि वह खुद स्टॉल पर खड़े होकर बिक्री करती हैं. लोगों की पसंद अलग-अलग है, लेकिन फिलहाल मीठा अचार और लहसुन का अचार सबसे ज्यादा बिक रहा है. इसके साथ ही लहसुन-अदरक-मिर्च और लेसुआ का अचार भी खास पसंद बना हुआ है.
आधे दिन में 4 से 5 हजार तक की बिक्री जानिए कैसे
कमाई को लेकर प्रतिमा ने बताया कि अच्छे रिस्पॉन्स के चलते आधे दिन में भी 4 से 5 हजार रुपये तक की बिक्री हो जाती है. उन्होंने कहा कि आम का अचार लोग घर में भी बना लेते हैं, लेकिन अलग-अलग जगहों के स्वाद को चखने का लोगों में खास क्रेज रहता है.
ग्राहकों को भाया घर जैसा स्वाद जानिए कैसे
अचार प्रेमी महिला सोनू ने बताया कि वह अचार खरीदने स्टॉल पर आई थीं. अचार देखकर उन्होंने पहले टेस्ट किया और फिर खरीदने का फैसला किया. सोनू के मुताबिक, उन्हें खास तौर पर लहसुन का अचार और सूखा अचार बेहद पसंद आया. उन्होंने कहा कि ये अचार बिल्कुल घर पर बने हुए लगते हैं और स्वाद में काफी चटपटे हैं. साथ ही अगर कोई चाहे तो इस तरह के अचार घर पर भी बना सकता है.
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