भरतपुर : भरतपुर जिले के बयाना तहसील परिसर में बनने वाली साखों का स्वाद हर किसी को दीवाना बना देता है. इन साखों की खासियत न केवल इनका अनोखा स्वाद है. बल्कि इन्हें बनाने की परंपरागत विधि भी इन्हें अलग पहचान देती है. चाहे जज हों वकील हों थानेदार हों या फिर सिपाही हर कोई इन साखों का दीवाना होता है. तहसील के कोर्ट परिसर में व्यस्त माहौल के बीच यह साखें लोगों के मन को अपनी ओर खींचते हैं. इनका स्वाद इतना लाजवाब है कि बाहर से आने वाले लोग भी इन्हें चखे बिना नहीं रह पाते है.
तहसील परिसर के स्थानीय हलवाइ द्वारा बनाई जाने वाली ये साखें बयाना की पहचान बन चुकी हैं. हर दिन तहसील में आने वाले लोग इन्हें बड़े चाव से खाते हैं. इन साखों की लोकप्रियता केवल बयाना तक सीमित नहीं है. बल्कि आस-पास के क्षेत्रों में भी यह मशहूर हैं. इनका स्वाद और परोसने का तरीका इन्हें और भी खास बनाता है.
ऐसे बनाया जाता है साखों
साख बनाने वाले वीरेंद्र ने Bharat.one को बताया कि इन साखों को बनाने की विधि भी अन्य व्यंजनों से अलग और दिलचस्प है. सबसे पहले मैदे को अच्छे से माड़ा जाता है. जिससे उसकी गुणवत्ता और स्वाद बेहतर हो सके. इसके बाद इसमें विभिन्न प्रकार के मसाले जैसे अजवाइन और सौंफ डाले जाते हैं. मसाले डालने के बाद मैदे को दो से तीन घंटे तक ढककर रखा जाता है. ताकि मसालों का स्वाद अच्छी तरह से उसमें समा जाए. इसके बाद चाकू की मदद से मैदे को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर साख के आकार में ढाला जाता है.
शुद्ध सरसों के तेल में किया जाता है फ्राई
फिर इन साखों को शुद्ध सरसों के तेल में धीमी आंच पर तला जाता है, जिससे इनका स्वाद और कुरकुरापन दोनों बेहतरीन बन जाते है. इन साखों को खासतौर पर घर की बनी मसालेदार लाल चटनी के साथ परोसा जाता है. यह चटनी उनके स्वाद को चार गुना बढ़ा देती है, जो खाने मे काफ़ी स्वादिष्ट होती है. इनको खाने वाला हर कोई इनकी तारीफ करता है. इन साखों का यह अनोखा स्वाद हर किसी को पसन्द आता है. इनका भाव लगभग ₹200 प्रति किलो तक रहता है.
FIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 11:35 IST
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