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हजारीबाग में छा गई मंसूरी मिठाई, यूपी-बिहार के कारीगर आकर करते हैं तैयार, केवल ठंड के 3 महीने मिलती है ये खास स्वीट! – Jharkhand News


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Mansoori Mithai: हजारीबाग में खास उर्स मेले के दौरान ही मंसूरी मिठाई मिलती है. लोग दूसरे शहरों से आकर स्टॉल लगाते हैं और ठंड के बाद वापस चले जाते हैं. ये बेसन से तैयार होती है और स्वाद के साथ ही सेहत के लिए भी अच्छी होती है.

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हजारीबाग: हजारीबाग के नवाबगंज स्थित हजरत दाता मदारा शाह तकिया मजार में सालाना उर्स मेले का आयोजन किया गया है. इस साल उर्स का 368वां संस्करण है. हर साल की तरह इस बार भी मेले में दूर-दूर से मिठाई, सजावट, कपड़े और खिलौनों के स्टॉल लगने लगे हैं. मेले में चहल-पहल शुरू हो चुकी है और लोगों में उत्साह दिखाई दे रहा है. मेले में हर साल एक खास मिठाई सबको अपने और आकर्षित करती है.

इस मिठाई का नाम मंसूरी मिठाई है. जिसे बेचने के लिए दो दर्जन से अधिक दुकानदार अपना स्टॉल लगाए हुए हैं. मेले में आए यह दुकानदार सर्दियों तक यहां पर दुकान लगाते हैं. सर्दी खत्म होने के बाद ही हजारीबाग से जाया करते हैं.

तीन चीजों से होती है तैयार
मंसूरी मिठाई चीनी, बेसन और तेल से तैयार की जाती है. यह मिठाई हजारीबाग में आमतौर पर नहीं मिलती, लेकिन उर्स के मौके पर यह खास मिठाई दूसरे राज्यों से आने वाले मिठाई बेचने वाले लेकर आते हैं. इस मिठाई की पहचान इसके अलग स्वाद और लंबे समय तक खराब न होने की खासियत से है.

हर साल मेले में लगाते हैं स्टॉल
मंसूरी मिठाई बेचने आए मोहम्मद सोहिल आलम बताते हैं कि यह मिठाई बिहार, खासकर नवादा जिले में बहुत मशहूर है. यह न सिर्फ स्वादिष्ट होती है बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है. उन्होंने आगे बताया कि उनका परिवार पिछले चार पीढ़ियों से इस उर्स मेले से जुड़ा हुआ है. हर साल यहां आकर वे मिठाई का स्टॉल लगाते हैं और लोगों को इसका स्वाद चखाते हैं.

इस बार उन्हें उम्मीद है कि वे मेले में 2000 किलो से ज्यादा मिठाई बेचेंगे. इसके लिए उन्होंने खास तौर पर कोलकाता से कारीगर बुलाए हैं. जो इसे परंपरागत तरीके से तैयार करेंगे. इस मिठाई की कीमत 200 रुपये किलो है.

ऐसे बनती है मंसूरी मिठाई
सोहिल आलम आगे बताते हैं कि मंसूरी मिठाई तैयार करने के लिए सबसे पहले रिफाइंड तेल और घी को बराबर मात्रा में मिलाकर गर्म किया जाता है. फिर उसमें तेल की तीन गुना मात्रा में बेसन डाला जाता है. इसके बाद इसे करीब 15 मिनट तक धीमी आंच पर चलाते हुए पकाया जाता है. जब तक यह सुनहरा और सूखा न हो जाए.

फिर मिश्रण को एक चौड़े परात में निकालकर आकार दिया जाता है और चाशनी डालकर मिठाई तैयार की जाती है. उर्स मेले में आने वाले लोग इस मिठाई को बड़े शौक से खरीदते हैं. इसकी खुशबू और स्वाद मेले की रौनक को और भी खास बना देते हैं.

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Raina Shukla

बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से मास कम्यूनिकेशन एंड जर्नलिज़्म में मास्टर्स, गोल्ड मेडलिस्ट. पत्रकारिता का सफर दैनिक जागरण से शुरू हुआ, फिर प्रभात खबर और ABP न्यूज़ से होते हुए Bharat.one Hindi तक पहुंचा. करियर और देश की …और पढ़ें

बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से मास कम्यूनिकेशन एंड जर्नलिज़्म में मास्टर्स, गोल्ड मेडलिस्ट. पत्रकारिता का सफर दैनिक जागरण से शुरू हुआ, फिर प्रभात खबर और ABP न्यूज़ से होते हुए Bharat.one Hindi तक पहुंचा. करियर और देश की … और पढ़ें

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हजारीबाग में छा गई मंसूरी मिठाई, यूपी-बिहार के कारीगर आकर करते हैं तैयार…!


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