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350 तरह का पास्ता! क्या पास्ता से मिठाई भी बनती है? जहरीले ‘टमाटर’ ने कैसे बदली इसकी शक्ल?


वाइट सॉस पास्ता हो या रेड सॉस पास्ता, लगता टेस्टी है. पास्ता हर किसी का फेवरेट है. पास्ता इटैलियन डिश समझी जाती है लेकिन अब यह भारत की बन गई है क्योंकि हर घर में अब पास्ता बनता है. पास्ता 350 तरह से भी ज्यादा तरह का है. दुनिया का मशहूर इटैलियन रेस्त्रां बेला इटैलिया अपनी लंदन की ब्रांच में कस्टमर्स को वर्ल्ड पास्ता डे पर मुफ्त पास्ता बांटेगा. 25 अक्टूबर का दिन वर्ल्ड पास्ता डे (World Pasta Day) के तौर पर बनाया जाता है. आखिर पास्ता में ऐसी क्या खास बात है जो यह दुनियाभर में मशहूर बन गया?

पास्ता पहले दूसरे नाम से पुकारा जाता था
पास्ता का इतिहास लगभग 2322 साल पुराना है. उस समय इसे ‘लैगने’ कहते थे. इसका टेक्सचर मौजूदा रूप से बहुत अलग था. तब आटे को गूंथकर उसे चौकोर आकार में काटा जाता था. इस शीट को फ्राई करके इसके बीच में मीट को भरा जाता था. यह सैंडविच की तरह दिखता था. हालांकि पास्ता पहली बार किसने बनाया, इसके कोई सबूत नहीं मिलते. आज जो हम लोग पास्ता खाते हैं, उसका टेक्सचर करीब 60 साल पुराना है. कुछ लोग पास्ता को इटली की डिश मानते हैं लेकिन कुछ इतिहासकार कहते हैं कि इसे चीन में चावलों से बनाया गया. सबसे हैरानी की बात है कि पास्ता को इटली में हमेशा साइड डिश की तरह ही खाया गया. लोग इसे कभी-कभी मीट के साथ खाते थे. 

पास्ता के अलग-अलग नाम
पास्ता ड्यूरम नाम के गेहूं से बनता है. यह बहुत सख्त होता है. गेहूं का छिलका उतारकर उसे दरदरा पीसा जाता है. इस सूजी को पानी में गूंथ कर जो आटा तैयार होता है, उसे सूखाकर पास्ता बनता है. 1154 में स्पेन में रहने वाले जियोग्राफर मोहम्मद अल इद्रिस की लिखी किताब ‘Nuzhat al mushtaq li ikhtirag al alag Kitab’ में लिखा कि सिसिली के राजा रोगर द्वितिया ने इत्रिया (Itriyya) को सिसिली में बनाकर बाहर एक्सपोर्ट करना शुरू किया. इत्रिया पास्ता को ही कहा जाता था. इत्रिया में किशमिश और दालचीनी मिलाई जाती थी. यानी पास्ता मीठा भी बनता था. आज पूर्वी यूरोप में इसे कूजेल कहते हैं और इसे एक डेजर्ट के तौर पर सर्व किया जाता है. वहीं, उत्तरी अफ्रीका में पास्ता को कूस्कूस कहते थे. 13वीं शताब्दी में पास्ता वेनिस के कारोबारी मार्को पोलो के जरिए चीन पहुंचा.  

अगर पास्ता को उबालने पर पानी सफेद हो जाए तो समझ लें कि पास्ता अच्छी क्वॉलिटी का नहीं है (Image-Canva)

टमाटर ने बदली पास्ता की रंगत
रोमन शेफ  Francesco Leonardi की कुकबुक ‘L’Apicio Moderno’ के अुनसार 14-15वीं सदी में इटली में ड्राई पास्ता बहुत पॉपुलर हो गया था. लोग सूखे पास्ते को उसे अपने घर पर स्टोर करके रखते थे और स्नैक्स की तरह खाते थे. 16वीं सदी में अमेरिका से टमाटर इटली पहुंचा. शुरुआती दिनों में टमाटर को जहरीला माना जाता था लेकिन 18 वीं सदी तक यह धारणा बदली और लोगों ने टमाटर से सॉस बनाकर पास्ता में डालनी शुरू की. इससे पहले तक पास्ता ड्राई खाया जाता था लेकिन जब इसमें सॉस मिलाई गई तो इसे लोग फोक से खाने लगे. 

पास्ता बना कमर्शल
1740 में पास्ता कर्मशन बना. इस साल वेनिस में पास्ता की पहली फैक्ट्री लगाई गई. 1801 में जब थॉमस जैफरसन राष्ट्रपति बने तो उन्होंने पास्ता को अमरिकियों के बीच पहुंचाया और उसे मशहूर बना दिया. दरअसल वह पहले इटली में अमेरिका के राजदूत थे. वहां उन्हें पास्ता खूब भाया. जब वह अमेरिका वापस पहुंचे तो अपने दोस्तों से अक्सर उसके बॉक्स मंगवाते थे. जब वह राष्ट्रपति बने तो उन्होंने अमेरिका में ही पास्ता बनाने की मशीन लगवा दी. दुनिया में 1990 में पास्ता इंडस्ट्री का दौर शुरू हुआ.    

कई तरह का पास्ता
एनसाइक्लोपीडिया ऑफ पास्ता के अनुसार दुनिया में हर साल 146 करोड़ टन पास्ता बनता है. फूड ब्लॉगर रोहित मालवे कहते हैं कि पास्ता के कई आकार होते हैं. नूडल्स की तरह दिखने वाला पास्ता स्पैगटी कहलाता है. लंबा सीधा पास्ता बिगोली कहा जाता है. ट्यूप के आकार का पास्ता रिगाटोने कहलाता है. छोटा और छोटा झुका हुआ पास्ता मैग्रोनी कहलाता है. स्पाइरल के आकार का पास्ता स्पीराले कहा जाता है. पास्ता 3 तरीके से बनाया जाता है. इसे सॉस के साथ, सूप की तरह या चीज में बेक करके बनाया जा सकता है. पास्ता का कोई टेस्ट नहीं होता. उसका स्वाद उसकी सॉस से बनता है. इसमें 1 कोल्ड सॉस और 4 हॉट सॉस मिलाई जा सकती हैं. कोल्ड सॉस में मेयोनीज आती है जबकि हॉट सॉस टमाटर, मैदा,बटर और दूध, पालक से या मशरूम से बन सकती है. पास्ता कभी सफेद रंग का नहीं होता है. यह थोड़ा पीला होता है. 

पास्ता 2 तरह का होता है. ड्राई पास्ता को पास्ता सीक्का और फ्रेश पास्ता को पास्ता फ्रेस्का कहते हैं (Image-Canva)

पास्ता का सलाद
1 कप पास्ता में 200 कैलोरी होती हैं और अगर यह सॉस के साथ बनाया जाए तो इसकी कैलोरी में और इजाफा होता है. जो लोग सेहत को लेकर सतर्क हैं, वह पास्ता को उबालकर उसे सलाद में भी डालकर खाते हैं. उबला हुआ पास्ता, टमाटर, खीरा, प्याज, ऑलिव्स, अवाकाडो, पनीर और फेटा चीज के साथ खाया जाए तो इसमें मात्र 202 कैलोरी होती हैं. वेट लॉस के लिए यह अच्छा ऑप्शन है. हालांकि यह तभी फायदेमंद है जब पास्ता सूजी का बना हो. बाजार में मैदा से बना पास्ता भी मिलता है. इसे खाने से बचना चाहिए. पास्ता फाइबर से भरपूर है इसलिए इसे खाने के बाद लंबे समय तक भूख नहीं लगती. इससे ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहती है. पास्ता ग्लूटन फ्री होता है. जिन लोगों को ग्लूटन से एलर्जी है, वह इसे बिना टेंशन के डाइट में शामिल कर सकते हैं. 

वैश्विकरण के बाद भारत में हुआ मशहूर
फूड ब्लॉगर रोहित मालवे कहते हैं कि भारत में पास्ता अब स्ट्रीट फूड की तरह बन गया है. हर फास्ट फूड रेस्टोरेंट में यह मौजूद है और हर घर में इसे नूडल्स की तरह रोज बनाया जाता है. भास्त में पास्ते की एंट्री कुछ साल पहले ही हुई. जब भारत में वैश्विकरण का दौर शुरू हुआ तो कई विदेशी कंपनियों ने भारत में ड्राई पास्ता बेचना शुरू किया लेकिन जब लोगों ने इसे कुछ नामी विदेशी रेस्त्रां में चखा तो यह तेजी से मशहूर होने लगा. हालांकि वह मानते हैं कि भारत में पास्ता शब्द बहुत देर में मशहूर हुआ लेकिन सेवई पास्ते का ही एक रूप है जिसका यहां सदियों से चलन है.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-when-pasta-become-popular-why-it-is-called-italian-food-8792297.html

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