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70 साल से इस दुकान के दीवाने हैं लोग, रोज बिकती है 100 लीटर दूध की रबड़ी, कीमत 50 रुपये

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Sirohi Famous Rabdi: एक मिठाई का पीस जो मजा दे सकता है न, वो मजा शायद ही किसी और चीज से मिले. इस लिए बढ़िया मिठाई बनाने वाले दुकानदारों का नाम रोशन हो जाता है. उनकी दुकानें सालों बाद भी भीड़ से भरी रहती है. राजस्थान के माउंट आबू में बनी रबड़ी की दुकान भी ऐसी ही है. इस दुकान पर रोजाना 100 लीटर दूध की रबड़ी बिक रही है. कहानी है ऐसे शख्स की, जिन्होंने दूध खराब न हो इस मकसद से पहली बार रबड़ी बनाई थी. पर स्वाद इतना लाजवाब आया कि आज 3 दुकानें खुल गई है.

सिरोही की फेमस स्पेशल रबड़ी
‘सांवल भाई रबड़ी किंग’ यह नाम है सांवल भम्भाणी की मिठाई की दुकान का. उनकी दुकान 1954 से चली आ रही है. बचा हुआ दूध इस्तेमाल हो जाए इसलिए सांवल भम्भाणी ने रबड़ी बनाना शुरू किया था. उस वक्त फ्रीज भी नहीं होते थे. लेकिन धीरे-धीरे स्वाद इतना लाजवाब आया कि आज रबड़ी बनाना उनका खानदानी काम बन गया है. तीसरी पीढ़ी इस बिजनेस को आगे बढ़ा रही है. मुरली भम्भाणी ने बताया कि रबड़ी तो बहुत मिलती है, लेकिन उनकी रबड़ी अलग है.

कहां से आया था आइडिया
सांवल भाई रबड़ी किंग दुकान के मालिक मुरली भम्भाणी बताते हैं कि सालों पहले उनके पिता जोधपुर गए थे. वहां उन्होंने रबड़ी को बनते हुए देखा था. इसके बाद उन्होंने खुद भी घर आकर ट्राई की. यहीं से रबड़ी का कारोबार खड़ा हो गया. उनकी मेन दुकान आबूरोड रेलवे स्टेशन के पास है. साथ ही ग्राहकों की डिमांड देखते हुए 2 दुकान और बनाई गई है. रबड़ी के साथ-साथ वो लस्सी भी बेचते हैं.

घंटों की मेहनत में होती है तैयार
इस स्पेशल रबड़ी को तैयार करने के लिए 3 घंटे का समय लगता है. सबसे पहले कढ़ाई में फैट वाला 4 लीटर दूध डाला जाता है. दूध को कुछ समय तक धीमी आंच पर पकाया जाता है. जैसे-जैसे दूध से मलाई आती है, उसे कढ़ाई के किनारे पर लगाया जाता है. 4 लीटर दूध में जब सिर्फ 1 लिटर बचे तो शक्कर मिलाई जाती है. चीनी मिलने के बाद मलाई को भी दूध में मिलाकर फेंटा जाता है. जब रबड़ी तैयार हो जाती है तो इसमें इलायची, पिस्ता और केसर मिलाया जाता है. सांवल भाई रबड़ी किंग दुकान पर रोजाना 60 से 100 लीटर दूध की रबड़ी बनाते हैं.

1 किलो रबड़ी की कितनी होती है कीमत
पर्यटन सीजन में रबड़ी की खपत बढ़ जाती है. वैसे तो रबड़ी 400 रुपए किलो बिकती है, लेकिन इसके बाद दूध के भाव पर भी निर्भर करते हैं. गर्मी और शादियों के सीजन में इसके भाव 600 रुपए किलो तक चले जाते हैं. इसके साल भर के कारोबार की बात करें तो यह 15 करोड़ से भी ज्यादा का है. अन्य मिठाइयों की तुलना में रबड़ी सस्ती होती है. इस वजह से भी पूरे भारत के लगभग हर मिठाई वाले के पास रबड़ी जरूर मौजूद होती है.

कितनी है कीमत?
रबड़ी – 50 रुपये
ड्राई फ्रूट रबड़ी – 60 रुपये
लस्सी – 40 रुपये
ड्राई फ्रूट लस्सी – 60 रुपये

कैसे सालों से बरकरार है स्वाद
दुकाने खुलती हैं और बंद हो जाती हैं, लेकिन मुरली भम्भाणी का कहना है कि सांवल भाई रबड़ी किंग की बात अलग है. शुद्धता और क्वालिटी का ध्यान वो शुरू से रख रहे हैं. 60 रुपये लीटर वाला दूध लेते हैं और उसमें बिल्कुल भी मिलावट नहीं करते. इसी वजह से सालों बाद भी उनका पुराना स्वादिष्ट बरकरार है.

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