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90 साल पुराने तवे पर बनती है समोसा-टिकिया चाट, गुमला के इस चाट के हर जिले में दीवाने


आज के फास्ट फूड के जमाने में गुमला का संगम चाट अपनी अनोखी पहचान बना चुका है. 90 साल पुराने तवे पर बनने वाली इस चाट का स्वाद ऐसा है कि लोग दूर-दूर से इसे चखने के लिए यहां आते हैं. यह चाट स्टॉल गुमला जिले के घाघरा प्रखंड मुख्यालय के गुमला-लोहरदगा मुख्य मार्ग पर स्थित छठ मोहल्ला में है. संगम चाट स्टॉल के मालिक अजय कुमार गुप्ता की यह कहानी न केवल उनके बिजनेस की सफलता है, बल्कि उनके पिताजी की दी हुई विरासत का सम्मान भी है.

संगम चाट का स्वाद और विविधता
संगम चाट स्टॉल पर मिलने वाली चाट का सबसे बड़ा आकर्षण है समोसा और टिकिया का स्वादिष्ट कॉम्बो. यहां के चाट में समोसा और टिकिया को अच्छे से तवे पर फ्राई किया जाता है, जिससे उसका क्रिस्पी और लाजवाब स्वाद मिलता है. अजय कुमार बताते हैं कि चाट में वो काला नमक, भूना हुआ जीरा पाउडर, मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, ताजे सलाद, दही और इमली-गुड़ की खुद की बनाई स्पेशल चटनी मिलाते हैं. इसके साथ छोले, मटर और खट्टी-मीठी चटनी चाट का स्वाद बढ़ाने का काम करती है. हर प्लेट में ये मसाले और सामग्रियां मिलाने से चाट का जायका खास बनता है और लोग इसे खाकर तारीफ करते नहीं थकते.

90 साल पुराने तवे की कहानी
अजय कुमार का कहना है कि इस स्टॉल का तवा करीब 90 साल पुराना है. यह तवा उनके पिताजी ने खरीदा था और आज अजय उसे विरासत के रूप में संभाले हुए हैं. उनके पिताजी ने उन्हें यह काम सिखाया था, और आज भी अजय उसी तवे पर चाट बनाते हैं. यह तवा उनके पिताजी के समय से लेकर अब तक अजय के साथ है, और इसी तवे पर चाट बनाने के पीछे उनके पिताजी की पुरानी यादें और कड़ी मेहनत जुड़ी हुई हैं.

व्यवसाय और समय-समय की सेवा
संगम चाट स्टॉल पर सुबह 3 बजे से लेकर रात 7-8 बजे तक चाट मिलती है. अजय बताते हैं कि चाट की सिंगल प्लेट की कीमत मात्र 20 रुपये है, जबकि डबल प्लेट के लिए 40 रुपये चार्ज किया जाता है. लोग हाफ प्लेट भी पसंद करते हैं, जो मात्र 20 रुपये में मिल जाती है. उनके स्टॉल का नाम “अमर संगम चाट घाघरा” है, जो आस-पास के सभी जिलों में प्रसिद्ध हो चुका है.

ग्राहकों का प्यार और संगम चाट की प्रसिद्धि
अजय बताते हैं कि उनके स्टॉल पर केवल गुमला या लोहरदगा से ही नहीं बल्कि रांची, धनबाद, टाटा, महुआडांड़, बिशनपुर जैसे अन्य जिलों से भी लोग आते हैं. राज्य के विभिन्न हिस्सों से लोग जब इस रोड से गुजरते हैं तो यहां रुककर चाट का आनंद जरूर लेते हैं. संगम चाट की विशेषता यह है कि इसमें ताजगी, परंपरा और स्वाद का मिश्रण है, जो हर वर्ग के लोगों को लुभाता है. उनका स्टॉल न केवल एक चाट की दुकान है बल्कि उनके पिता द्वारा सिखाई गई परंपरा और मेहनत की मिसाल है.

संगम चाट की चटपटी कहानी
यह स्टॉल स्थानीय लोगों के साथ-साथ यात्रियों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बन चुका है. गुमला से निकलकर अब राज्यभर में संगम चाट की ख्याति फैल चुकी है. अजय कुमार कहते हैं कि उन्होंने इस काम को कभी छोटा नहीं समझा, बल्कि उन्होंने इसे दिल से अपनाया और आज उसी की बदौलत उनका नाम और स्टॉल दोनों मशहूर हैं. संगम चाट का स्वाद ऐसा है कि एक बार चखने पर आप बार-बार इसे खाने का मन बनाएंगे.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-gumla-famous-sangam-chaat-prepared-on-a-90-year-old-griddle-local18-8808629.html

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