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Winter Special Sweet: भरतपुर की गलियों में सर्दी की ठंडक के साथ अब तिल की बर्फी की मिठास भी घुल गई है. स्वाद और सेहत दोनों से भरपूर यह मिठाई सर्दियों की पहली पसंद बनी हुई है, लोग इसे खरीदने के लिए दुकानों पर लाइन लगा रहे हैं.

भरतपुर. सर्दियों का मौसम आते ही भरतपुर के बाज़ारों में मिठाइयों की रौनक बढ़ जाती है. लेकिन इस मौसम में जो मिठाई सबसे ज़्यादा चर्चा में रहती है, वह है तिल की बर्फी. यह खास मिठाई सर्दियों की पहचान बन चुकी है. इसकी सुगंध, स्वाद और पोषण गुणों के कारण स्थानीय लोग इसे बड़े चाव से खरीदते हैं. भरतपुर के मिठाई बाज़ारों में इन दिनों तिल की बर्फी की जबरदस्त मांग देखने को मिल रही है, जो इसे इस मौसम की सबसे पसंदीदा मिठाई बनाती है.

भरतपुर की मिठाई की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है. खासकर शाम के समय लोग इसे घर ले जाने या मेहमानों की खातिरदारी के लिए खरीदते हैं. दुकानदार बताते हैं कि यह बर्फी सिर्फ़ ठंड के मौसम में ही बनाई जाती है, क्योंकि तिल शरीर को गर्माहट देता है और ठंड से बचाव में मदद करता है. यही वजह है कि सर्दियों में इसकी बिक्री अपने चरम पर पहुँच जाती है, जिससे यह स्थानीय संस्कृति और मौसम का एक अनिवार्य हिस्सा बन जाती है.

तिल की बर्फी बनाने के लिए सबसे पहले सफेद तिल को हल्का भून लिया जाता है, ताकि उसकी खुशबू निकल आए. इसके बाद उसमें मावा और चीनी मिलाई जाती है. मिठाई बनाने वाले इसमें खोया (मावा) डालते हैं, ताकि इसका स्वाद और पोषकता दोनों बढ़ जाएँ. तैयार मिश्रण को ठंडा करके छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है. जब यह बर्फी तैयार होती है, तो इसका रंग हल्का सुनहरा और खुशबू बेहद लाजवाब होती है. यह विधि सुनिश्चित करती है कि बर्फी न केवल स्वादिष्ट हो, बल्कि सर्दियों के लिए ज़रूरी पोषण भी प्रदान करे.

बाज़ार में इस बर्फी की कीमत लगभग ₹300 से ₹400 प्रति किलो तक रहती है. इसकी कीमत भले ही थोड़ी ज़्यादा हो, लेकिन स्वाद और गुणवत्ता के चलते लोग इसे खुशी-खुशी खरीदते हैं. यह मिठाई त्योहारों, शादियों और खास अवसरों पर भी पसंद की जाती है. भरतपुर और आसपास के इलाकों में तिल की बर्फी को सर्दियों का पारंपरिक स्वाद माना जाता है, जो इसे सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि स्थानीय संस्कृति का प्रतीक भी बनाता है.

बुजुर्ग बताते हैं कि पहले के ज़माने में यह घरों में ही बनाई जाती थी, लेकिन अब बाज़ार में इसकी कई वैरायटी मिलने लगी हैं, जैसे दूध वाली और सूखे मेवों से भरपूर तिल की बर्फी. कुल मिलाकर, सर्दियों में तिल की बर्फी सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि भरतपुर की परंपरा, स्वाद और स्वास्थ्य का प्रतीक बन चुकी है, जो बदलते समय के साथ अपनी जड़ों से जुड़ी हुई है.

इसका जायका न सिर्फ स्वाद कलियों को लुभाता है. बल्कि सर्द हवाओं में शरीर को गर्माहट भी देता है. इसलिए लोग इस मिठाई को सर्दियों में काफी अधिक पसंद करते हैं.जो कि तिल की बर्फी के नाम से बाजार में काफी अधिक मशहूर रहती है.और लोगों के बीच आकर्षित का केंद्र बनी रहती है.सर्दियों के मौसम में
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https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/recipe-winter-til-ki-barfi-sweet-trend-in-bharatpur-local18-9835517.html







