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Dal soaking time। दाल भिगोने का समय


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Dal Soaking Time: आप चाहते हैं कि दाल खाने के बाद पेट फूलने या भारीपन जैसी समस्या न हो, तो उन्हें भिगोने का सही समय ज़रूर ध्यान में रखें. हर दाल का अपना अलग सोखिंग टाइम होता है. जैसे चना और राजमा को रातभर भिगोना चाहिए, वहीं मसूर और मूंग को थोड़ी देर के लिए. सही तरीके से भिगोई गई दाल न सिर्फ जल्दी पकती है बल्कि शरीर के लिए भी ज़्यादा फायदेमंद होती है.

कौन-सी दाल कितनी देर भिगोएं? जानिए सही तरीका, पेट फूलने की समस्या से राहतदाल भिगोने का तरीका
Dal Soaking Time: दाल भारतीय खाने का ऐसा हिस्सा है जिसके बिना ज़्यादातर लोगों का खाना अधूरा लगता है. दाल न सिर्फ स्वाद में बढ़िया होती है बल्कि इसमें प्रोटीन, फाइबर और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं, लेकिन कई बार लोग दाल खाने के बाद पेट फूलने, भारीपन या गैस की शिकायत करते हैं. इसका एक बड़ा कारण है दाल को बिना भिगोए पकाना. दरअसल, दालों को भिगोने से इनमें मौजूद एंटी-न्यूट्रिएंट्स और ज़रूरी न होने वाले तत्व निकल जाते हैं, जिससे ये जल्दी पकती हैं और पचने में आसान हो जाती हैं, अगर आप भी जानना चाहते हैं कि कौन-सी दाल को कितनी देर भिगोना चाहिए, तो चलिए इस आर्टिकल में इसका सही तरीका समझते हैं.

1. चना दाल
चना दाल स्वादिष्ट होने के साथ थोड़ी भारी भी होती है. इसे पचाना आसान बनाने और जल्दी पकाने के लिए इसे 1 से 2 घंटे के लिए भिगोना अच्छा रहता है. भिगोने से दाल नरम हो जाती है और गैस या भारीपन की समस्या भी नहीं होती.

2. काला चना
काला चना पचाने में सबसे कठिन दालों में गिना जाता है. इसे हमेशा रातभर यानी लगभग 8 से 12 घंटे तक भिगोना चाहिए. इससे ये आसानी से पक जाती है और पेट में गैस बनने की संभावना कम हो जाती है. खासतौर पर जिन लोगों का पेट संवेदनशील होता है उनके लिए इसे भिगोकर खाना ज़रूरी है.

3. मसूर दाल
मसूर दाल जल्दी पकने वाली दाल है. इसे ज़्यादा देर भिगोने की ज़रूरत नहीं होती. केवल 15 से 20 मिनट पानी में भिगोने से ही इसके एंटी-न्यूट्रिएंट्स निकल जाते हैं और ये हल्की होकर आसानी से पच जाती है.

4. मूंग दाल
मूंग दाल वैसे तो हल्की और जल्दी पचने वाली मानी जाती है, लेकिन इसे 30 मिनट भिगोने से इसके ऊपर का स्टार्च निकल जाता है और खाने के बाद गैस की संभावना कम हो जाती है.

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5. राजमा
राजमा को अगर सही तरीके से न भिगोया जाए तो यह पेट में भारीपन, जलन और अपच का कारण बन सकता है. इसे हमेशा 8 से 12 घंटे यानी रातभर भिगोना चाहिए. इससे न केवल ये जल्दी पकता है बल्कि इसमें मौजूद लेक्टिन जैसे तत्व भी निकल जाते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं.

6. तुअर दाल (अरहर दाल)
अरहर दाल को बनाने से 30 से 45 मिनट पहले पानी में भिगोना सही रहता है. इससे ये जल्दी पकती है और पचने में आसान रहती है. भिगोने से इसके पोषक तत्व भी अच्छे से बने रहते हैं.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

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Mohit Mohit

मीडिया इंडस्ट्री में 8+ साल का अनुभव, ABP, NDTV, दैनिक जागरण और इंडिया न्यूज़ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़कर काम किया। लाइफस्टाइल, धर्म और संस्कृति की कहानियों को रोचक अंदाज़ में प्रस्तुत करने का खास हुनर।…और पढ़ें

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कौन-सी दाल कितनी देर भिगोएं? जानिए सही तरीका, पेट फूलने की समस्या से राहत


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