रामपुर: यूपी में रामपुर की मिठाइयों में ‘चन्द्रकला’ का नाम सबसे पहले आता है. यह मिठाई अपनी खास बनावट, बेहतरीन स्वाद और खोए व सूखे मेवों की भरपूर मात्रा के लिए जानी जाती है. त्योहारों या खास अवसरों पर रामपुर की मिठाई की दुकानों में इस मिठाई की मांग हमेशा बनी रहती है. बाहर से एकदम कुरकुरी परत और अंदर से रसीली भरावट से सजी ‘चन्द्रकला’ खाने वालों का दिल जीत लेती है.
दुर्गा स्वीट्स के मालिक ने मिठाई को लेकर बताया
रामपुर के मिस्टनगंज स्थित दुर्गा स्वीट्स के मालिक अंकित कुमार बताते हैं कि ‘चन्द्रकला’ बनाने में बहुत मेहनत और समय लगता है. इसे तैयार करने में 8 से 9 घंटे का समय लगता है. इस मिठाई की परतें मैदा से बनाई जाती हैं, जिन्हें एकदम सटीक तरीके से घी में तला जाता है, ताकि हर परत पूरी तरह कुरकुरी हो. इसके अंदर प्योर दूध से बने खोया और ड्राईफ्रूट्स का मिश्रण भरा जाता है, जो इसे और भी खास बनाता है.
जानें देसी में तैयार होने वाली मिठाई की कीमत
‘चन्द्रकला’ मिठाई की कीमत भी इसके बनाने के तरीके और गुणवत्ता पर निर्भर करती है. देसी घी में बनी ‘चन्द्रकला’ 520 रुपए प्रति किलो के भाम में मिलती है. जबकि रिफाइंड तेल में बनी ‘चन्द्रकला’ 260 रुपये प्रति किलो में उपलब्ध है. ग्राहकों की मांग के अनुसार, त्योहारी सीजन में इसकी बिक्री काफी बढ़ जाती है, और दुकान पर लंबी कतारें देखने को मिलती हैं.
दूसरे राज्यों के लोगों की भी है पसंद
दुर्गा स्वीट्स का मिष्ठान भंडार सिर्फ रामपुर ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और आस-पास के जिलों में भी प्रसिद्ध है. यहां की मिठाइयां दूर-दूर तक मशहूर हैं और लोग इन्हें विशेष रूप से खरीदने आते हैं. ‘चन्द्रकला’ न सिर्फ स्थानीय लोगों की पसंदीदा है, बल्कि बाहर से आने वाले लोग भी इसे खरीदना नहीं भूलते हैं. यह मिठाई रामपुर की मिठाई परंपरा का एक अहम हिस्सा है, जो हर अवसर को मिठास से भर देती है.
FIRST PUBLISHED : October 29, 2024, 11:43 IST
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