लखेश्वर यादव/जांजगीर चांपा. जांजगीर चांपा जिले के कोटगढ़ गांव के करीब दो दर्जन किसान तालाबों में बड़े पैमाने पर सिंघाड़ा की खेती कर रहे हैं. बदलते समय के साथ ही खेती किसानी के क्षेत्र में भी बदलाव आया है. पहले किसान परंपरागत रुप से कुछ ही फसलों की खेती किया करते थे, लेकिन अब उनका कार्यक्षेत्र बढ़ गया है.
जांजगीर जिले में अकलतरा ब्लॉक के ग्राम कोटगढ़ के किसान राजाराम धीवर ने Bharat.one को बताया कि वह सिंघाड़े की खेती कर आर्थिक रुप से सुदृढ़ हो रहे है. साथ ही गांव के 15-20 किसान तालाबों में बड़े पैमाने पर सिंघाड़ा की फसल ले रहे हैं, जिससे अच्छी आमदनी हो रही है. राजाराम धीवर ने बताया कि वे पहले धान की खेती करते थे, लेकिन ज्यादा मुनाफा नहीं हो पाता था, मजदूरी में ज्यादा लागत आती थी. बाद में विचार आया सिंघाड़े की खेती करें जिससे ज्यादा मुनाफा होगा.
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बाजार में मिलती है अच्छी कीमत
राजाराम ने सात साल पहले 2018 में एक एकड़ तलाब में सिघाड़े की खेती की शुरुआत की जिसमें उन्हें अच्छी आमदनी हुई, जिसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, वह तब से लेकर आजतक सिघाड़े की खेती कर रहे हैं. सिघाड़े की खेती में सहयोग उनके पुत्र हमेशा से साथ देते आ रहे है. राजाराम को सिघाड़े की खेती से अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है. साथ ही इसमें भी अन्य फसल की तरह देखरेख और सफाई की जरूरत होती है इसके लिए गांव के लोगों को रखा हुआ है जिससे उन्हें भी रोजगार मिल सके.
जांजगीर, अकलतरा और बलौदा के स्थानीय बाजारों में सिंघाड़ा 50 से 60 रुपए किलो बिक रहा है, जिससे राजाराम की आय बड़ रही है, खुद तो आत्मनिर्भर बन रहे है, साथ ही गांव के लोगों को रोजगार में रखकर उनके परिवार वाले को भी खुशी दे रहे हैं.
FIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 15:03 IST
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