Gilki Pakoda Recipe: आप सोचते हैं कि पकोड़े सिर्फ आलू, प्याज या मिर्च के ही बनते हैं, तो ज़रा ठहरिए! क्योंकि आज जो रेसिपी हम बताने वाले हैं, वो थोड़ी हटकर है – गिलकी पकोड़े या फिर कहें तोरई के पकोड़े. सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगता है, लेकिन इंदौर, उज्जैन और मालवा जैसे इलाकों में ये पकोड़े लोगों के दिल के बहुत करीब हैं. वहां के हलवाई भी त्योहारी मौसम में इसे ज़रूर बनाते हैं, और कई घरों में तो खास मौकों पर इसका पूरा इंतज़ाम किया जाता है. इस रेसिपी की खास बात ये है कि इसमें गिलकी को बिना छीले और बिना काटे मसाले से भरकर तला जाता है. ऊपर से जब ये बेसन में लिपटकर सुनहरे हो जाते हैं, तो देखने वाला भी धोखा खा जाए कि ये मिर्ची पकोड़ा है या कुछ और! सबसे अच्छी बात – ये डिश बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को पसंद आती है. अगर आपने अब तक तोरई को सिर्फ सब्ज़ी के रूप में खाया है, तो अब समय है इसे एक नए रूप में आज़माने का. चलिए जानते हैं मालवा स्टाइल में बनने वाले इन गिलकी पकोड़ों की पूरी कहानी, टिप्स और वो छोटे-छोटे राज़ जो इसे परफेक्ट बनाते हैं.
सबसे पहले आधा किलो ताज़ी गिलकी लीजिए. कोशिश करें कि ये ज्यादा बड़ी न हो, क्योंकि लंबी गिलकी तलने में मुश्किल करती है. इसे अच्छी तरह धोकर पोंछ लें – छिलका बिल्कुल न उतारें और डंठल भी रहने दें ताकि फ्राई करते वक्त पकड़ने में आसानी रहे, अगर गिलकी बहुत लंबी है तो बीच से दो हिस्सों में काट लें और हर टुकड़े में भिंडी की तरह लंबा चीरा लगाएं.
अब तैयार करें इसका स्पेशल मसाला. एक चम्मच धनिया पाउडर, डेढ़ चम्मच अमचूर, आधा चम्मच जीरा पाउडर, एक चम्मच तीखी लाल मिर्च (कश्मीरी नहीं), आधा चम्मच कुटी सौंफ और आधा चम्मच काला नमक डालें. कोई पानी नहीं डालना है. गिलकी के अंदर पहले से नमी रहती है, जिससे मसाला खुद ही गीला और चिपचिपा हो जाएगा.
हर गिलकी में इस मसाले को ध्यान से भरें – जैसे मिर्ची में भरते हैं. इस स्टफिंग से पकोड़े में मज़ेदार स्वाद आएगा और खाने पर हल्का खट्टापन और सुगंध का जबरदस्त मेल मिलेगा.
बेसन का घोल और फ्राई करने का तरीका
अब एक बाउल में डेढ़ कप बेसन लें. इसमें थोड़ा नमक, एक चुटकी मीठा सोडा (खाने वाला सोडा) और आधा चम्मच अजवाइन डालें. लाल मिर्च या हल्दी न डालें. थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर विस्कर से मिक्स करें ताकि कोई गुठली न बचे.
तेल को मीडियम आंच पर गरम करें – न बहुत तेज़, न बहुत हल्का. अब हर भरी हुई गिलकी को बेसन में डुबोकर तेल में डालें. डालते ही ये ऐसे फूलेगी कि लगेगा मिर्ची पकोड़ा तल रहा है. कुछ मिनट इसे धीमी आंच पर तलें ताकि अंदर तक पक जाए.
पहला राउंड तलने के बाद सारे पकोड़े निकाल लें और थोड़ा ठंडा होने दें. अब तेल को फिर से गरम करें और इन पकोड़ों को दोबारा तलें – यानि डबल फ्राई करें. यही स्टेप इस रेसिपी का असली राज़ है. डबल फ्राई करने से ये बाहर से कुरकुरे और अंदर से मुलायम बनते हैं.

सर्व करने का तरीका
जब सारे पकोड़े सुनहरे और कुरकुरे हो जाएं, तो इन्हें चटनी के साथ सर्व करें. इंदौर और उज्जैन में तो लोग इसे चाट स्टाइल में खाते हैं – ऊपर से हरी और मीठी चटनी डालकर, सेव छिड़ककर और थोड़ा जीरा मसाला लगाकर. चाहें तो थोड़ा दही डाल दें, बस फिर क्या कहना!

अगर आप छुट्टी वाले दिन या त्योहार पर कुछ हटके बनाना चाहते हैं, तो ये रेसिपी एकदम परफेक्ट है. जो लोग तोरई की सब्ज़ी नहीं खाते, वो भी इसे देखकर मना नहीं करेंगे, ये रेसिपी न सिर्फ स्वादिष्ट है बल्कि सेहतमंद भी है क्योंकि इसमें गिलकी की अच्छाई भी बनी रहती है.
नतीजा और खास बात
जब आप इसे काटकर देखेंगे तो अंदर से नरम और बाहर से करारे दिखेंगे. बच्चे हों या बड़े, सभी इसे चटनी और सेव के साथ मज़े से खा सकते हैं. अगली बार जब तोरई दिखे, तो इसे सिर्फ सब्ज़ी मत समझिए – इसमें छिपा है स्वाद का पूरा जादू!
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