Grow Bitter Gourd At Home: करेला, जिसे लोग अपनी कड़वाहट के लिए जानते हैं, स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद सब्ज़ी है. यह न केवल ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है, बल्कि डिटॉक्स और पाचन के लिए भी अच्छा माना जाता है. आजकल लोग घर पर ताज़ा और जैविक सब्ज़ियां उगाने की ओर बढ़ रहे हैं, ताकि बाजार की मिलावट और रासायनिक खादों से दूर रहें. करेला भी इस लिहाज से बहुत बढ़िया विकल्प है, क्योंकि इसे छोटे गमलों, बालकनी या छत पर भी उगाया जा सकता है, अगर आप सोच रहे हैं कि घर पर करेला उगाना मुश्किल है, तो ये बिल्कुल सही नहीं है. थोड़ी सावधानी, सही मिट्टी और सही बीज चुनकर आप आसानी से करेला उगा सकते हैं. इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं घर पर करेला उगाने की पूरी प्रक्रिया, जिसमें बीज से लेकर कटाई तक हर कदम शामिल है. इसके अलावा, हम कुछ आसान तकनीक और टिप्स भी देंगे, ताकि आपकी फसल स्वस्थ और भरपूर हो. घर पर करेला उगाना न सिर्फ हेल्दी सब्ज़ियों की आपूर्ति देता है, बल्कि यह बच्चों और परिवार के लिए खेती का एक मजेदार अनुभव भी बन सकता है, अगर आप चाहते हैं कि आपकी बालकनी या छत पर हरा-भरा करेला उगे, तो इस गाइड को ध्यान से पढ़ें.
1. सही बीज का चुनाव
घर पर करेला उगाने के लिए सबसे पहले आपको अच्छे बीज की जरूरत होती है. उच्च गुणवत्ता वाले बीज बाजार या ऑनलाइन आसानी से मिल जाते हैं. ध्यान दें कि बीज ताज़ा और रोगमुक्त हो. इसके अलावा, आप चाहें तो जैविक या हाइब्रिड किस्म का चुनाव कर सकते हैं. हाइब्रिड बीज जल्दी उगते हैं और अधिक उपज देते हैं, जबकि जैविक बीज पारंपरिक स्वाद और पोषण बनाए रखते हैं.
2. मिट्टी और बर्तन की तैयारी
करेला उगाने के लिए हल्की, जल निकासी वाली मिट्टी सबसे अच्छी होती है. आप गमले या छोटे प्लास्टिक के कंटेनर का इस्तेमाल कर सकते हैं. ध्यान रखें कि बर्तन में नीचे से पानी बाहर निकलने का रास्ता हो. मिट्टी में खाद और कम्पोस्ट मिलाने से पौधे जल्दी बढ़ते हैं और फसल अच्छी आती है.
3. बीज बोने की सही विधि
बीज को लगाने से पहले 24 घंटे पानी में भिगो दें. इससे अंकुरण जल्दी होगा. छोटे गमलों में 2-3 बीज ही बोएं, ताकि पौधों को पर्याप्त जगह मिल सके. बीज को लगभग 1 इंच गहरी मिट्टी में दबाकर पानी दें. बोने के बाद मिट्टी को नम रखें, लेकिन अधिक पानी से बचें.
4. रोशनी और पानी का ध्यान
करेला धूप में अच्छी तरह उगता है. इसलिए इसे दिन में कम से कम 5-6 घंटे धूप मिलने चाहिए. पानी नियमित रूप से दें, लेकिन जड़ें सड़ने न पाएं. गर्मियों में पानी की मात्रा बढ़ा दें, और बारिश के मौसम में जरूरत के हिसाब से पानी कम करें.

5. पौधों की देखभाल
करेला बेल पर चढ़ता है, इसलिए इसे सहारा देना जरूरी है. छत या बालकनी में लकड़ी या जाल लगाकर बेल को चढ़ाया जा सकता है. पौधों को हवादार जगह पर रखें और समय-समय पर पत्तियों की सफाई करें. कीड़े और रोगों से बचाने के लिए जैविक कीटनाशक या नीम का छिड़काव किया जा सकता है.
6. समय पर कटाई
करेला जल्दी बड़े हो जाता है. जब फल लंबा और हल्का कड़ा हो जाए, तो उसे तोड़ लें. ज्यादा बड़े या ज्यादा पके हुए करेला कड़वे हो सकते हैं. नियमित कटाई से नए फल आने की संभावना बढ़ती है और पौधा स्वस्थ रहता है.

7. सामान्य समस्याओं और समाधान
-पत्तियों पर पीले धब्बे: पानी की मात्रा कम करें और सूरज की सीधी धूप दें.
-कीट लगना: नीम का छिड़काव करें.
-फल न लगना: पौधे को पर्याप्त धूप और पानी दें, और समय-समय पर हरी खाद डालें.
8. फायदे और प्रेरणा
घर पर उगाया करेला पूरी तरह ताजा और कीटमुक्त होता है. यह खाने में स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. बच्चों को भी यह प्रकृति और खेती के करीब लाता है. अपने घर में हरे-भरे करेला के पौधे देखकर आपको संतोष मिलेगा और घर की रसोई भी पौष्टिक सब्ज़ियों से भर जाएगी.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/tips-and-tricks-ultimate-guide-to-growing-bitter-gourd-at-home-ghar-par-kaise-ugaye-karela-ws-ekl-9994920.html







