Jaggery For Cough: जैसे ही ठंड की शुरुआत होती है, लोगों को खांसी-जुकाम की परेशानी घेरने लगती है, लेकिन जब इसमें पॉल्यूशन यानी प्रदूषण जुड़ जाए, तो ये दिक्कत और ज्यादा बढ़ जाती है. खासकर दिल्ली और आसपास के इलाकों में जहां हवा की क्वालिटी बेहद खराब हो चुकी है, वहां हर किसी की खांसी, सांस और गले की समस्या आम बात बन गई है. डॉक्टरों का कहना है कि इस समय सिर्फ दवाइयों पर निर्भर रहना शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि बार-बार एंटीबायोटिक या इंग्लिश मेडिसिन लेने से लिवर और किडनी पर असर पड़ता है. इसी बीच डॉक्टर सलीम जैदी ने एक ऐसा घरेलू नुस्खा बताया है, जो न सिर्फ खांसी और हांफने जैसी दिक्कतों को कम करता है, बल्कि शरीर के अंदर जमी गंदगी यानी पॉल्यूटेड पार्टिकल्स को भी बाहर निकाल देता है. उनका कहना है कि हमारे पुराने खानपान में ऐसे कई नेचुरल फूड शामिल थे जो शरीर को अंदर से साफ रखते थे. उन्हीं में से एक है गुड़. गुड़ को सिर्फ मीठा समझने की गलती मत कीजिए, क्योंकि यह सर्दी, खांसी, और सांस की कई दिक्कतों में असरदार माना गया है. खास बात यह है कि अगर आप इसे डॉक्टर जैदी के बताए तरीके से खाते हैं, तो यह प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के खिलाफ एक ढाल का काम करता है.
प्रदूषण से बढ़ी फेफड़े और गले की दिक्कतें
प्रदूषण के महीन कण और धुआं सीधे हमारी सांस की नली और फेफड़ों में पहुंचते हैं. जब ये गंदगी अंदर जमा होती है, तो शरीर उसे बाहर निकालने के लिए रिएक्शन देता है – जैसे बार-बार खांसी आना, बलगम बनना, या गले में जलन होना.
लंबे समय तक यही हाल रहा तो सांस फूलने, हांफने, या अस्थमा जैसी गंभीर समस्या हो सकती है. यही वजह है कि इस मौसम में अपने फेफड़ों की सफाई और इम्यून सिस्टम को मजबूत रखना जरूरी हो जाता है.
गुड़ – नेचुरल डिटॉक्स का जरिया
डॉ. सलीम जैदी के मुताबिक, गुड़ सिर्फ मीठा खाने की चीज नहीं बल्कि एक प्राकृतिक दवा है. इसमें मिनरल्स, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं जो शरीर से टॉक्सिन्स को निकालने में मदद करते हैं.
अगर किसी को बार-बार खांसी, सीने में जकड़न, बलगम या सांस लेने में परेशानी हो रही है, तो रोज थोड़ी मात्रा में गुड़ खाना बहुत फायदेमंद होता है. यह शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाता है और पॉल्यूशन से हुए नुकसान को कम करता है.
गुड़ खाने का सही तरीका
डॉक्टर जैदी का कहना है कि गुड़ तब असर दिखाता है जब इसे सही तरीके से खाया जाए, अगर आप सिर्फ गुड़ खा लेते हैं तो पूरा फायदा नहीं मिलता.
सबसे सही तरीका है – गुड़ के साथ थोड़ा कद्दूकस किया हुआ अदरक खाएं.
यह कॉम्बिनेशन शरीर में गर्मी लाता है, बलगम को पतला करता है और फेफड़ों से जमा धूल और धुआं बाहर निकालने में मदद करता है.
दिन में एक या दो बार, खाना खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ और एक चुटकी अदरक लेना काफी होता है. ध्यान रहे – बहुत ज्यादा गुड़ खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है, इसलिए डायबिटीज वाले लोग डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसका इस्तेमाल करें.

सर्दियों में गुड़ के फायदे
सर्दियों में गुड़ खाने की परंपरा हमारे देश में काफी पुरानी है. हमारे बुजुर्ग इसे खाने के बाद जरूर खाते थे क्योंकि इससे शरीर गर्म रहता है. गुड़ पाचन को बेहतर बनाता है, ब्लड सर्कुलेशन सुधारता है और खून को साफ करता है. यही वजह है कि ठंड के दिनों में गुड़ वाली चाय, गुड़-चना, या गुड़ के लड्डू खास तौर पर खाए जाते हैं. यह न सिर्फ स्वाद बढ़ाता है, बल्कि शरीर को एनर्जी भी देता है.

डॉक्टर जैदी की राय में गुड़ क्यों जरूरी है
उनका कहना है – “जो लोग पॉल्यूशन वाली जगहों में रहते हैं, उन्हें रोज थोड़ी मात्रा में गुड़ लेना चाहिए. यह शरीर में जमी गंदगी निकालने और फेफड़ों को साफ रखने में मदद करता है. यह सर्दी-जुकाम से बचाने के साथ-साथ सांस की नली में जमा बलगम को भी कम करता है.” यानी गुड़ सिर्फ मीठा नहीं, बल्कि शरीर की सफाई करने वाला प्राकृतिक उपाय है जो हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है.
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