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Jamshedpur Famous Pakora: जमशेदपुर के बिष्टुपुर में वोल्टास बिल्डिंग के पीछे अनिल जी की दुकान है. यहां पर मूंग, उड़द, चना दाल के हल्के पकौड़े और हरी मिर्च चटनी के लिए रोज भारी भीड़ उमड़ती है. इसका स्वाद इतना टेस्टी है कि लोग लंबी लाइन लगाकर इंतजार करते हैं. यहां के पकौड़े खाने में हल्के होते है. धनिया और हरी मिर्च की चटनी स्वाद को चटपटा और तीखा बना देती है.
जमशेदपुरः सर्दियों के मौसम में अगर गरमा-गरम पकौड़े मिल जाएं तो दिन का मजा ही कुछ और होता है. जमशेदपुर में ऐसे ही स्वाद का ठिकाना है बिष्टुपुर स्थित वोल्टास बिल्डिंग के पीछे. जहां हर शाम 5 बजे से रात 8 बजे तक अनिल जी अपनी मशहूर पकौड़ियों की दुकान लगाते हैं. ठंडी हवाओं के बीच तला हुआ गर्म पकौड़ी लोगों का दिल जीत लेता है. इसी वजह से उनकी दुकान पर रोज भारी भीड़ उमड़ती है.
इन तीन दालों के मिश्रण से बनते हैं पकौड़े
अनिल जी के पकौड़े खास इसलिए हैं क्योंकि वे मूंग दाल, उड़द दाल और चना दाल को मिलाकर एक खास मिक्स तैयार करते हैं. इस मिश्रण में कच्चा हरी मिर्च, अजवाइन, नमक और कुछ बेसिक मसाले डालकर बैटर बनाया जाता है. यही साधारण, घर जैसा मिश्रण ही उनके पकौड़ों को हल्का, स्वादिष्ट और पचाने में आसान बनाता है. वे पकौड़ों को गर्म-गर्म तेल में सुनहरा होने तक तलते हैं. ऊपर से धनिया व हरी मिर्च की चटनी के साथ परोसते हैं. सरल तरीका, कम मसाला और ताजी सामग्री इन तीन बातों पर ही इनकी पहचान टिकी है.
यहां की भीड़ देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों के बीच इन पकौड़ों की क्या दीवानगी है. जैसे ही पकौड़े कढ़ाही से निकलते हैं, तुरंत ही बिक जाते हैं. कई बार तो लोग पहले ही ‘बुक’ करवा लेते हैं, ताकि उनकी बारी छूट न जाए. औसतन 10 से 15 मिनट का इंतजार तो हर ग्राहक को करना ही पड़ता है. कीमत भी बेहद किफायती है. सिर्फ ₹30 में 100 ग्राम पकौड़े मिलते हैं. जो स्वाद और गुणवत्ता दोनों ही मामलों में पूरे जमशेदपुर में बेजोड़ हैं.
हल्के, कुरकुरे और स्वाद से भरपुर होते हैं पकौड़े
पकौड़े खाने आए रवि बताते हैं कि अनिल जी के मसाले का संतुलन इतना अच्छा होता है कि खाने के बाद तेलीयपन का बिल्कुल भी एहसास नहीं होता. पकौड़े हल्के, कुरकुरे और भरपूर स्वाद वाले होते हैं. वहीं एक अन्य ग्राहक अरुण जी बताते हैं कि अगर समय पर पहुंचना है तो कम से कम 15 से 20 मिनट हाथ में लेकर ही निकलना पड़ता है. वरना उनके पकौड़े नसीब होना मुश्किल है. ऐसा स्वाद है कि कड़ाही से निकलते ही खत्म हो जाता है.
पकौड़ा खाना है तो यहां आएं
जिन्हें सर्दियों की शाम में गरमा-गरम पकौड़ों का मज़ा चाहिए, उनके लिए बिष्टुपुर की यह जगह किसी वरदान से कम नहीं. अनिल जी की सादगी, मेहनत और स्वाद का जादू मिलकर यह साबित करता है कि अच्छी चीजें ज्यादा तामझाम नहीं, बल्कि सच्चे स्वाद की पहचान चाहती हैं.
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मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और Bharat.one तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले…और पढ़ें
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