जालौर: राजस्थान में तीज-त्योहारों का विशेष महत्व है, और इनमें कजरी तीज का अपना अनूठा स्थान है. इस साल कजरी तीज 22 अगस्त, गुरुवार को मनाई जाएगी. इसे ‘बूढ़ी तीज’ और ‘सातुड़ी तीज’ के नाम से भी जाना जाता है. कजरी तीज का पर्व विशेष रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है, जो इस दिन उपवास रखती हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से विवाहित महिलाओं को अमर सुहाग की प्राप्ति होती है, जबकि अविवाहित महिलाओं को मनचाहा वर मिलता है.
कजरी तीज के दिन महिलाएं देवी पार्वती की पूजा करती हैं. वे सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और रंग-बिरंगे कपड़े पहनती हैं. इसके बाद वे देवी पार्वती से सुखी वैवाहिक जीवन के लिए आशीर्वाद मांगती हैं और उपवास रखती हैं. अधिकांश महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक कड़ा उपवास करती हैं, इस दौरान वे भोजन और पानी से परहेज़ करती हैं. हालांकि, कुछ महिलाएं फल और मेवे भी खाती हैं। व्रत के समापन के लिए सत्तू से बनी मिठाई का विशेष महत्व होता है.
सत्तू की सामग्री:
भुना हुआ चना दाल का आटा
पिसी हुई देशी शक्कर
देशी घी
इलायची पाउडर
कटे हुए ड्राई फ्रूट्स
सत्तू बनाने की विधि:
सबसे पहले चना दाल को धीमी आंच पर भून लें
हल्के सुनहरे भूरे रंग का होने पर गैस बंद कर दें और मिक्सी में पीसकर बारीक पाउडर बना लें.
सत्तू पाउडर और देशी शक्कर को अच्छे से मिक्स करें.
एक पैन में घी गरम करें और इसमें सत्तू और शक्कर के मिश्रण को भून लें.
अब इसमें इलायची पाउडर डालकर फिर से मिलाएं.
सत्तू को चांदी के वर्क और कटे हुए ड्राई फ्रूट्स से गार्निश करें.
FIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 10:20 IST
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-this-sweet-has-special-significance-on-kajri-teej-know-the-easy-way-to-make-it-8615532.html