जमशेदपुर. नए साल का पहला बड़ा पर्व मकर संक्रांति नजदीक है और जमशेदपुर में इस अवसर को धूमधाम से मनाने की तैयारियां जोरों पर है. इस पर्व का विशेष आकर्षण है गुजिया, जो न केवल स्वाद में लाजवाब होती है, बल्कि इसे मकर संक्रांति का पारंपरिक प्रसाद भी माना जाता है. जमशेदपुर की मिठाई वाली गली में कारीगर इन दिनों गुजिया बनाने में पूरी तन्मयता से जुटे हुए हैं. मुख्य कारीगर महेश पत्रों बताते हैं कि गुजिया बनाने की प्रक्रिया एक कला है, जिसमें धैर्य और सही सामग्री का विशेष ध्यान रखना पड़ता है.
गुजिया बनाने की प्रक्रिया
1. सूजी और घी का मिश्रण: सबसे पहले शुद्ध घी में सूजी को हल्की आंच पर भूनकर उसे सुनहरा किया जाता है, ताकि उसमें एक खास महक और कुरकुरापन आ सके.
2. ड्राई फ्रूट्स का मिश्रण: भुनी हुई सूजी में काजू, किशमिश, बादाम, चेरी और बिस्कुट के चूड़े को मिलाया जाता है. ये सारे तत्व गुजिया को समृद्ध स्वाद और कुरकुरापन प्रदान करते हैं.
3. मैदा का आटा: मैदा को हल्के घी और पानी के साथ गूंथा जाता है ताकि इसका आटा न ज्यादा सख्त हो और न ही ज्यादा नरम.
4. सांचे में भराई: सूजी और ड्राई फ्रूट्स के मिश्रण को मैदे के छोटे-छोटे टुकड़ों में भरकर विशेष सांचे की मदद से गुजिया का आकार दिया जाता है.
5. तेल में तलना: गुजिया को गरम तेल में धीमी आंच पर तलकर सुनहरा और कुरकुरा बनाया जाता है.
महेश जी बताते हैं कि एक किलो गुजिया में करीब 20-22 पीस तैयार हो जाते हैं, और इसकी कीमत मात्र ₹200 प्रति किलो है.
गुजिया का महत्व
मकर संक्रांति पर गुजिया सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि एक परंपरा है. इसे दोस्तों और परिवार के बीच बांटकर पर्व की खुशियों को साझा किया जाता है. इसके मीठे स्वाद में त्यौहार की असली मिठास महसूस होती है. जमशेदपुर में मकर संक्रांति के दौरान मिठाई की दुकानों पर गुजिया की मांग चरम पर होती है. हर कोई इसे खरीदकर अपने घर ले जाता है और परिवार के साथ त्योहार का आनंद उठाता है.
गुजिया न केवल स्वाद का खजाना है, बल्कि यह त्योहारों की भावना, परंपरा और मिठास का प्रतीक भी है. मकर संक्रांति पर जमशेदपुर की मिठाई वाली गलियों में यह महकती हुई मिठाई हर किसी के चेहरे पर मुस्कान ले आती है.
FIRST PUBLISHED : January 2, 2025, 14:01 IST
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