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अलीगढ़ की मिठास का असली अनुभव चाहें तो जगदीश हलवाई की रसमलाई आपकी पहली पसंद होनी चाहिए. जमालपुर इलाके में स्थित यह हलवाई अपनी मलाईदार बनावट, नरम पनीर की गोलियां और केसर-पिस्ता की सुंदर सजावट के लिए मशहूर है. हर निवाले में मेहनत और ताजगी का जादू महसूस होता है, जिससे यह रसमलाई हर उम्र के मिठाई प्रेमियों के दिल को भा जाती है और अलीगढ़ के स्वाद की पहचान बन चुकी है.

अलीगढ़ में मिठास की तलाश करने वालों के लिए जमालपुर मे जगदीश हलवाई की रसमलाई एक खास ठिकाना बन चुका है. इस हलवाई की दुकान का नाम मिठाई प्रेमियों में हमेशा चर्चा में रहता है. यहाँ की रसमलाई अपनी नरमाइयत, मलाईदार स्वाद और सुन्दर सजावट के लिए मशहूर है. छोटे से एक निवाले में ही हलवाई की मेहनत और स्वाद का पूरा जादू महसूस किया जा सकता है.

जगदीश हलवाई की रसमलाई की खासियत इसकी मलाई में डूबी हुई नरम पनीर की बॉल हैं. हर रसमलाई की बॉल एकदम हल्की और स्पंजी होती है, जो मुँह में रखते ही पिघल जाती है. इसे बनाने में ताजगी और सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है. यहां की रसमलाई की मिठास संतुलित होती है. न ज्यादा मीठा, न कम, जिससे हर उम्र के लोग इसे पसंद करते हैं.

रसमलाई के स्वाद को और खास बनाने के लिए इसमें हल्की केसर और पिस्ता का तड़का भी डाला जाता है. केसर की खुशबू और पिस्ते की क्रंची बनावट इसे और आकर्षक बना देती है. रसमलाई की सुंदरता देखकर जैसे मुँह में पानी आ जाए. यह रसमलाई हमेशा मलाई में डूबी और पिस्ते-सोने जैसी सजावट के साथ दिखाई देती है.

अगर आप खुद इसे घर ले जाना चाहें, तो जगदीश हलवाई की रसमलाई पैकिंग में भी बेहतरीन आती है. छोटी और बड़ी पैकिंग में उपलब्ध यह मिठाई घर पर भी ताजगी बनाए रखती है. अक्सर त्योहारों और खास मौकों पर यह मिठाई लोगों की पहली पसंद बन जाती है. इसके साथ ही, ग्राहक यहाँ के खुशमिजाज माहौल और अनुभवी स्टाफ से भी संतुष्ट रहते हैं.

यहाँ की रसमलाई का रेसिपी बहुत ही पारंपरिक और खास है. इसे ताजे दूध से पनीर बनाया जाता है, उसे नरमाई से गोलियां बनाई जाती हैं. फिर इसे हल्की चीनी की चाशनी और मलाई में भिगोया जाता है. आखिर में केसर और कटा हुआ पिस्ता डालकर इसे सजाया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में कोई भी चीनी या गुणवत्ता की कमी नहीं होती यही इसे अन्य रसमलाइयों से अलग बनाता है.

रसमलाई की कीमत भी किफायती है. एक छोटी प्लेट की कीमत 60 रूपये है, जिसमे रसमलाई के 2 पीस होते हैं, जबकि बड़ी प्लेट 120 रूपये में मिल जाती है. इसने रसमलाई के 4 पीस मौजूद होते हैं. त्योहारों और शादी-ब्याह के सीजन में भी यहाँ की मिठाई का दाम बहुत ज्यादा बढ़ाया नहीं जाता, जिससे यह आम और खास दोनों के लिए आसान पहुंच में रहती है.

अगर आप अलीगढ़ आएं और इस मिठास का असली स्वाद लेना चाहें, तो जगदीश हलवाई की रसमलाई जरूर चखें. यहाँ की मिठाई सिर्फ खाने का अनुभव नहीं बल्कि एक मीठी याद बन जाती है. ताले और तालीम के शहर अलीगढ़ की खास पहचान बन चुकी है ये रसमलाई. जिसे खाने के लिए लोग दूर दूर से यहां आते हैं.
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https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/recipe-aligadh-jagdish-halwai-rasmalai-lajawab-mithaas-local18-9780412.html







