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Winter Detox Food: सर्दियों में मिलने वाले कुछ हरे पत्ते शरीर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करते हैं. ये पत्ते न केवल इम्यूनिटी बढ़ाते हैं बल्कि डायबिटीज के मरीजों के लिए औषधि का काम करते हैं. इनका नियमित सेवन ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है.

सीकर. सर्दियों के मौसम में हरी सब्जियों का सेवन शरीर के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. इन्हीं हरी सब्जियों में मूली और उसके पत्ते खाने के कई फायदे हैं. मूली के पत्तों में भरपूर मात्रा में फाइबर, विटामिन, कैल्शियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर को अनेक बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट भी सर्दियों के मौसम में मूली के पत्तों को डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं, क्योंकि यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं.

मूली के पत्तों का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है. इन्हें सब्जी, पराठे, सूप या चटनी के रूप में तैयार किया जा सकता है. मूली के पत्तों की सब्जी स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोषक तत्वों से भरपूर होती है. जब इसे मूली के कद्दूकस के साथ पकाया जाता है, तो इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है. खास बात यह है कि इसे बनाना बहुत आसान है, और यह सर्दियों में शरीर को गर्माहट देने के साथ-साथ ताजगी भी देती है.

गृहणी सुमित्रा मौर्य ने बताया कि मूली के पत्तों की सब्जी बनाने के लिए सबसे पहले पत्तों को अच्छी तरह धोकर बारीक काट लिया जाता है. इसके साथ कद्दूकस की हुई मूली को भी हल्का निचोड़कर तैयार किया जाता है. इसके बाद कढ़ाही में तेल गर्म करके उसमें जीरा, लहसुन और हरी मिर्च डालकर भुना जाता है, फिर प्याज डालकर सुनहरा किया जाता है. इसके बाद मसाले मिलाकर मूली और उसके पत्तों को डालकर 7 से 10 मिनट तक धीमी आंच पर पकाया जाता है. जब सब्जी सूख जाए और मूली के पत्ते गल जाएं, तब यह खाने के लिए तैयार होती है.

आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया आयुर्वेद में मूली के पत्तों को कई रोगों का उपचार करने वाला माना गया है. इनमें फाइबर की अधिकता होने के कारण ये पाचन तंत्र के लिए बहुत उपयोगी हैं. मूली के पत्ते कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं को दूर करते हैं और भूख को बढ़ाने में मदद करते हैं. इसके नियमित सेवन से पेट साफ रहता है और शरीर में हल्कापन महसूस होता है. इस वजह से इसे प्राकृतिक डिटॉक्स फूड भी कहा जाता है.

उन्होंने बताया कि इस मूली के पत्ते लिवर को स्वस्थ रखने में भी मददगार होते हैं. इनमें मौजूद प्राकृतिक एंजाइम्स लिवर की सफाई करने और उसमें जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होते हैं. जो लोग पीलिया या अन्य लिवर से जुड़ी बीमारियों से ग्रस्त हैं, उनके लिए मूली के पत्तों का सेवन लाभदायक होता है. यह शरीर में डिटॉक्स प्रक्रिया को बढ़ावा देता है और पाचन क्रिया को भी संतुलित रखता है.

आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि डायबिटीज के मरीजों के लिए मूली के पत्ते किसी औषधि से कम नहीं हैं. ये ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और इंसुलिन की के काम करने की गति को बेहतर बनाते हैं. मूली के पत्तों में पाए जाने वाले तत्व शुगर मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करते हैं, जिससे ग्लूकोज स्तर स्थिर बना रहता है. यही कारण है कि डायबिटीज के रोगियों को सर्दियों में मूली के पत्तों को अपने भोजन में शामिल करने की सलाह दी जाती है.

मूली के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो त्वचा और इम्यून सिस्टम दोनों के लिए फायदेमंद हैं. ये त्वचा की चमक बढ़ाते हैं और मुंहासों जैसी समस्याओं से राहत दिलाते हैं. साथ ही, मूत्रवर्धक गुणों के कारण ये पेशाब की रुकावट और गुर्दे की समस्या में भी लाभ पहुंचाते हैं. मूली के पत्तों का नियमित सेवन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और सर्दियों में बीमारियों से बचाव करता है.
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