Doctors Strike latest update: कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के बाद हड़ताल पर गए रेजिडेंट डॉक्टरों से ड्यूटी पर वापस लौटने की अपील की जा रही है. पिछले 10 दिनों से चल रही हड़ताल के चलते हजारों की संख्या में बिना इलाज के भटक रहे मरीजों को देखते हुए अब दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने रेजिडेंट डॉक्टरों से अपनी ड्यूटी पर लौटने और मरीजों को देखने का अनुरोध किया है.
एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने पत्र जारी कर रेजिडेंट डॉक्टरों से अपील की है कि मरीजों की देखभाल के लिए वे वापस अपने-अपने काम पर लौट आएं. साथ ही डॉक्टरों को भरोसा दिलाया कि एम्स नई दिल्ली के अलावा देशभर में हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की सुरक्षा के लिए एम्स परिवार डॉक्टरों के साथ है लेकिन डॉक्टर होने के नाते हमारा सबसे सबसे बड़ा कर्तव्य यही है कि जो भी मरीज इलाज के लिए अस्पताल में आएं वे बिना इलाज के वापस न लौटें.
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एम्स निदेशक की ओर से बताया गया कि एम्स में हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के लिए दो कमेटियां गठित कर दी गई हैं. इनमें पहली कमेटी में एकेडमिक डीन, डीन रिसर्च, डीन एक्जामिनर, मेडिकल सुप्रिटेंडेंट और चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर को सदस्य बनाया गया है, जो हेल्थकेयर से जुड़े लोगों की किसी भी चिंता का समाधान करेंगे.
वहीं एम्स में इंटरनल सिक्योरिटी ऑडिट के लिए भी एक कमेटी का गठन किया गया है. इसमें एक दर्जन से ज्यादा विभागीय हेड्स के अलावा आरडीए के सदस्य, स्टूडेंट्स यूनियन, ऑफिसर्स एसोसिएशन, नर्सेज यूनियन, सोसायटी ऑफ यंग साइंटिस्ट, कर्मचारी यूनियन आदि से जुड़े प्रतिनिधियों का भी शामिल किया गया है.
यह कमेटी सुरक्षा का ऑडिट न सिर्फ एम्स बल्कि एम्स अन्य आउटरीच कैंपसों जैसे एनसीआई झज्जर, एनडीडीडीटीसी गाजियाबाद, सीआरएचएसपी बल्लभगढ़ में भी दिन और रात में सुरक्षा व्यवस्थाओं की जांच करेगी.
निदेशक की ओर से कहा गया कि भारत सरकार और सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के मुद्दे पर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. ऐसे में एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों से अनुरोध है कि वे पेशेंट केयर को सामान्य करने के लिए काम पर लौट आएं.
बता दें कि कोलकाता में हुए जघन्य हत्याकांड के बाद 12 अगस्त से ही दिल्ली के अलावा देशभर के सभी अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. इसके चलते सभी अस्पतालों में ओपीडी, इलेक्टिव ऑपरेशन थिएटर, मरीजों की भर्ती, मरीजों की जांचें आदि को लगभग बंद कर दिया गया है. सिर्फ इमरजेंसी, आपातकालीन ओटी और आईसीयू सेवाएं ही अस्पतालों में चल रही हैं और हजारों की संख्या में मरीज परेशान हो रहे हैं.
21 अगस्त को भी रहा ये हाल
एम्स की मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. निरुपम मदान की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि एम्स नई दिल्ली में 21 अगस्त को जहां इमरजेंसी और आईसीयू सर्विसेज सामान्य रहीं, वहीं ओपीडी 65 फीसदी घट गई, सिर्फ 35 फीसदी लोग ही ओपीडी में दिखा सके. इसके अलावा मरीजों की भर्ती भी 40 फीसदी कम रही. ऑपरेशन थिएटरों का काम लगभग ठप रहा. यहां सिर्फ 10 फीसदी मरीजों के ऑपरेशन हो पाए, बाकी 90 फीसदी मरीज सर्जरी का इंतजार करते रहे. इसके अलावा न तो लैबोरेटरीज में मरीजों के सैंपलों की जांचें हो पाईं और न ही एमआरआई, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंट आदि जांचें की जा सकीं. इन दोनों विभागों में भी भारी कमी देखी गई.
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FIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 18:49 IST
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