कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर की रेप के बाद नृशंस हत्या के बाद देशभर के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि दर्जनभर से ज्यादा राज्यों के रेजिडेंट डॉक्टर्स इंसाफ के लिए मांगों पर अड़े हैं और इसी वजह से अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं से लेकर, ऑपरेशन थिएटर और इलेक्टिव सर्विसेज ठप हो गई हैं. सुरक्षा और न्याय को लेकर डॉक्टरों की मांग जायज है लेकिन इसका खामियाजा मरीजों को भोगना पड़ रहा है. इस स्ट्राइक के चलते दिल्ली के 10 से ज्यादा बड़े अस्पतालों में लगभग 50 फीसदी से ज्यादा मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ा है.
सफदरजंग अस्पताल में हड़ताल के बाद रैली निकालने रेजिडेंट डॉक्टर्स.
डिलिवरी के बाद इन्फेक्शन, ऑपरेशन का इंतजार…
उत्तर प्रदेश के रामपुर से अपनी भाभी को लेकर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पहुंचे नोमान ने बताया कि 10 दिन पहले उनकी भाभी को बेटी हुई. सीजेरियन डिलिवरी के बाद अचानक कुछ हुआ कि प्रसूता को इन्फेक्शन हो गया. मुरादाबाद तक इलाज न मिलने के बाद वे मरीज को रविवार को दिल्ली सफदरजंग अस्पताल लेकर आ गए. भाभी ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, सोमवार को भाभी का ऑपरेशन होना था लेकिन डॉक्टरों की हड़ताल के चलते कहा गया कि अभी सर्जन नहीं हैं. इसलिए सोमवार को ऑपरेशन नहीं हुआ. डॉक्टरों के धरने और विरोध प्रदर्शन के चलते मंगलवार को भी सर्जरी नहीं हो पाई है. हालांकि काफी गुहार लगाने के बाद जांचें की जा रही हैं. देखते हैं कब तक सर्जरी होती है.
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न इमरजेंसी में दिखा पाए न ही ओपीडी में..
एम्स नई दिल्ली में पेट में दर्द की शिकायत लेकर पहुंचे नंदनगरी में रहने वाले 54 साल के नरीमन ने बताया कि दो दिनों तक नजदीक के सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के बाद भी जब फायदा नहीं हुआ तो एम्स में दिखाने के लिए आए. हालांकि ओपीडी का टोकन नहीं मिल पाया था और ऊपर से ओपीडी में हड़ताल भी चल रही थी, इसलिए इमरजेंसी में गए लेकिन वहां पहले से मरीजों की भीड़ थी. साढ़े 4 घंटे तक दर्द में कराहते इंतजार किया लेकिन नंबर ही नहीं आया. दर्द ज्यादा था तो फिर वहां से प्राइवेट अस्पताल के लिए जाना पड़ा.
एम्स दिल्ली में हड़ताल पर डॉक्टर्स.
गॉल ब्लैडर का ऑपरेशन था, नहीं हुआ..
आरएमएल अस्पताल से लौटी 44 साल की जानकी देवी ने बताया कि पथरी के चलते गॉल ब्लैडर निकलवाने के लिए ऑपरेशन की डेट मिली थी और 13 अगस्त को भर्ती होना था लेकिन अस्पताल पहुंचकर पता चला कि ऑपरेशन नहीं होगा. कहा गया कि दोबारा डेट ले लो, अभी अस्पताल में हड़ताल चल रही है. अब फिर से एक-दो महीने तक ऑपरेशन टल गया. बीमारी से अलग परेशान हैं, अस्पताल में चक्कर काटने से और भी ज्यादा..
डॉक्टर बोले- इमरजेंसी चालू, बाकी सब बंद
आरडीए आरएमएल के महासचिव डॉ. आदिल अमीन ने बताया कि डॉक्टरों की हड़ताल 12 अगस्त से चल रही है. हालांकि अस्पताल में सभी इमरजेंसी सेवाएं चालू हैं. कुछ पहले से तय सर्जरी, जो तुरंत होना जरूरी नहीं हैं, वे भी टाल दी गई हैं. ओपीडी में सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट नहीं हैं लेकिन प्रोफेसर और कंसल्टेंट ओपीडी में मौजूद रहे हैं. जबकि इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर चल रहा है और लोगों का इलाज भी हो रहा है. इसके अलावा पैथोलॉजी आदि सेवाएं भी चल रही हैं.
मरीज हो रहे परेशान, मांग रहे मदद
सोशल ज्यूरिस्ट अशोक अग्रवाल ने बताया कि डॉक्टरों की हड़ताल के चलते बहुत सारे मरीज परेशान हो रहे हैं. न केवल ओपीडी बल्कि लंबे समय से सर्जरी का इंतजार कर रहे मरीज भी परेशान होकर अस्पतालों से लौट रहे हैं. सरकारी अस्पतालों से कई लोगों ने मदद की भी गुहार लगाई है.
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FIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 16:47 IST
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