Fuction of vitamin e: विटामिन ई महज विटामिन ई vitamin e भर नहीं है. विटामिन ई में सेहत का पूरा संसार समाया हुआ है. इसलिए इसे सिर्फ एक विटामिन भर कहना गलत होगा. विटामिन ई 8 अलग-अलग स्रोतों से आकर एक विटामिन बनता है. और इन आठों का शरीर में अलग-अलग काम है. इसलिए यह महज एक विटामिन नहीं है. विटामिन ई शरीर में वसा की उपस्थिति में पचता है. अगर वसा की कमी हो तो विटामिन ई शरीर में आकर भी नहीं आता. किसी एक फूड से विटामिन ई की कमी पूरी नहीं हो सकती है. इसके लिए कई चीजों की जरूरत होती है.
विटामिन ई का काम
क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक विटामिन ई मुख्य रूप से एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है जो शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करता है. जब कोशिकाओं में जैविक क्रिया होती है तो करोड़ों फ्री रेडिकल्स बनते हैं. ये फ्री रेडिकल्स शरीर में बीमारियों के लिए खाद्य-पानी का काम करते हैं लेकिन जब एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा बढ़ती है तो फ्री रेडिकल्स कम होने लगते है. विटामिन ई यही काम करता है. इस तरह विटामिन ई कैंसर सहित कई तरह की बीमारियों से हमारी रक्षा रता है.
विटामिन ई की कितनी जरूरत
विटामिन ई हमारे शरीर में अपने आप नहीं बनता. यह विभिन्न तरह के फूड में होता है जिन्हें खाने से हमें विटामिन ई की प्राप्ति होती है. हर उम्र और परिस्थिति के हिसाब से विटामिन ई की अलग-अलग जरूरत होती है. जन्म से लेकर 6 महीने तक के बच्चे को जहां 4 मिलीग्राम विटामिन ई की जरूरत होती है वहीं 14 साल के बच्चे को 15 मिलीग्राम तक विटामिन ई रोज चाहिए. वहीं वयस्क व्यक्ति को 15 मिलीग्राम लेकिन दूध पिला रही मांओं को यह 19 मिलीग्राम रोज चाहिए.
विटामिन ई का काम
कैंसर के जोखिम को कम करता-विटामिन ई उन डैमेज कोशिकाओं को खत्म करता है जिनके कारण कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने की आशंका ज्यादा रहती है. कई स्टडी में यह साबित हो गया है कि विटामिन ई और सेलेनियम की कमी से ब्रेस्ट कैंसर और लंग्स कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
आंखों की रोशनी के लिए जरूरी
विटामिन ई आंखों की रक्षा के लिए जरूरी है. अगर शरीर में विटामिन ई पर्याप्त हो तो उम्र संबंधी आंखों में मेकुलर डिजेनरेशन नहीं होता है. अगर विटामिन ई की कमी हो जाती है तो आंखों में विभिन्न तरह की बीमारियां होने लगती है.
इम्यून सिस्टम बूस्ट करता
विटामिन ई इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है. अगर विटामिन ई पर्याप्त हो तो सामान्य सर्दी बुखार से लेकर कैंसर तक की बीमारियां नहीं होती है. विटामिन शरीर की आंतरिक रक्षा प्रणाली के लिए बहुत जरूरी है.
खून में थक्का नहीं जमने देता
विटामिन ई नेचुरल ब्लड थिनर है. यानी यह खून में थक्का जमने नहीं देता है जिसके कारण हार्ट अटैक से सुरक्षा हो पाता है. हालांकि इसके लिए विटामिन ई की सप्लीमेंट की जरूरत नहीं है.
चेहरे पर चमक नहीं लाता
विटामिन ई माइश्चराइजर और सनस्क्रीन का काम करता है. यह चेहरे पर चमक लाने के लिए नेचुरल प्रोडक्ट है. यह नेचुरल सिबम है जो फ्री रेडिकल्स के कारण डैमेज स्किन से रक्षा करता है और नई कोशिकाओं में कोलेजन वापस लाता है.
विटामिन ई के लिए क्या करें
विटामिन ई की कमी हो जाए तो इसका मतलब यह नहीं विटामिन ई सप्लीमेंट लिया जाए. बल्कि इसके लिए विभिन्न तरह के डाइट का सेवन किया जाए. स्टडी के मुताबिक विटामिन ई सप्लीमेंट की जरूरत बिना डॉक्टरों की सलाह से नहीं करना चाहिए. विटामिन ई के लिए साबुत अनाज, विभिन्न तरह के सीड्स जैसे कि पंपकिन सीड्स, चिया सीड्स, बेसिल सीड्स, मछली, ताजे फल, हरी पत्तीदार सब्जियां, बादाम, अखरोट, पिश्ता, एवोकाडो, गोल मिर्च, दालचीनी, आम, कीवी, शकरकंद आदि का सेवन करना चाहिए.
FIRST PUBLISHED : August 12, 2024, 10:03 IST
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