नई दिल्ली. डायबिटीज (Diabetes) एक ऐसी बीमारी है, जो हमारे देश में लगातार बढ़ती जा रही है. टाइप-2 डायबिटीज के लिए तो लोगों की शिथिल जीवनशैली (Sedentary lifestyle) सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक पूरी दुनिया में इस समय 42.2 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. पिछले 40 सालों में मधुमेह की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या चार गुना बढ़ गई है. लेकिन अगर अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर लिए जाएं तो डायबिटीज जैसी बीमारी को 10 साल तक के लिए टाला जा सकता है. ग्लूसेस्टरशायर लाइव की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लासगो विश्वविद्यालय में मेटाबोलिक मेडिसिन के विशेषज्ञ प्रोफेसर नवीद सत्तार ने इस सप्ताह जेडओई के साथ डायबिटीज की रोकथाम पर किए गए शोध के बारे में जानकारी साझा की.
जब बॉडी में ब्लड शुगर लेवल हाई होता है तो ये शरीर के कई हिस्सों को जैसे नर्व्स, किडनी, हार्ट और आंखों पर असर करता है. इसलिए ये बहुत जरूरी हो जाता है कि आप जितना हो सकते, इस बीमारी को अपने से दूर ही रखें.
ग्लासगो विश्वविद्यालय के हृदय और चिकित्सा विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर सत्तार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कुछ लोगों में “सामान्य शर्करा के स्तर पर वापस लौटने” की क्षमता भी होती है. उन्होंने कहा, “यदि आप 40 और 50 वर्ष के हैं और आप प्री-डायबिटीज हैं, तो कुछ छोटे-छोटे लाइफ स्टाइल चेंज करके इस बीमारी को खुद तक आने से रोक सकता हैं, या उसका समय बढ़ा सकते हैं. जैसे अपने वजन को कम रखना, मांसपेशियों को ठीक करें. आपका कम वजन आपको कई बीमारियों से बचा सकता है. आप वजन कम कर सकते हैं या फिर तीन या चार किलोग्राम वजन कम करके उसे स्थिर बनाए रख सकते हैं. अगर आप एक एक्टिव लाइफ स्टाइल अपनाते हैं, एक्सरसाइज करते हैं, अपना वजन कंट्रोल करते हैं, इसका मतलब है कि आप मधुमेह के विकास को तीन, चार, पांच या 10 साल तक टाल सकते हैं.’
हर हफ्ते वजन मापने से बॉडी वेट कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
उन्होंने कहा कि अगर आप चाहें तो आप नॉर्मल ब्लड शुगल लेवल पर भी पहुंच सकते हैं. प्रोफेसर सत्तार ने मधुमेह के जोखिम को कम करने के अपने तरीके भी साझा किए, जिसमें साइकिल से काम पर जाना, अपनी पैदल यात्रा बढ़ाना और शारीरिक गतिविधि को अपनाने के लिए अपनी “पहचान” को नया आकार देना शामिल है. हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आहार भी इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
क्या होता है हाइपरग्लाइसेमिया
आईएएनएस की खबर के अनुसार मधुमेह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके खून में शर्करा (ग्लूकोज) का स्तर अधिक होता है. आमतौर पर एक व्यक्ति में यह स्थिति तब विकसित होती है जब उसका पेनक्रियाज पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता. या कहें बिल्कुल भी इंसुलिन नहीं बनाता या जब उसका शरीर पेनक्रियाज द्वारा बनाए गए इंसुलिन पर रिएक्ट नहीं करता. ग्लूकोज शरीर के लिए ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है और यह भोजन और पेय पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट से आता है. आपका रक्त ऊर्जा के लिए ग्लूकोज को आपके शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाता है. जब शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है, तो बॉडी में ब्लड शुगर लेवल बहुत बढ़ जाता है. इसे हाइपरग्लाइसेमिया भी कहा जाता है.
FIRST PUBLISHED : August 2, 2024, 13:06 IST
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