Heart Attack & Cardiac Arrest Difference: देश और दुनिया में हार्ट डिजीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का शिकार होकर जान गंवा रहे हैं. आज के दौर में हार्ट डिजीज सबसे ज्यादा मौतों की वजह बन रही हैं. एक जमाने में इन बीमारियों का कहर मिडिल एज या बुजुर्गों पर ज्यादा होता है, लेकिन अब युवा इसका सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं. आज कार्डियोलॉजिस्ट्स से जानेंगे कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट क्या होता है. साथ ही यह भी जानेंगे कि युवाओं में हार्ट डिजीज के मामले क्यों बढ़ रहे हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है.
नई दिल्ली के MASSH हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रजनीकांत शास्त्री ने Bharat.one को बताया कि जब हार्ट की आर्टरीज ब्लॉक हो जाती हैं और पर्याप्त मात्रा में ब्लड की सप्लाई नहीं हो पाती है, तब इस कंडीशन को हार्ट अटैक कहा जाता है. कार्डियक अरेस्ट की बात करें, तो जब किसी व्यक्ति का हार्ट खून को पंप करना बंद कर देता है और हार्ट स्टैंड स्टिल पोजीशन में चला जाता है, तब उस कंडीशन को कार्डियक अरेस्ट कहते हैं. कार्डियक अरेस्ट आर्टरी बंद होने या फेटल एरिदिमिया के कारण होता है. हार्ट अटैक माइनर या माइल्ड भी हो सकता है, लेकिन कार्डियक अरेस्ट हमेशा सीवियर होता है. कार्डियक अरेस्ट की कंडीशन में लोग चलते-फिरते गिर जाते हैं और इसमें अधिकतर लोगों की मौत हो जाती है.
डॉक्टर शास्त्री ने बताया कि हार्ट की 3 मेन आर्टरीज होती हैं, जिनमें ब्लॉकेज होने पर ब्लड सप्लाई बाधित होती है और हार्ट अटैक की कंडीशन पैदा हो जाती है. कार्डियक अरेस्ट अचानक होता है और हार्ट पूरी तरह काम करना बंद कर देता है. हार्ट की ये दोनों ही जानलेवा कंडीशन हैं और वर्तमान समय में इनके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. लोग चलते-फिरते, नाचते-गाते कार्डियक अरेस्ट का शिकार होकर जान गंवा रहे हैं. दोनों की सबसे बड़ी वजह गलत लाइफस्टाइल, अनहेल्दी खाना और फिजिकल एक्टिविटी की कमी है. स्ट्रेस भी हार्ट डिजीज की सबसे बड़ी वजहों में से एक है. क्रोनिक डिजीज भी हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की वजह बन सकती हैं. हार्ट डिजीज से बचने के लिए पुरानी बीमारियां कंट्रोल करना जरूरी है.
हार्ट डिजीज के रिस्क फैक्टर्स जान लें
ग्रेटर नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. विवेक टंडन ने Bharat.one को बताया कि आज के जमाने में अनहेल्दी लाइफस्टाइल, गलत खान-पान, स्मोकिंग, अल्कोहल का सेवन समेत कई चीजें हार्ट के लिए खतरे पैदा कर रही हैं. बड़ी संख्या में लोग डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और अन्य बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ रहा है. कई लोगों को तो बीपी, शुगर जैसी बीमारियों का पता ही नहीं लग पाता है और अगर पता लग भी जाता है, तो कुछ दिनों तक ट्रीटमेंट लेकर दवा बंद कर देते हैं. इन सभी चीजों से दिल की सेहत बिगड़ रही है.
हार्ट डिजीज से ऐसे कर सकते हैं बचाव
डॉक्टर टंडन ने बताया कि युवाओं में हार्ट अटैक बढ़ने की कई वजह हैं. अत्यधिक तनाव, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, जंक फूड्स का सेवन, मोटापा, बीपी, शुगर जैसे फैक्टर्स हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की वजह बन रहे हैं. फैमिली हिस्ट्री भी इन बीमारियों की वजह बन सकती है. हार्ट की बीमारियों से बचने के लिए लोगों को अपनी लाइफस्टाइल सुधारनी चाहिए, हेल्दी डाइट लेनी चाहिए और रेगुलर एक्सरसाइज करनी चाहिए. जिन लोगों को हार्ट डिजीज का रिस्क ज्यादा है, वे 30 की उम्र के बाद साल में एक बार फुल हेल्थ चेकअप कराएं. आप हेल्दी हैं, तब भी समय-समय पर चेकअप करवाना जरूरी है.
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FIRST PUBLISHED : September 27, 2024, 12:42 IST
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