Knee Replacement Surgery: अक्सर 50-60 साल के बाद लोगों को घुटनों की समस्याएं शुरू हो जाती हैं. लोगों के घुटनों में दर्द होने लगता है और कई लोगों को अर्थराइटिस की समस्या हो जाती है. शुरुआत में इस परेशानी से निजात पाने के लिए दवाएं दी जाती हैं, लेकिन समस्या हद से ज्यादा बढ़ जाए, तो घुटने रिप्लेस कराने पड़ते हैं. आज एक्सपर्ट से जानेंगे कि नी रिप्लेसमेंट किन लोगों को कराने की जरूरत होती है और इसके लिए क्या क्राइटेरिया होता है.
ग्रेटर नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल के आर्थोपेडिक्स एंड स्पाइन डिपार्टमेंट के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. हिमांशु त्यागी ने Bharat.one को बताया कि घुटनों का रिप्लेसमेंट उन मरीजों का किया जाता है, जो सीवियर अर्थराइटिस से जूझ रहे हों या जिन्हें घुटनों में बहुत दर्द होता है. कई लोग घुटनों के दर्द की वजह से रोजाना पेनकिलर्स लेते हैं और उन्हें चलने-फिरने में बहुत ज्यादा दिक्कत होती है, ऐसे मरीजों को नी रिप्लेसमेंट की सलाह दी जाती है. यंग एज में अगर किसी को घुटनों में बहुत ज्यादा दिक्कत होती है, तब दवाओं के जरिए ट्रीटमेंट किया जाता है और नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को टाला जाता है.
एक्सपर्ट ने बताया कि नी रिप्लेसमेंट की कोई उम्र नहीं होती है, लेकिन फिर भी कोशिश करते हैं कि लोगों की यह सर्जरी 60 साल या इसके बाद की जाए. हालांकि जिन लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी होती है, उन्हें 60 से पहले भी नी रिप्लेसमेंट का सुझाव दिया जाता है. अपर एज लिमिट की बात करें, तो नी रिप्लेसमेंट 70-80 या इससे ज्यादा उम्र में भी किया जा सकता है. कई बार 90 साल के व्यक्ति भी यह सर्जरी करवा सकते हैं. अगर किसी की हड्डियां बहुत कमजोर हों, सीवियर ऑस्टियोपोरोसिस हो, घुटनों में इंफेक्शन हो, घुटने की हड्डियां टेढ़ी हों या घुटने की आसपास की मसल्स में पैरालिसिस हो, तब उस कंडीशन में नी रिप्लेसमेंट सर्जरी नहीं करते हैं. ऐसी कंडीशन में अन्य सर्जरी की जाती है.
डॉ. हिमांशु त्यागी ने हाल ही में एक 84 साल की महिला की नी रिप्लेसमेंट सर्जरी की थी, जो पिछले 6 साल से घुटने के गंभीर दर्द से जूझ रहीं थी. बुजुर्ग महिला को पहले से दिल की बीमारियां भी थीं, लेकिन इसके बावजूद डॉक्टर्स ने उनके घुटने की ट्रांसप्लांट सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी की. डॉक्टर के अनुसार घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी बुजुर्ग मरीजों खासकर 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में बेहद सावधानी से की जाती है. हालांकि आजकल टेक्नोलॉजी काफी एडवांस हो गई है और क्रिटिकल कंडीशंस में भी घुटनों के रिप्लेसमेंट की सर्जरी करने में मदद मिलती है.
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें नी रिप्लेसमेंट में पहले मरीज की हड्डियों की कंडीशन देखी जाती है. कई लोगों के दोनों घुटने एक बार में ही रिप्लेस किए जाते हैं, जबकि कुछ लोगों के एक-एक घुटने की सर्जरी की जाती है. एक घुटना रिप्लेस करने में करीब डेढ़ घंटा लगता है. इस सर्जरी से पहले शरीर के निचले हिस्से को एनस्थीसिया से सुन्न कर दिया जाता है और फिर यह सर्जरी की जाती है.
इस सर्जरी के लिए मरीज को करीब 4 दिनों तक हॉस्पिटल में रहने की जरूरत होती है. डॉक्टर की मानें तो यह प्रक्रिया बेहद सफल रहती है. अगर बेहतर इम्प्लांट लगाया जाए, तो यह 20 से 25 साल तक चल जाते हैं. सही टेक्निक और बेहतर डॉक्टर से इम्प्लांट डलवाए जाएं, तो लोग नी रिप्लेसमेंट के बाद करीब 20 साल बिना परेशानी के जिंदगी जी सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 17, 2024, 11:35 IST
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