Why Collagen Important For Body: क्या आपकी त्वचा में झुर्रियां बढ़ रही हैं या जोड़ों में दर्द महसूस हो रहा है? इसका कारण कोलेजन की कमी हो सकता है. कोलेजन हमारे शरीर का एक जरूरी प्रोटीन है, जो त्वचा, हड्डियों और जोड़ों को मजबूती और लचीलापन देता है. उम्र बढ़ने के साथ इसकी मात्रा घटने लगती है, जिससे त्वचा ढीली और जोड़ों में कमजोरी आने लगती है. लेकिन चिंता की बात नहीं! सही डाइट और कुछ जरूरी उपायों से आप कोलेजन की कमी को पूरा कर सकते हैं. जानिए कोलेजन बढ़ाने के तरीके, फायदे और जरूरी टिप्स, जो आपको लंबे समय तक यंग और फिट बनाए रखेंगे.
क्या है कोलेजन?
कोलेजन अमीनो एसिड से बना होता है, जिसमें मुख्य रूप से प्रोलाइन, ग्लाइसिन और हाइड्रॉक्सीप्रोलाइन होते हैं. शरीर को इसे बनाने के लिए विटामिन सी, जिंक, कॉपर और मैंगनीज की भी आवश्यकता होती है. अगर इसके काम की बात करें तो ये त्वचा की नई कोशिकाएं बनाने में मदद करता है. यह मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने, त्वचा को लचीलापन, मजबूती देने, जोड़ों और हड्डियों को मजबूत बनाने, ब्लड क्लॉटिंग के लिए औश्र आंतरिक अंगों की सुरक्षा देने में मदद करता है.
Clevelandclinic के मुताबिक, अब तक 28 प्रकार के कोलेजन की पहचान हो चुकी है, जिनमें मुख्य पांच प्रकार ये हैं. पहला टाइप , जो शरीर में 90% कोलेजन होता है. यह त्वचा, हड्डियों, टेंडन और लिगामेंट्स को संरचना प्रदान करता है. दूसरा टाइप, इलास्टिक कार्टिलेज में पाया जाता है, जो जोड़ों को मजबूत रखता है, तीसरा टाइप मांसपेशियों, धमनियों और अंगों में पाया जाता है, जबकि चौथा टाइप त्वचा की परतों में मौजूद होता है. पांचवा टाइप आंखों की कॉर्निया, बाल, त्वचा की कुछ परतों और प्लेसेंटा के ऊतकों में पाया जाता है.
उम्र के साथ कोलेजन में गिरावट–
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में कोलेजन का प्रोडक्शन कम होने लगता है. महिलाओं में मेनोपॉज के बाद कोलेजन प्रोडक्शन तेजी से घटता है. 60 साल की उम्र के बाद इसका स्तर काफी कम हो जाता है.
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कोलेजन की कमी के लक्षण-
– त्वचा में झुर्रियां, ढीलापन और रूखापन आना.
– आंखों और चेहरे के आसपास खोखलापन.
– मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द.
– जोड़ों में दर्द और अकड़न.
– पाचन तंत्र की समस्याएं.
– रक्त प्रवाह में रुकावट.
कोलेजन को नुकसान पहुंचाने वाली आदतें–
-धूम्रपान करने से कोलेजन प्रोडक्शन घटता है और त्वचा जल्दी बूढ़ी दिखने लगती है.
-अधिक मीठा और प्रोसेस्ड कार्ब्स कोलेजन को कमजोर और भंगुर बना देता है.
-सूरज की किरणें कोलेजन प्रोडक्शन को धीमा कर देती हैं, जिससे झुर्रियां बढ़ती हैं.
-ऑटोइम्यून बीमारियां, जैसे ल्यूपस, रूमेटॉइड अर्थराइटिस जैसी बीमारियां कोलेजन को नुकसान पहुंचाती हैं.
कोलेजन की कमी को पूरा कैसे करें?
कोलेजन डायरेक्टर अवशोषित नहीं होता, लेकिन कोलेजन प्रोडक्शन करने वाले जरूर पोषक तत्वों को अगर डाइट में शामिल करें तो असर पड़ सकता है.
विटामिन C: संतरा, स्ट्रॉबेरी, शिमला मिर्च, ब्रोकोली आदि.
प्रोलाइन: मशरूम, गोभी, मूंगफली, अंडे की सफेदी, मांस आदि.
ग्लाइसिन: रेड मीट, चिकन, टर्की, मूंगफली, ग्रेनोला आदि.
कॉपर: सीप, अखरोट, हरी पत्तेदार सब्जियां, डार्क चॉकलेट आदि.
जिंक: रेड मीट, दालें, नट्स, हरी सब्जियां, दूध उत्पाद आदि.
क्या कोलेजन सप्लीमेंट्स फायदेमंद हैं?
कुछ अध्ययनों में कोलेजन सप्लीमेंट्स से त्वचा की नमी और लोच में सुधार, जोड़ों के दर्द में राहत की संभावना पाई गई है. हालांकि, शरीर इसे कहां इस्तेमाल करेगा, यह नियंत्रित नहीं किया जा सकता.
कोलेजन को बढ़ाने के अन्य उपाय-
-हर दिन सनस्क्रीन लगाएं.
-धूम्रपान और अधिक मीठा खाने से बचें.
-संतुलित आहार लें, जिसमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स हों.
-योग और व्यायाम करें, जिससे रक्त संचार बढ़े.
इस तरह कह सकते हैं कि कोलेजन हेल्दी स्किन, हड्डियों और जोड़ों के लिए बेहद जरूरी है. इसे बनाए रखने के लिए सही खानपान, हेल्दी लाइफस्टाइल और सूरज की किरणों से बचाव के उपाय अपनाने चाहिए. सप्लीमेंट्स से कुछ हद तक मदद मिल सकती है, लेकिन संतुलित आहार सबसे बेहतर उपाय है.
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