जिंदगी में जितना खाना और सोना जरूरी है, उतनी ही जरूरी एक्सरसाइज भी है. लगभग हर खिलाड़ी, एक्टर, बिजनेसमैन जिम जाकर अपनी फिटनेस पर ध्यान देता है. जिम की पॉपुलैरिटी इतनी बढ़ गई है कि अब हर गली में जिम खुला है. लेकिन क्या यह फिट करने की बजाय बीमार बना रहा है? हाल ही में इस पर एक स्टडी सामने आई जिसमें कहा गया कि जिम में इस्तेमाल होने वाली मशीनों पर टॉयलेट सीट से ज्यादा बैक्टीरिया पनपते हैं. दरअसल जिम में अगर हाइजीन का ध्यान ना रखा जाए तो कई तरह के इंफेक्शन हो सकते हैं.
टॉयलेट सीट से 362 गुणा ज्यादा बैक्टीरिया
फिटरेटेड नाम की कंपनी ने कुछ दिन पहले 27 जिम की मशीनों पर रिसर्च की जिसमें टॉयलेट सीट के मुकाबले 362 गुणा ज्यादा बैक्टीरिया पाए गए. रिसर्च में हर मशीन के ऊपर स्क्वायर इंच के हिसाब से लाखों कीटाणु मिले. वहीं, ट्रेडमिल पर पब्लिक टॉयलेट के मुकाबले 74 गुणा बैक्टीरिया थे. यह स्टडी दुनियाभर चर्चा का विषय बन रही है. सोशल मीडिया पर यह स्टडी खूब वायरल हो रही है.
जिम में मिले जिंदा बैक्टीरिया
वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टा के अनुसार लगभग 50 लाख भारतीय जिम जाते हैं. चूंकि जिम में कई लोग आते हैं और एक ही मशीन का इस्तेमाल करते हैं इसलिए कई तरह के बैक्टीरिया इन मशीनों पर पनपने लगते हैं. एक हेल्थ रिसर्च में जिम के इक्विपमेंट्स, फर्श और योगा मैट पर 30% जिंदा बैक्टीरिया पाए गए. जनरल ऑफ एथलेटिक ट्रेनिंग में छपी NATA की रिपोर्ट के अनुसार जिम से कई तरह के फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकते हैं.
हर दिन जिम के कपड़ों को बदलें और धूप में अच्छी तरह सुखाएं (Image-Canva)
स्किन इंफेक्शन का खतरा
दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. कशिश कालरा कहते हैं कि जिम से रिंगवर्म नाम का फंगल इंफेक्शन हो सकता है. इससे स्कैल्प और शरीर पर गोल आकार के रैशेज होने लगते हैं जो लाल रंग के होते हैं. इसमें खुजली भी होती है. अगर जिम में किसी को एक्जिमा या सिरोसिस है और उसकी स्किन पपड़ी की तरह झड़ती है, वह किसी के कॉन्टेक्ट में आ जाए तो दूसरे व्यक्ति को भी यह स्किन की बीमारी हो सकती है. जिम से एथलीट फुट भी हो सकता है. पैरों पसीना आने की वजह से अंगूठे की त्वचा मोटी हो जाती है. इसमें खुजली भी होती है. यह ज्यादा देर तक पैर गीले रहने से होता है. जो लोग स्विमिंग करते हैं, उन्हें भी यह दिक्कत होती है. कुछ लोगों को प्लांटर वार्ट्स हो जाता है. इसमें पैर की एड़ी में गांठ बन जाती है. यह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) की वजह से होता है जो एक वायरल संक्रमण है.
सांस की बीमारी कर सकती है परेशान
जिम में सांस से जुड़ी बीमारियां भी तेजी से फैलती हैं. अगर जिम में किसी को फ्लू हो तो यह वायरस नाक या गले के जरिए फेफड़ों तक पहुंच जाता है और व्यक्ति को सर्दी-जुकाम की शिकायत होने लगती है. वायरल फीवर भी तेजी से फैलता है. अगर किसी को सर्दी-जुकाम हो जाए तो उन्हें जिम जाने से बचना चाहिए. बेहतर है कि वह कुछ दिन आउटडोर यानी पार्क या छत पर वर्कआउट करे.
आई इंफेक्शन से बचकर रहें
कई बार आंखों में इंफेक्शन का कारण जिम भी बनता है. दरअसल यहां पनप रहे बैक्टीरिया और वायरस जब हाथों में लगते हैं और कोई बिना हाथ धोए अपनी आंखों पर हाथ लगा देता है तो इससे आई इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. जिम में पसीना आने पर कई बार पसीना आंखों में चला जाता है जिससे जलन होती है और लोग अपने आंखों को रगड़ने लगते हैं. वर्कआउट के दौरान मुंह का पसीना तौलिए से पोंछते रहना चाहिए ताकि बैक्टीरिया का आंखों में ट्रांसफर होने का खतरा टल जाए.
जिम में नंगे पैर ना घूमें और ना वर्कआउट करें (Image-Canva)
मैट का पसीना कर सकता है बीमार
जिम में सबसे ज्यादा इंफेक्शन मैट से फैलता है क्योंकि इस पर हर किसी का पसीना लगा होता है. जब एक व्यक्ति का पसीना दूसरे व्यक्ति के शरीर से लगता है तो बैक्टीरियल इंफेक्शन होना तय है. इसी तरह से स्कैल्प में भी इंफेक्शन हो सकता है.
वर्कआउट से पहले और बाद में हाथ धोएं
ज्यादातर इंफेक्शन हाथों के जरिए ही फैलते हैं इसलिए जिम में हमेशा वर्कआउट से पहले और बाद में साबुन से हाथ जरूर धोएं. कई लोग जिम में हॉट शावर, सोना या स्टीम बाथ लेते हैं, जिम में स्टीम रूम या बाथ लेने से बचना चाहिए. गीला होने की वजह से इन जगहों पर ज्यादा बैक्टीरिया एक्टिव होते हैं.
जिम में पूरे कपड़े पहने
अमेरिकन अकैडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी की गाइडलाइन के अनुसार जिम में खूब पसीना निकलता है इसलिए हमेशा लूज फिटिंग के कपड़े पहनें जिसकी पूरी बाजू की स्लीव हो. जिम में कभी जूते उतारकर वर्कआउट ना करें. हर इक्विप्मेंट के इस्तेमाल से पहले खुद से मशीन, डंपल या मैट को सैनिटाइज करें. इसके लिए हमेशा अपने साथ सैनिटाइजर स्प्रे रखें. जिम से आने के बाद पसीने वाले कपड़े ज्यादा देर तक ना पहनें. घर आकर तुरंत नहाएं और जिम के कपड़ों को बाकी कपड़ों से अलग धोएं. अगर शरीर पर कोई कट है या घाव है तो उसे ढककर रखें. जिम में कभी अपना तौलिया, साबुन, जूते या स्लीपर किसी से शेयर ना करें.
FIRST PUBLISHED : October 26, 2024, 23:47 IST
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-gym-equipments-has-more-bacteria-than-a-toilet-seat-it-can-make-you-sick-8796850.html