WHO Alert to Another Pandemic: कोरोनी की तबाही का मंजर अब भी हमारे दिलो-दिमाग को बसा हुआ है. उपर से कई ऐसे खतरनाक संकेत मिल रहे हैं जिनसे खौफ और बढ़ जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 30 ऐसे खतरनाक वायरस और बैक्टीरिया की सूची जारी की है जो आने वाले समय में महामारी का रूप ले सकती है. 30 जुलाई को प्रकाशित रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि वैज्ञानिकों ने 30 ऐसे रोगानुजन सूक्ष्मजीवों के बारे में विश्लेषण किया है जो दुनिया भर के हेल्थ सेक्टर के लिए इमरजेंसी स्थिति पैदा कर सकते हैं और यह महामारी का रूप भी ले सकता है. वैज्ञानिकों ने ऐसा अनुमान कई साक्ष्यों के आधार पर लगाया है. ये रोगानुजन बेहद खतरनाक और तेजी से फैलने वाले हैं और लोगों को तेजी से संक्रमित कर सकता है. चिंता की बात यह है कि इनमें से बहुत ही कम वायरस के लिए वैक्सीन उपलब्ध है. रोगानुजनन का मतलब बीमारी फैलाने वाले सूक्ष्मजीवों से है.
इन बीमारियों का खतरा
टीओआई के मुताबिक नेचर जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 और 2018 में डब्ल्यूएचओ ने ऐसे दर्जनों रोगानुजनों की खोज की. इसके लिए 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने दो साल तक इन रोगानुजनों पर विश्लेषण किया. इनमें 1652 रोगानुजनों की पहचान की गई. इनमें से अधिकतर वायरस थे जबकि कुछ बैक्टीरिया भी थे. इन्हीं रोगानुजनों में से 30 को चिन्हित किया गया जो महामारी फैलाने के लिए तैयार बैठे हैं. यानी ये वायरस या बैक्टीरिया महामारी फैलाने की क्षमता रखते हैं. इन संभावित महामारी की क्षमता वाले 30 रोगानुजनों में से इंफ्लूएंजा ए वायरस, डेंगू वायरस और मंकीपॉक्स जैसे वायरस नए हैं. हाल ही में अमेरिका में इंफ्लूएंजा ए वायरस के कई स्ट्रैन मिले जिनमें सबटाइप एच 5 ने जानवरों में महामारी फैला दी थी. इस लिस्ट में बैक्टीरिया के 5 नए स्ट्रैन भी शामिल हैं जो कोलरा, प्लेग, डिसेंटरी, डायरिया और निमोनिया फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं. हाल ही में भारत में पाए गए निपाह वायरस को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है.
दक्षिण पूर्व एशिया में भी खतरा
नेचर रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूएचओ ने कुछ प्रोटोटाइप रोगानुजनन की भी पहचान की है जो वैज्ञानिक अध्ययनों के लिए मॉडल प्रजाति साबित हो सकता है और इस आधार पर वैक्सीन का विकास किया जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण पूर्व एशिया में जो रोगानुजनन सबसे ज्यादा खतरनाक साबित होने वाले हैं उनमें वाइब्रियो कॉलरा 0139, शिंजेला डिस्ट्रेट्री सेरोटाइप 1, हेनिपावायरस निपाहन्से, बेंडावायरस डेबिंसे, ओर्थोफ्लाविवायरस डेंगुए और जिकानीस और अल्फावायरस चिकनगुनिया प्रमुख है.
भविष्य की तैयारी के लिए अनुसंधान
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि हम सिर्फ एक आध महामारी फैलाने में सक्षम रोगानुजनन पर ही नहीं बल्कि सभी तरह के संभावित रोगानुजनन पर अनुसंधान कर रहे हैं ताकि चुनौतीपूर्ण समय आने पर इनके खिलाफ मजबूती से निपटा जा सके और इनके प्रसार को रोका जा सके. अनजान खतरे वाले पैथोजेन एक्स के खिलाफ भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पब्लिक हेल्थ को मजबूत किया जा सके और लोगों में जागरुकता फैलाई जा सके. पैथोजन एक्स को भविष्य में महामारी फैलाने वाले जीवाणु के रूप में जाना जाता है.
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FIRST PUBLISHED : August 5, 2024, 14:55 IST
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