गुमला: नींद में खर्राटे एक आम समस्या है. तमाम लोगों के साथ ऐसा होता है, लेकिन नींद में उन्हें नहीं पता चल पाता, जबकि बगल में सोए व्यक्ति की नींद हराम हो जाती है. नींद में खर्राटे आना कई बार खतरनाक साबित होता है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. लेकिन, प्रमुख कारण शरीर में होने वाले केमिकल बदलाव को माना गया है. डॉक्टरों की मानें तो खर्राटा बजना हार्ट अटैक, ऑक्सीजन की कमी, स्ट्रोक जैसी समस्याओं के लिए खतरे की घंटी हैं. इसलिए खर्राटे का इलाज जल्द कराना चाहिए.
क्यों आते हैं खर्राटे
किसी व्यक्ति को खर्राटे तब आते हैं, जब सांस लेने के दौरान गले के अंदरूनी हिस्सों में कंपन होता है. इस समस्या के पीछे मेलाटोनिन और सेरोटोनिन जैसे केमिकल का असंतुलन होता है. इसमें मुख्य रूप से ने जो फाइलिंग्स का जो एरिया है, उसके कुछ ग्लैंड में डेवलपमेंट हो जाता है. व्यक्ति जब निद्रा अवस्था में रहता है, तब मेलाटोनिन नींद को नियंत्रित करता है. खर्राटे आने पर ये ग्लैंड्स नींद का नियंत्रण खो देते हैं और नेजा फाइलिंग्स को ब्लॉक करते हैं. इससे जब हम सांस लेते हैं तो उसमें वाइब्रेशन होता है, जिससे खर्राटे की समस्या उत्पन्न होती है. इससे नींद की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है, जिससे खर्राटे आने की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा, सेरोटोनिन का असंतुलन गले की मांसपेशियों को कमजोर कर सकता है, जिससे वायुमार्ग संकुचित हो जाता है और खर्राटे आते हैं.
खर्राटों का देसी इलाज
प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य पंकज कुमार के अनुसार, खर्राटों का इलाज करने के लिए कुछ प्रभावी देसी तरीके हैं, जिनका पालन करने से इस समस्या से निजात पाई जा सकती है.
षडबिंदु का तेल: इस तेल को सूर्योदय के समय प्रतिदिन 6-6 बूंद दोनों नासिक में डालें. तेल डालते समय सीधा लेट करके, माथे को पीछे करें ताकि नाक एकदम खड़ी हो जाए. उस अवस्था में तेल डालकर कम से कम 15 मिनट लेटे रहें. इसके अलावा आप लेते हैं तो इस रोग से निजात अवश्य मिलती है. 10 दिन तक कम से कम लगातार इस तेल का प्रयोग करें.
तिल का तेल: तिल का तेल गर्म करके रोज रात को सोने से पहले नाक में डालने से गले की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. यह वायु मार्ग को साफ करने में मदद करता है और खर्राटों को रोकता है.
हल्दी और दूध: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो खर्राटों को कम करने में सहायक होते हैं. सोने से पहले हल्दी वाले गर्म दूध का सेवन करने से सांस लेने की प्रक्रिया को सुधारने में मदद मिलती है.
पुदीना: पुदीने के तेल की भाप लेने से नाक का वायुमार्ग खुलता है और खर्राटों में राहत मिलती है. यह उपाय खासकर तब असरदार होता है, जब खर्राटे सर्दी या नाक की रुकावट के कारण होते हैं.
तुलसी के पत्ते: तुलसी के पत्तों का सेवन भी खर्राटों को कम करने में मदद करता है. इसके लिए तुलसी के पत्तों का रस निकालकर सुबह-शाम सेवन करें.
तब डॉक्टर के पास जाएं
डॉक्टर ने बताया कि इन आसान और प्राकृतिक उपायों से खर्राटों की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है. हालांकि, अगर समस्या गंभीर हो, तो किसी चिकित्सक की सलाह अवश्य लें.
FIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 14:32 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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