गुमला. अमूमन जब हमलोग किसी होटल व रेस्टोरेंट में जाते हैं तो हमें भोजन के उपरांत सौंफ खाने के लिए दिया जाता है. साथ ही हमलोग अपने घर में बनने वाले विभिन्न पकवान जैसे पुआ, ठेकुआ, धुस्का आदि बनाने में सौंफ का प्रयोग करते हैं. सौंप को बहुत ही अच्छा पाचक माना जाता है. बता दें कि यह अग्नि प्रदीपक का भी काम करता है. यदि भोजन से पूर्व सौंफ का सेवन किया जाए तो आपको भूख को बढ़ा देगा और आप अच्छे से भोजन कर सकते हैं. आए जानें विस्तृत जानकारी आयुर्वेद चिकित्सक से…
सौंफ सेवन के हैं कई फायदे
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ.पंकज कुमार ने Bharat.one को बताया कि हमलोग प्रायः सौंफ का प्रयोग भोजन के उपरांत करते हैं. सामान्यतः ऐसे लोग मुख शुद्धि के रूप में भी सौंफ व मिश्री का प्रयोग बहुत ज्यादा करते हैं. सौंफ को एक बहुत ही अच्छा अग्नि प्रदीपक व पाचक औषधि के रूप में जाना जाता है. भोजन के बाद सौंफ लेने से भोजन का पाचन बढ़िया होता है. लेकिन यदि भोजन से पूर्व सौंफ का प्रयोग किया जाए तो यह अग्नि प्रदीपक का काम करता है.
यानि की आपको ज्यादा भूख लगेगी. अक्सर होटलों व रेस्टोरेंटों में खाने के बाद सौंफ दिया जाता है. लेकिन यदि भोजन के पहले आपको सौंफ दें तो शायद उनको ज्यादा बेनिफिट होगा. क्योंकि भोजन के पूर्व सौंफ खाने से भूख बहुत ज्यादा भूख लगेगी. तो आप भोजन अच्छी मात्रा में करेंगे और आपका पाचन भी अच्छे से होगा. इसलिए इसे अग्नि प्रदीपक भी कहा जाता है. साथ ही यदि किसी को बहुत ज्यादा बर्निंग हो रही हो, पेट में बहुत ज्यादा जलन हो रही हो. शरीर में गर्मी हो, बहुत ज्यादा पसीना आता हो, पेशाब में जलन हो, तो ऐसे लोगों को सौंफ का अर्क बनाकर पिलाई जाए तो बहुत ही फायदा होगा.
ऐसे तैयार कर सकते हैं अर्क
अर्क बनाने की बहुत ही सरल विधि है – सौंफ को पानी में उबालकर छान लें, सौंफ को पानी में फुलाकर फिर उस पानी को पिए तो उसका जो प्रॉपर्टी होता है वह जल में आ जाता है, सौंफ को पानी के साथ पीसकर आदि तरह से तैयार कर सकते हैं.
सौंफ औषधीय गुण से भरा हुआ
सौंफ औषधीय गुण से भरा हुआ है. यह भोजन को पचाने व अग्नि प्रदीपक में सहायक तो है ही. साथ ही शरीर की उष्णता को कम करने के लिए, पित्त की विकृति को शांत करने के लिए, यदि किसी को बहुत ज्यादा बर्निंग का प्रॉब्लम हो, पेट जलन होता है, खाली पेट में या भोजन खाने के बाद जलन हो, तो ऐसे लोगों को भोजन के उपरांत सौंप का पानी पीने के लिए दिया जाए तो इन सब व्याधियां से निजात मिलती है. सौंफ छोटे से बच्चे से लेकर वयोवृद्ध पर्यन्त तक किसी न किसी रूप में करते हैं.
आपने देखा होगा कि कई सदियों से छोटे-छोटे बच्चों को ग्राइप वाटर पिलाते आ रहे हैं. जो आज भी पिलाते हैं. इसमें सौंफ और मिश्री का जल होता है. सौंफ बहुत अच्छा पाचक औषधि है. इसलिए इसका नित्य सेवन करना चाहिए. सभी उम्र के लोग कर सकते हैं. सौंफ का सेवन ऐसे ही या मिश्री के साथ या गुड़ के साथ या इलायची के साथ भी सेवन कर सकते हैं. हमारे भारतीय परंपरा में जितने पकवान बनते हैं. उसमें सौंफ का प्रयोग किया जाता है. जैसे छठ के ठेकुआ में घर में किसी पूजा पाठ ने बनने वाले प्रसाद में, पुआ आदि में भी इसका प्रयोग करते हैं.
FIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 19:15 IST
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