जिंदा रहते रक्तदान कर लोगों की जान बचाने वाला 26 साल का अनीश बनर्जी, मरने के बाद भी लोगों को जिंदगी दे गया. सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के जेपीएनए ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किए गए अनीश को बेस्ट इलाज दिया गया, लेकिन प्रकृति को कुछ और ही मंजूर था और 29 अगस्त को अनीश को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया.
हालांकि दुख के इस समय में अनीश के माता-पिता को एम्स की ऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग ऑर्गनाइजेशन (ORBO) के कॉर्डिनेटर ने संवेदनशीलता के साथ अंगों के दान और उनके ट्रांसप्लांट के बारे में समझाया. गंभीर रोगों से मौत के बीच झूल रहे लोगों को जिंदगी देने की इस पहल को साकार करते हुए आखिर अनीश के माता-पिता ने ऑर्गन डोनेशन की हामी भर दी.
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अपने बेटे को श्रद्धांजलि देते हुए पिता अविजित बनर्जी ने बताया कि अनीश बहुत ही सहयोगी स्वभाव का था. वो अक्सर ब्लड डोनेट करता रहता था. उसके इसी स्वभाव ने परिवार को उसके अंगदान करने के लिए प्रेरित किया.
4 लोगों को दी जिंदगी
इस दौरान अनीश के ब्रेन डेड शरीर से हार्ट, दोनों किडनी और लिवर को सुरक्षित निकाला गया और नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन नोटो के द्वारा अलग-अलग अस्पतालों में अलोकेट किया गया है. इनमें से अनीश का हार्ट सीटीवीएस एम्स नई दिल्ली काो दिया गया. लिवर आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल को भेजा गया, एक किडनी एम्स में जबकि दूसरी किडनी सफदरजंग अस्पताल को दी गई. इस तरह मरने के बाद अनीश ने 4 अन्य लोगों को जिंदगी दी.
अनीश के माता-पिता के इस साहसपूर्ण कदम पर ऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग ऑर्गनाइजेशन इंचार्ज प्रो. आरती विज ने अंगदान करने के उनके साहस और दया भावना के प्रति आभार जताया साथ ही कहा कि अनीश के इन अंगों से 4 अन्य लोगों को जिंदगी मिलेगी जो लाइफ थ्रेटनिंग बीमारियों से जूझ रहे हैं. यह कदम अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा है.
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FIRST PUBLISHED : August 30, 2024, 17:57 IST
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