Viral Disease Spike in Delhi-NCR: बरसात के मौसम में बीमारियों का कहर बढ़ गया है. जलभराव और मच्छरों से होने वाली बीमारियां पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़ रही हैं. दिल्ली-एनसीआर के तमाम अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ नजर आ रही है. डॉक्टर्स की मानें तो अस्पतालों की ओपीडी में इन दिनों बच्चों और वयस्कों के मरीज बढ़ गए हैं. ओपीडी में सबसे ज्यादा वायरल फीवर, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के अलावा टाइफाइड, पीलिया, हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस ई और गैस्ट्रोएंटेराइटिस के मरीज आ रहे हैं.
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो ये बीमारियां जुलाई से ही फैलने लगी थीं, लेकिन अगस्त में इनका कहर तेजी से बढ़ गया है. अनुमान जताया जा रहा है कि सितंबर तक ये बीमारियां लोगों पर कहर बरपा सकती हैं. गुरुग्राम के नारायण हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. पंकज वर्मा ने Bharat.one को बताया कि “हमारे ओपीडी में गैस्ट्रोएंटेराइटिस, स्किन इंफेक्शन और वायरल फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ गई है.”
डॉक्टर की मानें तो उनके पास इन बीमारियों के सप्ताह में करीब 50 से 70 मरीज आ रहे हैं. इनमें से ज़्यादातर मरीज वायरल इंफेक्शन का शिकार होते हैं, जिसके बाद गैस्ट्रोएंटेराइटिस होता है. इसमें उल्टी और दस्त की समस्या हो जाती है. बढ़ती नमी के कारण फंगल इंफेक्शन और डर्मेटाइटिस जैसे स्किन इंफेक्शन भी कॉमन हो गए हैं. इस मौसम में हम डेंगू और टाइफाइड के कई मामले आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वायरल बुखार होने पर लोगों को तेज बुखार, ठंड लगना, शरीर में दर्द और थकान जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं.
फरीदाबाद के अमृता हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक पल्मोनोलॉजी एक्सपर्ट डॉ. मनिंदर धालीवाल के अनुसार इस मौसम में वायरल अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन और वायरल डायरिया कॉमन है. बच्चों में डेंगू के मामले अभी आने शुरू हुए हैं. टाइफाइड हर मानसून में एक जैसा होता है और हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस ई के मामले भी असामान्य नहीं हैं. हेपेटाइटिस ए और ई आमतौर पर दूषित खाने या पानी से होते हैं और इससे लिवर में सूजन आ जाती है.
होली फैमिली हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुमित रे ने कहा कि हर साल अगस्त और सितंबर में वायरल संक्रमण, डेंगू और अन्य वायरल इंफेक्शन की वजह से ओपीडी और आईपीडी में मरीजों की संख्या में 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि होती है. इस मौसम में एच1एन1 या स्वाइन फ्लू का प्रकोप भी थोड़ा बढ़ जाता है. जीका, मलेरिया और चिकनगुनिया भी लोगों को संक्रमित कर रहे हैं.
नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के संक्रामक रोग विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. जतिन आहूजा ने बताया कि वह मरीजों को सुझाए गए पीसीआर टेस्ट में ‘कोरोनावायरस फैमिली स्ट्रेन’ का डायग्नोसिस करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण कभी-कभी एक जैसे होते हैं, जैसे कि चकत्ते पड़ना. कुछ मामलों में जीका के लक्षण चिकनगुनिया से भी मिलते-जुलते हैं, जिसमें जोड़ों में दर्द और बुखार शामिल है.
हालांकि टाइफाइड के मामले में बुखार हल्का शुरू होता है और एक या दो दिन तक 99 डिग्री के आसपास रहता है. उन्होंने सुझाव दिया कि लक्षण नजर आने पर लोगों को जल्दी से जल्दी जांच शुरू कर देनी चाहिए. जितनी जल्दी हो सके जांच कर ली जाए, तो जल्द ही बीमारियों से निजात मिल सकती है.
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FIRST PUBLISHED : August 30, 2024, 13:07 IST
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