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बच्चों को रोज इतनी देर से ज्यादा न दिखाएं फोन, वरना गड़बड़ा जाएंगे हॉर्मोन, सेहत पर पड़ेगा बुरा असर


How Does Screen Time Affect Kids: आज के जमाने में ज्यादातर काम डिजिटल तरीके से किए जाते हैं और यही वजह है कि स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप जैसी डिवाइस का इस्तेमाल हद से ज्यादा बढ़ गया है. इसकी वजह से लोगों का स्क्रीन टाइम घंटों में पहुंच गया है. यहां तक कि बच्चे भी इन डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हैं और घंटों स्क्रीन देख रहे हैं. ऐसा करना बच्चों की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. अगर आप पैरेंट्स हैं, तो आपको अपने बच्चे के स्क्रीन टाइम पर खास ध्यान देना होगा, ताकि वह किसी भी तरह समस्या का शिकार न हो.

अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक 0 से 2 साल तक के बच्चों को बिल्कुल भी स्क्रीन नहीं दिखानी चाहिए. इस उम्र में जरा सा भी स्क्रीन टाइम सुरक्षित नहीं माना जाता है. 2 साल से लेकर 12 साल तक के बच्चों का स्क्रीन टाइम दिनभर में अधिकतम 1 घंटा होना चाहिए. जबकि 12 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को दिन में 2 घंटे से ज्यादा स्क्रीन नहीं देखनी चाहिए. वयस्कों के लिए भी एक दिन में स्क्रीन टाइम की लिमिट 2 घंटा है. काम की वजह से कई लोगों की स्क्रीन टाइमिंग बढ़ सकती है, लेकिन इसे कम से कम करने की कोशिश करनी चाहिए.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्क्रीन टाइम बच्चों को नई चीजें सीखने, क्रिएटिविटी डेवलप करने और सोशल कनेक्शन बनाने में मदद कर सकता है, लेकिन बहुत अधिक स्क्रीन टाइम आपके बच्चे के विकास और शारीरिक स्वास्थ्य पर नेगेटिव असर डाल सकता है. ज्यादा स्क्रीन टाइम की वजह से अधिकतर बच्चों की नींद पूरी नहीं हो पाती है और उनकी ईटिंग हैबिट्स भी प्रभावित होने लगती हैं. कई बच्चे स्क्रीन देखते समय ज्यादा खाना खा लेते हैं, तो कुछ बच्चे स्क्रीन के चक्कर में सही से खाना नहीं खाते हैं. इंटरनेट पर आने वाले जंक फूड्स के विज्ञापन देखने से बच्चों के अनहेल्दी फूड्स खाने की इच्छा बढ़ सकती है.

कई स्टडी से पता चलता है कि बच्चे की पर्याप्त नींद लेने की क्षमता स्क्रीन पर बिताए गए समय से प्रभावित होती है. सभी लोगों को हॉर्मोन्स का बैलेंस बनाए रखने के लिए पर्याप्त नींद लेने की जरूरत होती है. कम नींद की वजह से हमारी भूख को कंट्रोल करने वाले हॉर्मोन्स घ्रेलिन और लेप्टिन का बैलेंस बिगड़ने लगता है और लोगों की भूख बढ़ जाती है. कई मामलों में इससे बच्चे एग्रेसिव होने लगते हैं. घर के अंदर स्क्रीन देखने में ज्यादा समय बिताने वाले बच्चे बाहर जाना छोड़ देते हैं और शारीरिक रूप से कम एक्टिव रहते हैं. इससे उनकी सेहत प्रभावित होती है.

कई रिसर्च में कहा गया है कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए बच्चों को हर दिन कम से कम 60 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए. इसके लिए पैरेंट्स को प्रतिदिन बच्चों को पार्क ले जाकर फिजिकल एक्टिविटी के लिए प्रेरित करना चाहिए. आपके बच्चे को प्रतिदिन पर्याप्त शारीरिक गतिविधि मिलेगी, तो इससे उनकी नींद बेहतर हो जाती है और ओवरऑल हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद मिलती है. अपने बच्चे की उम्र के हिसाब से स्क्रीन टाइम लिमिट तय करें और स्क्रीन का उपयोग कहां, कब और कैसे किया जाए, यह जरूर तय करें. इससे बच्चों की हेल्थ बेहतर हो सकेगी.

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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-how-much-screen-time-safe-for-children-too-much-screen-may-disturb-hormones-parents-must-know-5-things-8582537.html

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