Skin Problems in Rainy Season: बरसात के मौसम में दाद-खाज, खुजली का प्रकोप खूब देखने को मिलता है. इस मौसम में अत्यधिक उमस हो जाती है, जिसकी वजह से लोगों का पसीना नहीं सूखता है. इससे फंगल इंफेक्शन होन लगता है और लोगों को खुजली की समस्या हो जाती है. कई बार सही कपड़े न पहनने की वजह से भी लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है. अगर लोग छोटी-छोटी बातों का खयाल रखें, तो इन परेशानियों से बच सकते हैं. आज आपको बताएंगे कि बरसात में किन वजहों से खुजली हो सकती है और इससे किस तरह बचा जा सकता है.
यूपी के कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर और डर्मेटोलॉजिस्ट ने Bharat.one को बताया कि बारिश के मौसम में फंगल इंफेक्शन के मरीज बढ़ जाते हैं. इस मौसम में वातावरण में ह्यूमिडिटी बहुत ज्यादा हो जाती है, जो फंगल इंफेक्शन की सबसे बड़ी वजह है. इस मौसम में लोगों को हद से ज्यादा पसीना आता है और शरीर लंबे समय तक गीला बना रहता है. नहाने के बाद लोगों की स्किन और बाल कई घंटों तक गीले रहते हैं, जिससे अलग-अलग तरह के फंगल इंफेक्शन पैदा हो जाते हैं. इस इंफेक्शन के कारण लोग खुजली से परेशान हो जाते हैं.
डर्मेटोलॉजिस्ट की मानें तो बारिश में भीगने और गीले कपड़े पहनने से फंगल इंफेक्शन की समस्या हो जाती है. बालों में डैंड्रफ होना भी एक तरह का इंफेक्शन है. पीठ, चेहरा और चेस्ट पर अलग-अलग तरह के फंगल इंफेक्शन पैदा हो सकते हैं. टिनिया यानी दाद सबसे कॉमन फंगल इंफेक्शन है. इसे डर्मेटोफिटिक इंफेक्शन भी कहा जाता है. यह इंफेक्शन गर्मियों में ही शुरू हो जाता है और बरसात में ज्यादा फैलने लगता है. यह स्किन के अलावा स्कैल्प में भी हो जाता है. यह नाखूनों में भी हो सकता है. एक अन्य इंफेक्शन कैंडिडा होता है, जो हाथ और पैरों की उंगलियों के बीच में हो सकता है.
एक्सपर्ट की मानें तो बरसात में फंगल के अलावा बैक्टीरियल इंफेक्शन भी फैलने लगता है. शरीर में गीलेपन की वजह से पिटेड केराटोलोसिस के मामले बढ़ जाते हैं. यह हाथ-पैर में गीलेपन की वजह से होने वाला इंफेक्शन है. इसमें खुजली नहीं होती है, लेकिन हाथ-पैरों की स्किन हट जाती है. बारिश के मौसम में स्किन एलर्जी के केसेस में भी बढ़ोतरी देखने को मिलती है, क्योंकि इस मौसम में धूल-मिट्टी लोगों के लिए परेशानी पैदा कर देती है. इन सभी इंफेक्शन के लिए एंटी-फंगल क्रीम और एंटी-फंगल पाउडर इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. बैक्टीरियल इंफेक्शन में एंटीबैक्टीरियल क्रीम दी जाती है.
डॉक्टर युगल राजपूत ने बताया कि लोगों को अगर किसी तरह के इंफेक्शन के लक्षण दिखें, तो तुरंत डर्मेटोलॉजिस्ट से मिलकर कंसल्ट करना चाहिए. इन प्रॉब्लम्स के लिए अलग-अलग क्रीम और पाउडर दिए जाते हैं. कई बार इंफेक्शन का पता लगाने के लिए टेस्ट भी कराए जाते हैं. फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए ओवर द काउंटर मिलने वाली क्रीम इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन अगर कुछ दिनों तक राहत न मिले, तो डॉक्टर से मिलना चाहिए. इन प्रॉब्लम्स को लेकर लापरवाही खतरनाक हो सकती है. इससे बचने की जरूरत होती है.
दाद-खाज, खुजली से ऐसे कर सकते हैं बचाव
– बारिश में भीगने पर गीले कपड़े तुरंत बदलें और उन्हें अच्छी तरह से सुखाएं. त्वचा को साफ और सूखा रखें.
– नहाने के बाद त्वचा को अच्छी तरह सुखाएं और उस पर मॉइश्चराइजर लगाएं. खोपड़ी को भी गीला न रखें.
– दाद और अन्य फंगल संक्रमण के लिए डॉक्टर की सलाह पर एंटी-फंगल क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं.
– ऐसे कपड़े पहनें जो त्वचा को सांस लेने दें और नमी को सोख सकें. इस मौसम में सूती कपड़े पहनने चाहिए.
– त्वचा को नमी देने के लिए अच्छे मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें. इस बारे में डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह लें.
– अगर आपको स्किन एलर्जी है, तो बाहर जाने से पहले मास्क पहनें और अपने घर में धूल से बचाव करें.
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FIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 15:22 IST
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